- दीपावली के बाद से हालात बेहद नाजुक
- निर्माण कार्य और गन्ने के कोल्हुओं ने बढ़ाया प्रदूषण
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: हर साल दिवाली के बाद देश के कई शहरों में एक्यूआई स्तर सामान्य से बहुत खराब हो जाता है। आसमान में जलते पटाखों के कारण प्रदूषण का स्तर अचानक खतरनाक होने के चलते कई राज्यों व शहरों में पटाखे प्रतिबंधित होते हैं। क्रांतिधरा में दिवाली से पहले ही प्रदूषण अत्यंत गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। जहरीली हवा के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधित परेशानी हो रही है। प्रदूषण के कारण सांस संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं।
इससे पहले से बीमार लोगों के साथ ही स्वस्थ लोगों की सेहत पर भी गंभीर असर हो सकता है। प्रदूषण का असर फेफड़ों पर भी होता है। फेफड़े शरीर के सभी अंगों में आॅक्सीजन के संचार को सुचारू बनाए रखने का काम करते हैं। फेफड़ों में होने वाली किसी भी तरह की समस्या जानलेवा हो सकती है। इस कारण स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को फेफड़ों को स्वस्थ बनाए रखने के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।
दीपावली के पर्व के बाद अभी फिलहाल महानगर में प्रदूषण से राहत नहीं मिल रही है। क्योंकि दीपावली के पर्व पर इस बार जमकर आतिशबाजी हुई है। जिसके चलते प्रदूषण का प्रकोप बढ़ा है। उधर, सर्दी के मौसम में गन्ने के कोल्हू और पराली जलने के कारण प्रदूषण का प्रकोप अमूमन बढ़ता है, लेकिन इस बार सर्दी के मौसम में अत्यधिक प्रदूषण बढ़ रहा है। जिसका कारण अंधाधुंध तरीके से महानगर में हो रहे निर्माण कार्य और हॉट मिक्स प्लांट चलने के साथ-साथ अवैध रूप से गन्ने के कोल्हुओं में पन्नी जलने के कारण प्रदूषण का प्रकोप बढ़ा है।
इसके बढ़ने से लोगों को सांस लेने में दिक्कतें महसूस हो रही है। अब भी महानगर का प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थिति में है। हालांकि एनजीटी द्वारा प्रदूषण के प्रकोप क ो रोकने के लिए प्रदूषण विभाग समेत 32 विभागों को इसमें लगाया गया था, लेकिन प्रदूषण विभाग के अलावा कोई भी अन्य विभाग इस ओर काम करने को तैयार नहीं है। इसलिए प्रदूषण का बढ़ता प्रकोप लोगों को परेशानी में डाल रहा है।
देहात क्षेत्र के इलाकों की बात करे तो वहां कोल्हू और हॉट मिक्स प्लांट के अलावा अंधांधुध चल रहे पुराने वाहनों के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। इसलिए देहात का भी प्रदूषण बढ़ा हुआ है। वहीं, दूसरी तरह शहरी इलाके की बात करे तो यहां अवैध रूप से निर्माण कार्य हो रहे हैं। इसलिए यहां प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों को परेशानी के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है। प्रदूषण विभाग से लेकर नगर निगम जल विभाग के अलावा पीडब्ल्यूडी विभागों में तमाम बार शिकायतें हो चुकी है, लेकिन इस ओर कोई भी कार्रवाई करने के लिए राजी नहीं हो रहा है।
सबसे प्रदूषित इलाका रहा पल्लवपुरम
अगर हम गुरुवार की बात करें तो मेरठ में प्रदूषण 339 दर्ज किया गया। गंगानगर में 281, जयभीमनगर में 362 और पल्लवपुरम में 374 दर्ज किया। पल्लवपुरम सबसे प्रदूषित इलाका गुरुवार को रहा है। बढ़ते प्रदूषण के प्रकोप के कारण लोगों को यहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को इस बढ़ते प्रदूषण से बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसके अलावा मेरठ के साथ-साथ बागपत में 386 गाजियाबाद में 376 मुजफ्फरनगर में 189 और शामली में 170 प्रदूषण दर्ज किया गया है।
ठंड @ 28 डिग्री सेल्सियस
बढ़ते प्रदूषण के साथ साथ अब ठंड का प्रकोप भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। गुरुवार को दिन का अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 91 एवं न्यूनतम आर्द्रता 52 दर्ज की गई है। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि फिलहाल सर्दी का प्रकोप बढ़ेगा। जिसके चलते कोहरे की धुंध की भी शुरुआत होगी। नवंबर के आखिरी सप्ताह में ठंड का प्रकोप अधिक बढ़ेगा।
पिछले पांच दिन का एक्यूआई
16 339
15 378
14 345
13 375
12 390
मुल्तान नगर के लोगों का निगम मुख्यालय पर हंगामा
पूरा शहर प्रदूषण को लेकर त्राहिमाम-त्रहिमाम कर रहा है, लेकिन अफसरशाही इस ओर से आंखें मूंदे बैठे हैं। शहर में जगह-जगह कूड़ों में आग लगाई जा रही है। कूड़ों की आग से उठता काला धुआं शहरवासियों की सांसों को घोट रहा है। ये नहीं कि अफसरों को पता नहीं है, आलाधिकारी ये सब जानते हुए भी अनजान बने हुए हैं और कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। जिसका खामियाजा शहरवासी भुगत रहे हैं। बागपत रोड आम्बेड़कर धर्मशाला मुल्तान नगर गली के लोगों ने गुरुवार को नगर निगम मुख्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया।
आरोप लगाया कि उनकी गली में रबर से चप्पल एवं गेंद तैयार करने वाली एक फैक्ट्री आबादी क्षेत्र में चल रही हैं। जिसमें वह फैक्ट्री धुएं के रूप में जहर उगल रही है। जिसको लेकर लोग खासे परेशान हो रहे हैं। जिसमें मोदीपुरम स्थित प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड एवं नगर निगम के अधिकारी कार्रवाई करने के लिए एक दूसरे विभाग पर पल्ला झाड़ रहे हैं। इस मामले में फिर से अपर नगरायुक्त ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
गुरुवार को नगर निगम मुख्यालय पहुंचे मुल्तान नगर के लोगों ने रबर फैक्ट्री के संचालन को बंद कराने की मांग को हंगामा किया। उन्होंने प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की ओर आरोप लगाया कि फैक्ट्री में बॉल एवं चप्पल आदि बनाई जाती हैं। जिसमें फैक्ट्री से विशैला धुंआ प्रदूषण के रूप में वातावरण में फैल रहा है। जिससे बस्ती के लोग खासे परेशान हैं, लोग बीमार हो रहे हैं।
जिसमें वह नगर निगम एवं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में शिकायत करने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। दोनों ही विभाग के अधिकारी बस्ती के लोगों को टरका रहे हैं। आरोप है कि लोगों को सांस लेने में भी परेशानी पैदा हो रही है। अजीत, मुनेंद्र आशीष एवं महिलाओं में सुरेखा, सुधा, रानी, समेत विभिन्न महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। साथ ही समस्या का समाधान नहीं होने पर नगर निगम मुख्यालय पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।
आरोप है कि वह 20 सितंबर से लगातार निगम एवं प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चक्कर काटकर थक चुके हैं। यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जायेगा। इस संबंध में प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से जुड़ा हुआ है, इस संबंध में नगरायुक्त से बात कर समस्या का समाधान कराया जायेगा।