- लॉकडाउन से खस्ता हालात अब बिल को लेकर चिंता
- कटे हुए कनेक्शन को जुड़वाने के लिए उपभोक्ता को देना पड़ता है अधिक चार्ज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लॉकडाउन के कारण आम जनता आर्थिक तंगी से जूझ रही है। जिस कारण वह अपना बिजली बिल तक समय पर जमा नहीं करा पा रही है। वहीं, बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं के बिल में एडिशनल सिक्योरिटी चार्ज लगाकर उनको चिंता में और डाल दिया है। क्योंकि पहले से ही घर का खर्चा सहीं से नहीं चल पा रहा। ऐसे में अब एडिशनल सिक्योरिटी के साथ बिल जमा कैसे करें।
समय पर बिल जमा न होने पर कट जाता है कनेक्शन
कोविड-19 में जहां आम जनता को आर्थिक तंगी से जुझना पड़ा है। वहीं व्यापारी वर्ग एवं किसान के हालात भी काफी खराब हुए है। उसके बावजूद बिजली विभाग अब व्यापारियों से एडिशनल सिक्योरिटी चार्ज के साथ बिल जमा करा रहा है।
जिसमें कि अगर उपभोक्ता समय अवधि पर बिल जमा न करा पाए, तो उसका कनेक्शट काट दिया जाता है। यहीं नहीं अगर उपभोक्ता बाद में बिल जमा कराते हुए कनेक्शन जुड़वाना चाहे तो उनसे लेट बिल जमा एवं कनेक्शन जोड़ने के नाम पर भी चार्ज वसूला जा रहा हैं।
इसी तरह से किसान भी बिजली विभाग की मनमानी से काफी परेशान है। किसान आएं दिन बिजली विभाग के दफ्तर आकर ज्यादा बिल की शिकायत कर रहे है।
हाईलॉस कम करने के लिए विभाग कर रहा कार्रवाई
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बिजली विभाग की समीक्षा करते हुए कई महीने से बिल जमा न करने के कारण एकत्रित हुए हाईलोस पर नाराजगी जतायी थी। और जल्द से जल्द हाईलोस को कम करने के निर्देश जारी किए थे। जिसके पश्चात से विभाग हर रोज बकाए दारों पर कार्यवाही कर रही है।
जिसमें कि जिन उपभोक्ता ने मजबूरी में अभी तक बिल जमा नहीं किया है ,उनके कनेक्शन भी काटे जा रहे है। यहीं नहीं कनेक्शन कटने के पश्चात अगर उपभोक्ता पूरा पैसा भी जमा करता है तो उस पर नियम अनुसार जुर्माना भी भरना पड़ता है। जब वह जुमाने के राशि के साथ बिल जमा कराता है तभी उसका कनेक्शन जुड़ पाता है। नहीं तो वह अंधेरे में ही रहना पड़ता है।
आनलाइन में पूरे काउंटर पर किस्तों में जमा कर सकते हैं बिल
वहीं, बिजली अधिकारियों की माने तो उपभोक्ता अगर आनलाइन माध्यम से बिल जमा कराता है तो उसको पूरा बिल जमा कराना होता है, लेकिन अगर उपभोक्ता बिजली घर में काउंटर पर जाकर बिल जमा कराता है तो विभाग की तरफ से उसकी स्थिति को देखकर किस्तों में बिल जमा करने की छूट दी जाती है।
जिससे कि उसका कनेक्शन भी न कटे और वह अपना बिल भी जमा करा दें। बता दें कि कोविड-19 के कारण भारत सरकार द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन से आम जनता की आर्थिक स्थिति काफी नाजूक हो गई है।
जोकि अभी तक संभल नहीं पायी है। इसलिए जनता भी आस लगाए हुए थी, कि सरकार की तरफ से बिल माफ किया जाएगा, लेकिन सरकार द्वारा बिल माफ करने को लेकर कोई घोषण नहीं की। जिससे अब उपभोक्ता को बिल जमा करना पड़ रहा है।
इस संबंध में अधीक्षण अभियंता एके सिंह ने कहा कि साल भर बिल का औसतन देखकर नियम अनुसार एडिशनल सिक्योरिटी चार्ज जमा कराया जाता है। जमा सिक्योरिटी रिफेडवल होती है एवं उस पर उपभोक्ता को ब्याज भी मिलता हैं।
बिजली विभाग ने राजस्व वसूलने गत वर्ष अक्टूबर का रिकॉर्ड तोड़ा
विद्युत नगरीय वितरण मंडल मेरठ में प्रबंध निदेशक पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड मेरठ अरविन्द मलप्पा बंगारी के निर्देश पर चलाए गए बकाएदारों के संयोजन विच्छेदन अभियान एवं समाधान शिविर में अबकी बार गत वर्ष की तुलना में बहतरीन राजस्व वसूला गया है।
ये जानकारी अधीक्षण अभियंता विद्युत नगरीय वितरण मंडल एके सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि अभियान के कारण ही अक्टूबर 2020 में राजस्व वसूली गत वर्ष के अक्टूबर माह से 28 करोड़ अधिक तथा थ्रू रेट में गत वर्ष की तुलना में रिकॉर्ड 214 पैसे तथा प्रगामी रेट में 64 पैसे की बढ़ोतरी हुई है।
जिससे विभाग को काफी राहत मिली है। साथ ही उन्होंने बताया कि प्रबंध निदेशक अरविंद मल्लपा बंगारी एवं मुख्य अभियंता एसबी यादव द्वारा किए गए शिविरों के निरीक्षण कड़े निर्देशों के कारण सभी कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा राजस्व लक्ष्यो को प्राप्त किया जा सका।
बता दें कि अभियान के दौरान बकाएदारों पर विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई थी। जिसमें उपभोक्ताओं के कनेक्शन तक काट दिए गए थे, कनेक्शन कटने की डर से ही सभी उपभोक्ताओं ने समय पर बिल जमा करना ही उचित समझा। जिससे विभाग को हाईलॉस कम करने में फायदा हुआ।