- फोटोग्राफर के एकाउंट से 99 हजार रुपये उड़ाए
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पुलिस की तमाम चौकसी के बाद भी साइबर अपराध की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अब नयी घटना मेडिकल के शेरगढ़ी में साइबर ठगों ने एक फोटोग्राफर के एकाउंट से 99 हजार रुपये उड़ाकर अंजाम दी गयी है। फोटोग्राफर ने बैंक को सूचना देकर खाता फ्रीज करा दिया है। मामले में मेडिकल थाने से शिकायत की गई है। शेरगढ़ी निवासी टिंकू कुमार की फोटोग्राफी की दुकान है। वह रिचार्ज का काम भी करते हैं। टिंकू ने गत एक सितंबर को 860 रुपये का रिचार्ज किया, लेकिन न तो रिचार्ज हुआ और न ही रकम रिफंड नहीं हुई।
उन्होंने कस्टमर केयर पर संपर्क साधा तो एक सप्ताह में रकम खाते में आने का आश्वासन दिया गया। शनिवार शाम टिंकू अपनी दुकान पर थे। तभी उनके पास फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वह कंपनी से बोल रहा है और उनके रुपये रिफंड कराने का काम उसे दिया गया है। टिंकू ने बातचीत शुरू कर दी। कुछ देर में ही कॉलर ने टिंकू के मोबाइल पर एक लिंक भेजा और उसे खोलने के लिए कहा। टिंकू ने वह लिंक खोल दिया। रकम रिफंड की प्रक्रिया बताकर कुछ रुपये गूगल पे पर फीड करवाए लेकिन रकम ट्रांसफर नहीं हुई। इसके बाद टिंकू के दूसरे खाते ही जानकारी लेकर कॉलर ने रकम फीड कराई।
पहली बारी में 4000 रुपये कट गए। टिंकू ने शिकायत की तो कॉलर ने फिर से 45000 रुपये भरकर ओके करने के लिए बोला। टिंकू नहीं समझ पाए कि उनके साथ ठगी शुरू हो गई। इसके बाद टिंकू के खाते से 50 हजार रुपये कट गए। तीन बार में 99 हजार कटने के बाद टिंकू को समझ आया और उन्होंने फोन कट कर दिया। वह सीधे अपने बैंक पहुंचे और खाता होल्ड करा दिया। इसके बाद वह मेडिकल थाने आ गये और तहरीर दी। एसओ सूर्यदीप विश्नोई का कहना है कि जिस खाते में रुपये ट्रांसफर होना बताया जा रहा है, उसकी डिटेल्स नहीं खुल रही है। फिलहाल पुलिस प्रयास कर रही है।
रातों-रात बैंक खाते से उड़े पांच हजार
मेरठ: सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाले एक युवक के बैंक खाते से रातो-रात पांच हजार रुपये उड़ गए। शुक्रवार रात को जब वह सोया तो उसके खाते में 13 हजार रुपये थे, लेकिन जब शनिवार सुबह उठकर उसने अपना बैंक बैलेंस चेक किया, तो खाते में सिर्फ आठ हजार रुपये ही मिले। पीड़ित का कहना है कि उसने बैंक हिस्ट्री चेक की तो उसमें भी कोई ट्रांजेक्शन नहीं मिली। पांच हजार रुपये कहां गए, उसे नहीं पता। यह जानने के लिए वह बैंक और साइबर थाने भी गया, लेकिन वहां उसे कोई मदद नहीं मिली। उसके साथ आॅनलाइन फ्रॉड हुआ है।
सिविल लाइन थाना क्षेत्र के नंगला बट्टू कॉलोनी निवासी विनय कुमार भारद्वाज पलंबर का काम करता है। वह पिछले एक साल से मोबाइल फोन पर एविएटर बेटिंग गेम भी खेलता है। उसने बताया कि शुक्रवार शाम के समय वह गेम खेलकर सो गया था। सोने से पहले उसने अपना बैंक बैलेंस चेक किया था, तब उसके खाते में 13,800 बैलेंस था, लेकिन जब सुबह उठा तो उसके खाते में सिर्फ 8600 रुपये ही दिखाई दिए।
उसने बताया कि उसके साथ 5200 रुपये का फ्रॉड किया गया है। वह प्रभात नगर स्थित स्टेट बैंक शाखा पर गया, यहां उसने जब पैसे गायब होने की शिकायत की तो उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए। बैंक कर्मी भी पता नहीं लगा सके कि उसके पैसे कहां गए है। इसके बाद वह साइबर थाने में गया। पीड़ित का आरोप है कि साइबर थाने में उसकी कोई मदद नहीं की गई। उन्होंने कहा कि चड़ीगढ़ ब्रांच से उसके खाते को होल्ड कर दिया गया है।
रिमांड से जेल गया सहआरोपी सलमान
किठौर: कस्बे में डेढ़ माह पूर्व हुए गुलफराज हत्याकांड के सह आरोपी सलमान को पुलिस 24 घंटे की रिमांड पर किठौर लाई, लेकिन पूछताछ में आरोपी से न तो हत्या का कोई विशेष राज खुला और न ही पुलिस घटना से जुड़ी कोई बरामदगी कर पाई। गत 27 जुलाई को किठौर में मवाना रोड से जुड़े बहरोड़ा संपर्क मार्ग पर गुलफराज पुत्र इस्लामुद्दीन की उसके नलकूप पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इसमें मृतक के भाई तौकीर ने आलिम व सलमान पुत्र सलीम उर्फ लाला निवासी किठौर सहित कुछ अज्ञात के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हत्या के बाद घटनास्थल पर हंगामा कर रहे परिजनों ने हत्यारोपियों पर सात लाख रुपये रंगदारी न देने पर हत्या का आरोप लगाया था। पुलिस जांच के दौरान हत्या में शाहिद पुत्र अशफाक की संलिप्तता भी सामने आई। बहरहाल गुलफराज का मुख्य हत्यारोपी आलिम तो बाबूगढ़ के एक मुकदमे में हापुड़ कोर्ट में सरेंडर कर जेल चला गया।
पुलिस ने रिमांड पर लेकर आरोपी की निशानदेही पर तमंचा, बाइक आदि बरामद कर लिया था। बाद में हत्या में नामजद सहआरोपी सलमान भी हापुड़ के मुदाफरा चौकी पुलिस से सेटिंग कर जेल चला गया था। इंस्पेक्टर मिथिलेश उपाध्याय ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस ने सलमान को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हुआ। आरोपी को पुन: जेल भेज दिया गया है।