- मेडिकल व जिला अस्पताल के अलावा प्राइवेट डाक्टरों की ओपीडी भी फुल
- बदलते मौसम में गर्म कपडेÞ उतारने से डाक्टर क्या कह रहे वह भी सुन लें
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सर्दी की विदाई और मौसम में आयी तब्दीली में यदि जरा सी भी चूक की तो लेने के देने भी पड़ सकते हैं। इन दिनों शहर में वायरल और इन्फल्यूएंजा का जबरदस्त प्रकोप है। इसलिए जरूरी है कि सावधानी बरती जाए। वायरल के प्रकोप व उसकी रफ्तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यदि किसी परिवार में एक सदस्य भी इसकी चपेट में आ जाता है तो पूरे परिवार को वायरल होना तय है,
इसलिए बेहतर है कि बचकर रहा जाए वर्ना पूरे परिवार का इलाज करना पड़ेगा। साथ ही डाक्टरों की यह भी हिदायत है कि यदि वायरल अथवा इन्फेक्शन हो जाता है तो पूरा इलाज कराएं। बीच में इलाज को ना छोड़ा जाए, उससे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। इस मौसम में यदि वायरल की चपेट में आ जाते हैं तो डाक्टरों की सलाह से स्वाइन फ्लू व इन्फल्यूएंजा की जांच अवश्य कराएं।
ओपीडी में भारी भीड़
वायरल के प्रकोप का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी चिकित्सा संस्थान जिनमें एलएलआरएम मेडिकल और प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल प्रमुख रूप से शामिल हैं यहां सबसे ज्यादा बुखार के मरीज आ रहे हैं। इनके अलावा तमाम सीएचसी व पीएचसी में 90 फीसदी मरीज वायरल से पीड़ित हैं। केवल सरकारी चिकित्सा प्रतिष्ठान ही नहीं प्राइवेट डाक्टरों के यहां भी वायरल फीवर के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है। डाक्टर बताते हैं कि इस सीजन में हर साल यह फैलता है। इसलिए इन दिनों में बहुत ज्यादा सावधान रहना जरूरी है।
क्या हैं इसके लक्षण?
अचानक तेज बुखार आना, सिरदर्द, बदन दर्द, गले में खराश, नाक में खुजली होना, नाक से पानी आना आदि वायरल के सामान्य लक्षण हैं। यह जरूरी नहीं है कि वायरल फीवर के सभी मरीजों के एक जैसे लक्षण दिखें। कुछ मामलों में रोगी में सर्दी-खांसी या बलगम जैसे कोई लक्षण नहीं होते, परंतु उन्हें अजीब तरह की बेचैनी महसूस होती है या उनकी भूख खत्म हो जाती है।
क्या है वायरल फीवर?
हमारे शरीर पर कोई वायरस हमला करता है तो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उसे मारने की कोशिश करती है। इसी दौरान शरीर जब अपना तापमान बढ़ाता है तो उसे बुखार कहा जाता है। ऐसे संक्रमित व्यक्ति के छींकने और खांसने से वायरल फीवर के वायरस हवा में फैल जाते हैं। इस वायरस के संपर्क अथवा संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी बीमार हो जाता है। यही नहीं, मौसम में आए बदलाव के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे लोग आसानी से वायरस की चपेट में जाते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
साफ-सफाई का खासतौर से ख्याल रखें। मरीज को वायरल है तो उससे थोड़ी दूरी बनाए रखें और उसके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का प्रयोग करें, छींकने से पहले नाक और मुंह पर रूमाल या टिश्यू पेपर रखें, सुबह की ठंड से बचाव के लिए शरीर को ढक कर रखें, बुखार आता है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं, सूप, जूस और गुनगुने पानी आदि का सेवन करें, तेज बुखार चढ़ने पर तरल पदार्थ का सेवन करते रहें। सबसे ज्यादा यह कि बार-बार हाथ धोते रहें।
क्या हैं इसके लक्षण?
अचानक बुखार आना, सिरदर्द, बदन दर्द, गले में खरास, नाक में खुजली होना, नाक से पानी आना आदि वायरल के सामान्य लक्षण हैं। यह जरूरी नहीं है कि वायरल फीवर के सभी मरीजों के एक जैसे लक्षण दिखें। कुछ मामलों में रोगी में सर्दी-खांसी या बलगम जैसे कोई लक्षण नहीं होते, परंतु उन्हें अजीब तरह की बेचैनी महसूस होती है या उनकी भूख खत्म हो जाती है। डाक्टरों का कहना है कि इस मौसम में अचानक आयी तब्दीली के बाद लोगों द्वारा आमतौर पर लापरवाही बरतना शुरू कर दिया जाता है।
उसके चलते आसानी से वायरल जकड़ लेता है। मौसम में अचानक आयी तब्दीली के चलते गर्म कपड़े उतारने की जल्दबाजी कतई नहीं दिखानी चाहिए। बदलते हुए मौसम को धोखा समझना चाहिए, क्योंकि 24 घंटे में अभी कुछ ही घंटे मौसम थोड़ा गरम होता है, लेकिन रात और सुबह शाम में अब भी पर्याप्त ठंड है। जो सावधानी बरतनी हैं उनका ब्योरा नीचे दिया है।
- अभी कम से कम 15 दिन गर्म कपड़े प्रयोग करें।
- समारोह में जाएं, लेकिन आइसक्रीम या फिर कोल्ड ड्रिंक से दूरी बनाकर रखें।
- कोरोना की तर्ज पर भीड़ से दूरी बना कर रखें, इसके अलावा बेहतर तो ये होगा कि मास्क का प्रयोग करें।
- बुखार होने की दशा में बजाय मेडिकल स्टोर से दवा लेने के या फिर घर का डाक्टर बनने के बेहतर है कि एक बार डाक्टर को जरूर दिखाएं।
- इस वायरल में केवल बुखार ही नहीं होता, यह गले को भी जकड़ रहा है। उसमें खरास पैदा हो रही है। इसका असर दोनों कानों और सिर तक भी हो रहा है।
सावधानी बहुत ही जरूरी
शहर के सीनियर फिजिशियन डा. वीरोत्तम तोमर का कहना है कि इन दिनों शहर में वायरल का प्रकोप है, इसलिए सावधानी कर बरता जाना बेहद जरूरी है। दवाएं डाक्टर की सलाह से ही ली जाएं तो बेहतर है।
बच्चों का रखे खास ख्याल
सीनियर बाल रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. शिशिर जैन छोटे बच्चों का इस मौसम में अधिक ख्याल रखने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि बच्चे आसानी से वायरस की चपेट में आ जाते हैं।
खानपान का रखे ख्याल
आईएमए के अध्यक्ष व फिजिशियन डा. संदीप जैन का कहना है कि पूरा शहर वायरल की चपेट में है। बदलते हुए मौसम में बेहद सावधानी बरते जाने की जरूरत है। यदि बुखार होता है तो तत्काल दवा लें, साथ ही परिवार के सदस्यों से दूरी बनाकर रखें।