जनवाणी ब्यूरो |
मेरठ: संगठन में चचा के नाम से पहचान रखने वाले जनसंघ कालीन भाजपा नेता कृष्ण गोपाल के अंतिम दर्शन को भाजपाइयों का सैलाब उमड़ पड़ा। उनका अंतिम संस्कार ब्रजघाट पर किया गया। इससे पहले ब्रह्मपुरी स्थित उनके निजी आवास पर भाजपा का शायद ही कोई ऐसा पदाधिकारी रहे हों जो न पहुंचे हों।
उनकी अंतिम यात्रा को कंधा देने में प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी सरीखे वरिष्ठ भाजपाई शामिल रहे। उनके निधन पर सांसद राजेन्द्र अग्रवाल, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, संगीत सोम, सोमेन्द्र तोमर, महानगर भाजपाध्यक्ष मुकेश सिंहल, गौरव गोयल, बीना वाधवा, मंजू गोयल, रिनी जैन, अनिल जैन, नीरज राठौर, अजय गुप्ता, व्यापारी नेता अंकुर गोयल, हर्ष गोयल, पूर्व विधायक अमित अग्रवाल आदि ने भी गहरा दु:ख व्यक्त किया है। भाजपा के भीष्म पितामह ‘चचा’ कृष्ण गोपाल का बुधवार को निधन हो गया।
वे करीब 72 वर्ष के थे। जीवन भर उन्होंने भाजपा और संघ परिवार की सेवा की। नगर निगम और चुनावों के वे विशेषज्ञ माने जाते थे। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के वे विश्वासपात्र रहे। भाजपा में छोटा हो या बड़ा, सभी के लिए वे जीवन भर चचा ही रहे। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी के करीब 50 साल से साथी और चुनाव संयोजक रहे।
डा.वाजपेयी के अनुसार चचा कृष्ण गोपाल का जन्म दिसंबर 1949 में हुआ। मेरठ नगर पालिका में सभासद दल नेता रहे। जनसंघ के महामंत्री प्रकाश चंद सर्राफ के साथ उन्होंने कार्य शुरू किया। मेरठ शहर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव सह संयोजक, संयोजक रहे। वर्ष 2001 में वे भाजपा के मेरठ महानगर के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वे जीवन भर सामान्य कार्यकर्ता को कार्य का आधार मानते थे।
उन्हें बीच में भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रबंधन के लिए लखनऊ कार्यालय का प्रभार दिया गया। लोकसभा के पिछले परिसीमन के दौरान प्रदेश का काम देखा। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के आवास पर बैठकर उन्होंने परिसीमन का नक्शा आदि तैयार किया। चुनावों के वे प्रबंधन में लगातार लगे रहे। उनका वास्तविक नाम कृष्ण सिंह था। लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि 50 वर्ष के साथी और मेरठ महानगर में एक युग समाप्त हो गया।