जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बहुजन समाज पाटी की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि उपेक्षित वर्गों का ग्रंथ रामचरितमानस, मनुस्मृति आदि नहीं भारतीय संविधान है। बाबा साहेब ने इन्हें शूद्रों की नहीं बल्कि एसटी, एसटी और ओबीसी की संज्ञा दी है। सपाई शूद्र कहकर उनका अपमान कर रहे हैं इससे संविधान की अवहेलना हो रही है। सपाध्यक्ष को संविधान का आदर करना चाहिए।
मायावती ने कहा कि सपा प्रमुख को इनकी वकालत करने से पहले लखनऊ गेस्ट हाउस के दो जून 1995 की घटना को भी याद कर अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। देखना चाहिए कि जब सीएम बनने जा रही है एक दलित की बेटी पर सपा सरकार ने जानलेवा हमला कराया था। वैसे भी यह जगजाहिर है कि देश में एससी, एसटी, ओबीसी, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के आत्म सम्मान एवं स्वाभिमान की कदर बीएसपी में ही थी।
2. इतना ही नहीं, देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों, आदिवासियों व ओबीसी समाज के शोषण, अन्याय, नाइन्साफी तथा इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि की उपेक्षा एवं तिरस्कार के मामले में कांग्रेस, भाजपा व समाजवादी पार्टी भी कोई किसी से कम नहीं।
— Mayawati (@Mayawati) February 3, 2023
उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी दलितों आदिवासियों में ओबीसी समाज के शोषण, अन्याय, नाइंसाफी तथा इन वर्गों में जन्मे महान संतों, गुरुओं व महापुरुषों आदि की उपेक्षा तिरस्कार के मामले में कांग्रेस भाजपा व समाजवादी पार्टी कोई भी कम नहीं है।