Thursday, March 28, 2024
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समीक्षा बैठक को मुख्यमंत्री सीएम योगी ने किया संबोधित

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जनवाणी ब्यूरो |

लखनऊ: प्रधानमंत्री मोदी ने हर देशवासी को शुद्ध पेयजल सुलभ कराने के उद्देश्य से 15 अगस्त 2019 को घोषित की गई ‘जल जीवन मिशन’ से आज बुंदेलखंड-विंध्य क्षेत्र की तस्वीर बदल रही है। हर घर में शुद्ध पेयजल का सपना पूरा हो रहा है।

● ‘हर घर नल-हर घर जल’ के संकल्प के साथ प्रदेश के 2.64 लाख घरों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जाना है। विगत 05 वर्ष में शुद्ध पेयजल से वंचित 02 करोड़ 51 लाख से अधिक आबादी के लिए शुद्ध पेयजल का सपना साकार हुआ है। 36 लाख घरों में नल के कनेक्शन लगाये हैं। अकेले विंध्य-बुंदेलखंड क्षेत्र में 18.67 लाख घरों को पाइप्ड पेयजल से जोड़ा गया है। 57.62 लाख घरों में कार्य जारी है। शेष घरों को भी पाइप्ड पेयजल की सुविधा मिलने लगेगी। इस कार्य को समयबद्धता के साथ चरणबद्ध रूप से पूरा किया जाए।

● केंद्र व राज्य सरकार साथ मिलकर जलशक्ति, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे परियोजनाओं के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन करेंगे। केंद्र की टीम को ‘टीम यूपी’ को पूरा सहयोग मिलेगा। हमारा लक्ष्य है कि मार्च 2024 तक हर राजस्व ग्राम के हर घर में पीने का साफ पानी उपलब्ध हो।

● जल जीवन मिशन के कार्यों की कृषि उत्पादन आयुक्त के स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाए। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराएं। मंत्रीगण/अधिकारीगण फील्ड विजिट करें।

● हमें स्थलीय निरीक्षण की व्यवस्था को और मजबूत करना होगा। कार्यपद्धति में पूरी शुचिता और पारदर्शिता होनी चाहिए।

● जल जीवन मिशन से 100% संतृप्त गांवों का पारदर्शिता के साथ सत्यापन होना चाहिए। जब गांव के हर एक घर में नल से जल आना शुरू हो जाए, पानी पर्याप्त हो और गुणवत्ता संतुष्टिपरक हो, तब वहां ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित कर लाभान्वित लोगों की संतुष्टि का स्तर आंका जाए। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाए। अगर एक भी उपभोक्ता असंतुष्ट है तो उनकी अपेक्षाओं को पूरा किया जाए।

● आर्सेनिक, फ्लोराइड, खारापन, नाइट्रेट, आयरन आदि के कारण गुणवत्ता प्रभावित जल वाले क्षेत्रों के सुधार के लिए जल जीवन मिशन अंतर्गत विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इन क्षेत्रों में कार्य तेज किए जाने की जरूरत है।

● शुचिता और पारदर्शिता के दृष्टिगत यह सुनिश्चित कराया जाए कि विकास परियोजनाओं के लिए डीपीआर तैयार करने वाली संस्था परियोजना के क्रियान्वयन/निर्माण आदि के लिए होने वाली टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लें। इस व्यवस्था पर कड़ाई से अमल किया जाए।

● प्रदेश के 23 हजार गांवों में जहां कार्य जारी हैं, उन्हें आगामी 06 माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखें। जिन 18,629 गांवों के लिए डीपीआर तैयार है, उनकी SLSSC की स्वीकृति की प्रक्रिया प्रत्येक दशा में अगले एक माह के भीतर पूरी कर ली जाए।

● जल जीवन मिशन के लिए विलेज एक्शन प्लान ग्राम पंचायत के बजाय राजस्व गांवों के स्तर पर बनाया जाए। सभी 97 हजार राजस्व गांवों में इस कार्य को तेजी से पूरा कर लिया जाए।

● वाटर टेस्टिंग के कार्य से स्थानीय जल समितियों को जोड़ा जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर उन्हें भी इस कार्य में शामिल किया जा सकता है।

● जल जीवन मिशन और नमामि गंगे परियोजनाओं के कार्यों का जिलाधिकारी स्तर पर सतत अनुश्रवण किया जाए। यथाशीघ्र राज्य स्तर पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) नियुक्त किया जाए।

● हर ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक सामुदायिक शौचालय कॉम्प्लेक्स के निर्माण का संकल्प पूरा होने की ओर है। सतत प्रयासों से प्रदेश के 58,289 ग्राम पंचायतों में से 57,266 में सामुदायिक शौचालय बन चुके हैं। स्थानीय ग्रामीण महिला को ही इनका केयरटेकर भी नियुक्त किया गया है। कॉम्प्लेक्स के प्रबंधन व रखरखाव के लिए ₹3,000 और केयरटेकर को ₹6,000 मासिक भुगतान भी किया जा रहा है। इस प्रयास से ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को काफी सुविधा मिली है।

● प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश खुले में शौच से मुक्त हो चुका है। अब हम ओडीएफ+ की ओर अग्रसर हैं। इस कार्य को तय लक्ष्य के सापेक्ष समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए।

● भारत सरकार की अटल भूजल योजना को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों को भी भूजल योजना से जोड़ा है। बुंदेलखंड में इस योजना के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। भूजल संरक्षण के लिए जनसहभागिता बहुत जरूरी है। इस अभियान से अधिकाधिक लोगों को जोड़ने के प्रयास हों।

● प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का ही परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश के खेतों में सिंचाई की सुविधा में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। बाणसागर, सरयू नहर, अर्जुन सहायक जैसी परियोजनाओं ने किसानों को बड़ी राहत दी है। खेत तक पानी पहुंचाने के लिए कुलाबे की जगह पाइप का प्रयोग करने पर भी विचार करें।

● बांध के पुनरुद्धार और सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा अभिनव पहल की गई है। इस परियोजना में उत्तर प्रदेश के अधिकाधिक बांधों को शामिल कराया जाए। परियोजना से मौजूदा चयनित बांधों की सुरक्षा और संचालन क्षमता में सुधार होगा और उनकी असफलता का जोखिम कम होगा। साथ ही, आजीविका के लिए बांधों के जलक्षेत्र पर निर्भर शहरी और ग्रामीण समुदाय के लोगों को मिलेगा। बांधों में सिल्ट की समस्या के स्थायी निदान के लिए ठोस प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।

समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के संबंधित विभागीय मंत्रीगण, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी गणों की सहभागिता रही।

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