- वेडिंग इंडस्ट्री पर संकट नवंबर में आरंभ हो रहे हैं विवाह समारोह
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए शादी समारोह में अधिकतम 100 लोगों के शामिल होने के नियम के चलते वेस्ट यूपी में करोड़ों रुपये के सालाना कारोबार वाले शादी कारोबार पर संकट गहरा गया हैं।
शादी से जुड़े कारोबारियों के मुताबिक अगर सरकार ने शादीद समारोह में शामिल होने वालों की संख्या में ढील नहीं दी तो 25 नवंबर से शुरू होने वाले वेडिंग सीजन के दौरान करोड़ों रुपये के कारोबार का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा इससे जुड़े मजदूरों और कारोबारियों को रोजगार से हाथ धोना पड़ सकता हैं।
विवाह मंडप एसोसिएशन के अध्यक्ष विपुल सिंघल कहते है कि शादी समारोह नहीं होने से आर्थिक हालात और खराब हो सकते हैं। क्योंकि मार्केट में पैसा नहीं आएगा। वेडिंग इंडस्ट्री से सरकार को भी राजस्व मिलता है। पहले ही वेडिंग इंडस्ट्री को करोड़ों का नुकसान हो चुका हैं।
मंडप एसोसियेशन प्रशासन से यह मांग कर चुकी है कि शादी समारोह में 300 से 400 लोगों के शामिल होने की छूट दी जाए। बिजली के बिलों में भी छूट की मांग की गई, लेकिन सरकार की तरफ से पिछले बिलों में किसी तरह की राहत नहीं दी है।
हालांकि बिना ब्याज के कम से कम 25 लाख का कर्ज भी मंडप स्वामी मांग रहे हैं। वेडिंग इंडस्ट्री से करीब तीन लाख श्रमिक जुड़े हुए हैं।
मेरठ में अकेले 100 करोड़ का वेडिंग सीजन में कारोबार किया जाता है,जो पिछले सीजन में नहीं हो पाया। नवंबर से फिर विवाह समारोह आरंभ होंगे, ऐसे में प्रशासन-शासन की तरफ से 100 लोगों के ही विवाह समारोह में शामिल होने की फिलहाल अनुमति मिली है।