Sunday, October 6, 2024
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नवोदय विद्यालय जैसी सुविधाओं की शिक्षा पा सकेंगे श्रमिकों के बच्चे

  • अटल आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए आवेदन 31 तक, परीक्षा मंडल के सभी जिलों में 18 जून को

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जवाहर नवोदय विद्यालय की तर्ज पर उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों तथा कोविड-19 की महामारी के दौरान कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों को कक्षा छह से 12वीं तक नि:शुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की गई है।

मेरठ मंडल मेरठ में यह विद्यालय जनपद बुलन्दशहर के ग्राम कौदू तहसील सिकन्द्राबाद में स्थित है। इस विद्यालय के प्रथम सत्र मे कक्षा छह में प्रवेश के लिए 80 बच्चों के प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित की जानी है। जिसके लिए आनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 मई निर्धारित की गई है। जबकि प्रवेश परीक्षा 18 जून को कराई जाएगी।

उप श्रमायुक्त राजीव सिंह ने बताया कि आवेदन पत्र सम्बन्धित जनपदों की वेबसाइट से तथा जनपदों के श्रम विभाग के समस्त कार्यालयों, प्रत्येक मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय, बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, जिला प्रोबेशन कार्यालय, तहसील मुख्यालय, जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय, मंडलायुक्त कार्यालय से नि:शुल्क प्राप्त किया जा सकता है।

पूर्णरूप से भरे आवेदन पत्र तीन अतिरिक्त फोटो के साथ जनपदों के श्रम विभाग कार्यालय में 31 मई तक जमा किये जा सकते हैं। प्रवेश परीक्षा जनपद गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, बागपत, मेरठ एवं गौतमबुद्ध नगर में 18 जून को पूर्वान्ह 11 बजे से अपरान्ह एक बजे के मध्य होगी।

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दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए 40 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जायेगा एवं उनके सहयोग के लिए नियमानुसार सहायक सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। उन्होंने बताया कि चयनित छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क शैक्षिक आवासीय विद्यालय सुविधा, उच्च तकनीकी से युक्त कक्षाएं, अनुभवी अध्यापक छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास, नि:शुल्क शिक्षा, भोजन, पाठ्य पुस्तकें, आवास यूनिफार्म तथा खेल की सुविधाएं प्रदान की जायेंगी।

इसमें मेरठ मंडल के आवर्त जनपदों गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड, बागपत, मेरठ, एवं गौतमबुद्ध नगर में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के अद्यनीकृत रूप से विधिवत पंजीकृत निर्माण श्रमिक जो पंजीयन के उपरान्त एक अप्रैल 20023 को कम से कम तीन वर्ष बोर्ड की सदस्यता अवधि पूर्ण कर चुके हैं, उनके प्रति परिवार के अधिकतम दो बच्चे पात्र होंगे। इसके अलावा कोविड-19 से अनाथ बच्चे, जिनका महिला एवं बाल विकास कल्याण विभाग में पंजीयन हो अथवा मुख्यमंत्री बाल सेवायोजना (सामान्य) में 10 से वर्ष 13 वर्ष तक के बच्चे पात्र होंगे।

कुल 80 सीटों के स्थानों में बालकों के लिए 40 सीटों में 20 सीटें अनारक्षित, 11 सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग, आठ सीटें अनुसूचित जाति तथा एक सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की जायेगी। यही आरक्षण व्यवस्था 40 बालिकाओं के प्रवेश में लागू होगी। राज्य के मानकदंडों के अनुसार दिव्यांग बच्चों (अर्थात शारीरिक विकलांगता, श्रवण बाधित और दृष्टि बाधित) के लिए आरक्षण का प्राविधान हैं।

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