- चार दिन हो गये हैं टीम को मेरठ में निरीक्षण करते हुए
- कहीं अच्छी रैंक के बीच में न आ जाये सफाई कर्मचारियों की कमी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर टीम ने मेरठ में डेरा डाल रखा है। नगर निगम अधिकारियों को इस बार टीम से काफी अच्छी उम्मीदे हैं। पिछले साल के मुकाबले मेरठ की रैंक इस बार और भी अच्छी हो सकती है, लेकिन यहां शहर के नाले कहीं इस रैंक की सुधार में रुकावट न बन जायें। हालांकि नालों की सफाई का कार्य शुरू हो चुका है और टीम हर प्रकार से सभी कार्यों पर गुपचुप तरीके से नजर गड़ाये हुए हैं। उधर, सफाई कर्मचारियों की कमी भी एक विषय हो सकता है।
स्वच्छता सर्वेक्षण वर्ष 2022 को लेकर मेरठ की परीक्षा की घड़ी शुरू हो चुकी है। शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर टीम पिछले चार दिनों से डेरा डाले हुए है और वह गुपचुप तरीके से अपनी रिपोर्ट बना रही है, जोकि हाईकमान को रिपोर्ट करेगी। अब देखना यह कि नगर निगम इस परीक्षा में कहां तक पास होता है।
पिछले दो वर्ष की बात करें तो नगर निगम की रैंक में वर्ष 2021 में काफी सुधार हुआ। पहले जो रैंक 42 थी, वो सुधर कर 27वें नंबर पर पहुंच गई थी। नगर निगम को 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 27वीं रैंक मिली थी, लेकिन इस साल की बात करें तो नगर निगम अपनी ओर से पूरा प्रयास कर चुका है कि उसकी रैंक में सुधार हो। जैसे कहा जाये तो नगर निगम की ओर से इस बार डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने का कार्य शुरू हो चुका है, जोकि एक प्राइवेट कंपनी को ठेका दे दिया गया है।
सफाई कर्मचारियों को सुबह पांच बजे ही सफाई के लिये लगा दिया जाता है और मौके पर ही उनकी हाजिरी लगाई जाती है। शहर में पानी छिड़काव, सफाई कार्य भी कराये जा रहे हैं, लेकिन यहां सफाई कर्मचारियों की कमी इसमें बाधा उत्पन्न कर सकती है।
26 लाख की आबादी पर तीन हजार सफाईकर्मी
शहर में सफाई कर्मचारियों की बात की जाये तो यहां मेरठ में कुल तीन हजार के आसपास सफाई कर्मचारी हैं। जिनमें 2415 कर्मचारी आउट सोर्सिंग सफाई कर्मचारी हैं और 650 स्थायी सफाई कर्मचारी हैं। अब मार्च माह की बात की जाये तो पिछले माह ही नगर निगम से 55 सफाई कर्मचारी रिटायर्ड हुए हैं। हर माह कर्मचारी रिटायर्ड हो जाते हैं, लेकिन विभाग की ओर से उनकी कमी को पूरा नहीं किया जाता है।
सफाई कर्मचारी संघ के महामंत्री कैलाश चंदौला ने बताया कि मेरठ की आबादी करीब 26 लाख के आसपास है और शहर में 90 वार्ड हैं। ऐसे में कुल तीन हजार सफाई कर्मचारी कहां तक व्यवस्था संभाल पाएंगे। शहर के सभी वार्डों की सफाई व्यवस्था के साथ साथ सड़कों की सफाई समेत कई कार्य हैं, जो सफाई कर्मचारियों के द्वारा ही किये जाते हैं। सफाई कर्मचारियों की कमी कहीं स्वच्छता सर्वेक्षण की अच्छी रैंक के बीच में न आ जाये।
कई कार्यों में सुधर सकती है रैंक, कई कार्य अब भी अधूरे
शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाये जाने का कार्य शुरू हो चुका है। बाजारों में दो समय सफाई कराई जा रही है। सफाई कर्मचारी यूनिफार्म में काय कर रहे हैं। पार्किंग के नये ठेकों में शोचालय, पीने का पानी, टीने शेड आदि डलवाने का कार्य किया जाना है जो कि शर्त में मौजूद है। जो ठेकेदार पार्किंग का ठेका शहर में कहीं भी लेगा, उसे इनकी व्यवस्था करनी होगी। शहर में पानी का छिड़काव कराया जा रहा है।
यह सभी कार्य समय पर हो रहे हैं, लेकिन शहर के नालों की सफाई की बात की जाये तो शहर में अधिकांश नालों को साफ करने का कार्य चल रहा है, लेकिन कई नाले ऐसे हैं। जो इतने समय में साफ नहीं हो पायेंगे और वह इसमें बाधा खड़ी कर सकते हैं।