नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 24 बच्चों की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। मध्य प्रदेश पुलिस ने तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी के मालिक एस. रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया है। यह वही कंपनी है जिसने जहरीला कोल्ड्रिफ कफ सिरप तैयार किया था।
तमिलनाडु के कांचीपुरम से हुई गिरफ्तारी
छिंदवाड़ा की पुलिस ने बताया कि श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक एस. रंगनाथन को बुधवार रात तमिलनाडु के कांचीपुरम से हिरासत में लिया गया। पुलिस की टीम आरोपी को चेन्नई की एक अदालत में पेश करेगी और ट्रांजिट रिमांड हासिल करने के बाद उसे मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा लाया जाएगा।
कोल्ड्रिफ कफ सिरप बना मौत का कारण
जांच में सामने आया है कि श्रीसन फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से मध्य प्रदेश और राजस्थान में 24 बच्चों की मौत हो चुकी है। शुरुआती जांच में सिरप में डायथिलीन ग्लाइकोल (DEG) जैसे जहरीले तत्वों की मौजूदगी की आशंका जताई गई है, जो बच्चों के गुर्दे और तंत्रिका तंत्र को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
कई राज्यों में बैन और अलर्ट
घटना के बाद कई राज्यों ने तत्काल कार्रवाई की है। तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, पंजाब और अरुणाचल प्रदेश ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों ने भी अलर्ट जारी कर दिया है और संदिग्ध दवाओं के नमूने जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।
श्रीसन फार्मा की फैक्ट्री सील
तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी ने कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा की उत्पादन इकाई को सील कर दिया है। जांच के दौरान फैक्ट्री से असुरक्षित दवाइयों, केमिकल्स और अधूरे रिकॉर्ड की बरामदगी हुई। अधिकारियों का कहना है कि फैक्ट्री बिना आवश्यक लाइसेंस और गुणवत्ता नियंत्रण के मानकों के संचालित की जा रही थी।
छिंदवाड़ा पुलिस का बड़ा अभियान
छिंदवाड़ा पुलिस की एक विशेष टीम आरोपी की गिरफ्तारी के लिए चेन्नई और कांचीपुरम भेजी गई थी। कई दिनों की खोजबीन के बाद बुधवार देर रात रंगनाथन को पकड़ लिया गया। एसपी अजय पांडे ने कहा- “आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लाकर छिंदवाड़ा में आगे की पूछताछ की जाएगी। पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है।”
24 से अधिक मासूमों की मौत से मचा हड़कंप
कोल्ड्रिफ सिरप पीने के बाद 24 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अब भी अस्पतालों में भर्ती हैं। राज्य सरकारों ने संदिग्ध बैचों की बिक्री रोकने, मेडिकल स्टोर्स पर छापेमारी और नमूनों की लैब जांच के आदेश जारी किए हैं।
कहां से शुरू हुआ कफ सिरप कोल्ड्रिफ विवाद
ह विवाद 2 अक्टूबर से शुरू हुआ, जब तमिलनाडु के औषधि नियंत्रण अधिकारियों ने घोषणा की कि उनके द्वारा जांचे गए कोल्ड्रिफ सिरप के नमूने मिलावटी पाए गए। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि नमूने में डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की मात्रा 48.6 प्रतिशत (w/v) थी, जबकि इसकी अनुमेय सीमा केवल 0.1 प्रतिशत है। यह एक अत्यंत जहरीला रसायन है, जो शरीर में पहुंचने पर किडनी और लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचाता है और कई मामलों में मौत का कारण भी बन सकता है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की टीम ने जब तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल फैक्टरी का निरीक्षण किया, तो वहां बिना बिल वाले डायथिलीन ग्लाइकॉल के कंटेनर पाए गए। जांच में यह भी पता चला कि कंपनी सिरप निर्माण में 46-48 प्रतिशत तक DEG का इस्तेमाल कर रही थी। वहीं तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने भी अपने औषधि नियंत्रण विभागों को अलर्ट जारी करने के निर्देश दिए हैं। इस बीच, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ. सुनीता शर्मा ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को परामर्श जारी करते हुए कहा कि बाल चिकित्सा आबादी में कफ सिरप का प्रयोग बेहद सावधानी से किया जाए। उन्होंने डॉक्टरों से आग्रह किया कि बच्चों में खांसी-जुकाम के लिए दवाओं का तर्कसंगत उपयोग सुनिश्चित करें।

