- बेगमपुल के व्यापारियों से की मीटिंग, विवाद सुलझाने का प्रयास
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एनसीआरटीसी और कैंट बोर्ड के अधिकारियों की टीम ने सोमवार को बेगमपुल के व्यापारियों से बातचीत की तथा यह सर्वे किया कि कितनी जमीन स्टेशन के लिए चाहिए। व्यापारियों को अन्यंत्र दुकान देने पर भी विचार हुआ, लेकिन व्यापारियों ने कहा कि दुकान किराये पर नहीं, बल्कि उन्हें खरीदकर दी जाए। इसके लिए लिखित में एग्रीमेंट भी व्यापारियों को करके दिया जाए।
टीम में शामिल अधिकारियों ने बेगमपुल पर करीब उन 64 दुकानों का भी सर्वे किया, जिनको शिफ्ट करने पर बात चल रही है। इसको लेकर गतिरोध बना हुआ है, जिसको दूर करने के प्रयास में एनसीआरटीसी के अधिकारी जुट गए हैं। क्योंकि यहां पर कोई भी काम अभी एनसीआरटीसी का आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इसी वजह से एक टीम सोमवार को बेगमपुल पर पहुंची, जहां पर विरोध करने वाले व्यापारियों से बातचीत भी की तथा सर्वे किया।
सर्वे में देखा कि स्टेशन के लिए कितनी जगह पर्याप्त है। उसके हिसाब से पैमाइश भी कराई गई। हालांकि अभी कुछ भी फाइनल नहीं किया है, लेकिन सर्वे करने के बाद यह तय किया जाएगा कि कहां पर क्या बनेगा? क्योंकि एनसीआरटीसी द्वारा बनाये गए मानचित्र के अनुसार काम चल रहा है।
इसी को लेकर सर्वे कराया जा रहा है। हालांकि एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने मीडिया से भी इसको लेकर फिलहाल कोई बात नहीं की। कहा कि ये रुटीन वर्क है, इसमें व्यापारियों से भी बात की जा रही है। व्यापारियों की मांग है कि जो दुकानें उन्हें मथुरा प्लेस में दी जा रही है, वहां पर उनका कारोबार ठप हो जाएगा। फिर ये दुकानें किराये पर दी जा रही है, स्थाई नहीं। व्यापारी स्थाई रूप से दुकान मांग रहे हैं।
व्यापारियों ने पहले ही कह दिया है कि दुकान व मकान स्थाई दिये जाए। उन्हें किराये पर दुकान नहीं चाहिए। इसको लेकर गतिरोध बना हुआ है। यह गतिरोध अभी दूर नहीं हुआ है। कोठी नंबर 80 को खाली कराया जा रहा है। इसमें करीब 10 परिवार रह रहे हैं।
इनको रुड़की रोड पर वन-बेडरूम देने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर भी लोग खुश नहीं है। क्योंकि कैंट में जो आवास है, वो बड़ी कीमत के हैं। इनको खाली करने के लिए मुआवजे की मांग की जा रही है। हालांकि मुआवजा देने को एनसीआरटीसी कतई तैयार नहीं है।