Monday, July 1, 2024
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साइबर क्राइम एडीजी ने लालकुर्ती थाने का किया निरीक्षण

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  • एडीजी ने साइबर हेल्प डेस्क और साइबर क्राइम सैल की व्यवस्थाएं परखी
  • मेरठ साइबर सेल के तीन साल में किए गए कार्यों की समीक्षा की

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश पुलिस अधिकारियों ने कमर कस ली है। जिसके लिए प्रदेश के सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश दिए है। इसी क्रम में शनिवार को एडीजी साइबर क्राइम लालकुर्ती थाने पर साइबर हेल्प डेस्क और साइबर क्राइम सैल का निरीक्षण किया। इस दौरान एडीजी ने साइबर क्राइम टीम को जरुरी निर्देश दिए और मेरठ साइबर सेल के तीन सालों के कार्यों की समीक्षा की।

एडीजी साइबर क्राइम सुभाष चंद्रा ने टीम को निर्देश दिए कि वह प्रतिदिन थाने पर आने वाले साइबर अपराध से पीड़ित व्यक्ति की शिकायत को सुनेंगे और तत्काल साइबर सेल से समन्वय स्थापित कर पीड़ित की समस्याओं का निस्तारण करवाएंगे। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से संबंधित शिकायती रजिस्टर को प्रत्येक सप्ताह के नियत दिवस पर एसपी क्राइम के समक्ष प्रस्तुत करेंगे और साइबर अपराध से बचाव का प्रचार-प्रसार करेंगे।

इसके साथ प्रतिदिन प्राप्त शिकायतों व एनसीसीआरपी पोर्टल पर शिकायतों के संबंध में साइबर अपराधियों के खाता संख्या, मोबाइल नंबर, यूपीआई आईडी, वालेट डिटेल आदि को साइबर सैफ पोर्टल पर अपलोड करते हुए एसपी क्राइम को अवगत कराएंगे। इस दौरान एडीजी ने साइबर क्राइम सैल के साइबर अपराध से पीड़ित व्यक्ति की प्राप्त शिकायतों से संबंधित रजिस्टर को चेक किया और एनसीसीआरपी पोर्टल व साइबर सैफ पोर्टल का भी निरीक्षण किया।

साइबर शिकायतों के निस्तारण व साइबर पीड़ित व्यक्ति के रुपये जो कि साइबर अपराधियों के खातों में डेबिट फ्रीज करावाया गया है को संबंधित बैंक से लाइजन बनाकर पीड़ित व्यक्ति के खातों में वापस कराने के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि एसपी क्राइम के निर्देशन में प्रत्येक माह के पहले बुधवार को साइबर सेल और थाना पुलिस द्वारा स्कूल, कॉलेज, अन्य संस्थान, गांव व शहरी क्षेत्रो में कार्यशालाएं कराई जाती है। इसके साथ साइबर अपराध से बचाव के लिए पंपलेट छपवाकर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा किया जाए और लोगों को वितरित किए जाए।

साइबर सेल के तीन वर्षों के कार्यों की समीक्षा की

एडीजी ने मेरठ साइबर सेल के पिछले तीन सालों के कार्यों की समीक्षा की। जिसमें वर्ष 2020 में साइबर अपराध से पीड़ित व्यक्तियों के खातों में 4719270 रुपये, वर्ष 2021 में 9824191 रुपये और वर्ष 2022 में अप्रैल तक 3457643 वापस कराएं गए। इस दौरान एडीजी ने जनपद में बढ़ते साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए एक साइबर थाना बनाये जाने के लिए सुझाव भी दिया गया। इस दौरान उनके साथ एडीजी राजीव सभरवाल, एसएसपी प्रभाकर चौधरी, एसपी क्राइम अनित कुमार और एसपी ट्रैफिक जितेंद्र श्रीवास्तव मौजूद रहे।

सहारनपुर में खुलेगी एंटी करप्शन की शाखा

एंटी करप्शन के डीआईजी राजीव मल्होत्रा ने शनिवार को मोहनपुरी स्थित कार्यालय का निरीक्षण किया और लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि सहारनपुर में एंटी करप्शन की नई शाखा खुलेगी। डीआईजी राजीव मल्होत्रा ने बताया कि चार साल में 265 लोगों को ट्रैप किया गया और उनसे 4341700 रुपये बरामद किए गए। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में भी 75 सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़े गए।

2018 में 80 कर्मचारी ट्रैप किये गए। इसमें 3 पुलिसकर्मी और 73 अन्य विभागों के कर्मचारी थे। 2019 में 100 कर्मचारी ट्रैप किये गए। इसमें 14 पुलिसकर्मी और 86 अन्य सरकारी विभाग के कर्मचारी थे। 2022 में 10 कर्मचारियों को ट्रैप किया गया था। इसमें तीन पुलिसकर्मी शामिल थे। उन्होंने बताया कि चार साल में 35 पुलिसकर्मियों को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। अब हर सरकारी कार्यालयों में एंटी करप्शन के अधिकारियों के नंबर चस्पा किये जाएंगे।

अभी प्रदेश में 11 यूनिट काम कर रही है और सहारनपुर में शाखा खोलने के लिये शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इससे पहले उन्होंने कार्यालय का निरीक्षण किया और लंबित चल रहे 25 मामलों को जल्द निपटाने के विवेचकों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विवेचनाओं को गंभीरता से पूरा किया जाए, क्योंकि अब न तो स्टाफ की कमी है और न ही संसाधनों की। उन्होंने बताया कि अभी तक एंटी करप्शन का आफिस किराये के मकान में चल रहा है और अब प्रस्ताव भेजा जा रहा है कि विभाग के पास अपना मकान होना चाहिये।

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