- यूपी गेट दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों के लिए लगाएंगे लंगर
जनवाणी ब्यूरो |
शामली: दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर रहे भाकियू कार्यकर्ताओं और किसानों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने जनपद के 60 गांवों से खाद्यान्न एकत्र किया। जिसके बाद प्रदेश प्रवक्ता और जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार होकर दिल्ली रवाना हो गए। दिल्ली गेट पर भाकियू पदाधिकारी किसानों के लिए लंगर लगाएंगे।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन समेत देशभर के विभिन्न किसान संगठन दिल्ली में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में यूपी गेट पर धरना-प्रदर्शन कर रहे भाकियू के कार्यकर्ताओं के भोजन की व्यवस्था के लिए सोमवार को भाकियू के प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार और जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान के नेतृत्व में जनपद के 60 गांवों से खाद्यान्न एकत्र किया गया।
प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार ने बताया कि जनपद से एकत्र किया गया खाद्यान्न लेकर दिल्ली के यूपी गेट पर पहुंच रहे हैं, जहां पर अपने हक के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए लंगर लगाया जाएगा। जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान ने कहा कि आंदोलन में बैठे हुए किसान सर्दी से मर रहे हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंग रही है। किसानों को अपनी ताकत का एहसास होगा।
शामली से दिल्ली रवाना होने वालोें में प्रदेश प्रवक्ता कुलदीप पंवार, जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान, जिला उपाध्यक्ष संजीव राठी जिला उपाध्यक्ष व ओमवीर पटवारी, दीपक शर्मा ब्लॉक अध्यक्ष, अजित निर्वाल, अमित अली, मुनव्वर, सद्दाम, गय्यूर अली, तालिब अली समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं किसान रवाना हुए।
समर्थन मूल्य पर खरीदारी के प्रावधान की मांग
सोमवार को भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र देशवाल के नेतृत्व में एक ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री को संबोधित एसडीएम सदर संदीप कुमार को सौंपा। जिसमें उन्होने कहा कि कृषि उत्पादन का समर्थन मूल्य पर खरीदारी का कानून प्रावधान किया जाये। कृषि न्यायालय की स्थापना की जाये। इस अवसर पर दुष्यंत पुंडीर, अरूण कुमार, अक्षय कुमार, रविन्द्र सैनी, राजेन्द्र, मंदीप सिंह आदि मौजूद रहे।
कृषि कानूनों से मंडी और एमएसपी हो जाएगा खत्म
कैराना में किसान नेता राजन जावला के नेतृत्व में किसानों ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन तहसीलदार प्रवीण कुमार को सौंपा। ज्ञापन में ने कहा गया कि किसान विरोधी कानूनों के फलस्वरुप मंडी समिति और एमएसपी समाप्त हो जाएगी। कारपोरेट जगत की स्वेच्छा से दी जाने वाली कीमत पर कृषि उपज की खरीद होगी। जिससे पूंजीपतियों और किसानों के बीच संभावित विवादों का निस्तारण भी सिविल कोर्ट में न होने से किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा।
इकरारनामा के माध्यम से किसानों शोषण होगा और तैयार फसलों की कीमत गुणवत्ता से कम मिल पाएगी। भंडारण की सीमा कारपोरेट जगत के पक्ष में समाप्त हो जाएगी जिसका लाभ किसानों को नहीं मिल कर सीधे पूंजी पतियों को मिलेगा। ज्ञापन देने वालों में सलमान चौहान एडवोकेट अनीस अहमद एडवोकेट चौधरी बिलाल एडवोकेट मोहम्मद कोकब फैजान अली सादिक नदीम अली सादिक चौधरी वसीम एडवोकेट आदि शामिल रहे।
ऊन में 24 को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने तहसील कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा कानून वापस न लेने पर 24 दिसंबर को तहसील कार्यालय पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी गई बाद में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा गया।
केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का रोष बढ़ता जा रहा है किसानों ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में तहसील कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा सरकार से तीनों कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग की साथ ही कानून वापस न लेने पर 24 दिसंबर को तहसील कार्यालय पर विशाल धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दी गई।
बाद में उप जिलाधिकारी मनी अरोरा को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शन करने वालों में तेजपाल सिंह, ठाकुर सत्यपाल, ठाकुर उग्रसिंह चौहान, ठाकुर यशपाल सिंह, दीपक, राजेंद्र सिंह, राहुल, पप्पू नायक, नदीम, जीशान आदि शामिल रहे।
कृषि कानूनों के विरोध में क्रमिक अनशन कल
शामली में किसान नेता अनिल मलिक ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि 23 दिसंबर को किसान मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष में गुरुद्वारा तिराहे पर स्थित चौधरी चरण सिंह पार्क शामली में किसान भारत सरकार द्वारा लाए गए राष्ट्र विरोधी तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान एकता के बैनर तले सुबह हवन कर स्व. चौधरी साहब को श्रद्धाजंलि अर्पित की जाएगी।
जिसके बाद चौधरी चरण सिंह की विचारधारा के किसानों व सम्मानित नागरिकों द्वारा क्रमिक अनशन किया जाएगा। यह क्रमिक अनशन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा और तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग की जाएगी। ताकि इन काले कानूनों से देश का छोटा व्यापारी, किसान व मजदूर बच सके।