जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कोविड महामारी के कारण इस बार भी चारधामों में सीमित संख्या में ही दर्शन होंगे। सरकार की ओर से शीघ्र ही यात्रा शुरू करने की अधिसूचना जारी करने बाद देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की ओर से आज एसओपी (मानक प्रचालन प्रक्रिया) जारी की जाएगी। कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार यात्रा की तैयारियों में जुटी गई है।
यात्रा रोक हटाने से सरकार को राहत
28 जून को हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के खतरे और सरकार की आधी अधूरी तैयारियों के चलते चारधाम यात्रा पर रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेकर सरकार ने फिर से हाईकोर्ट पहुंची। अब कोर्ट की ओर से यात्रा पर से रोक हटाने से सरकार को राहत मिली है।
पिछले साल की तरह इस बार भी केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या सीमित होगी।
देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करने के बाद यात्रियों को प्रतिदिन ई-पास जारी किए जाएंगे। जिसमें कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट के साथ कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने पर ही दर्शन की अनुमति होगी।
यात्रा के लिए तैयारियां पूरी
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि सरकार की ओर से यात्रा शुरू करने की अधिसूचना जारी की जाएगी।
जिसके बाद बोर्ड की ओर से चारधामों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए एसओपी जारी की जाएगी। यात्रा के लिए तैयारियां पूरी है।
बीते दो साल में चारधाम आए यात्रियों का ब्योरा
धाम – वर्ष 2019 – वर्ष 2020
केदारनाथ – 998956 – 135287
बदरीनाथ – 1244100 – 155009
गंगोत्री – 529880 – 23736
यमुनोत्री – 465111 – 7717
हेमकुंड साहिब – 239910 – 8290
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कुल- 3477957 330039
मजबूत पैरवी होती तो पहले खुल जाती चारधाम यात्रा
सरकार की ओर से मजबूत पैरवी होती तो चारधाम यात्रा के द्वार पहले ही खुल जाते। लेकिन यात्रा संचालन करने के लिए सरकार की तरफ से कमजोर होमवर्क भी दिखाई दिया।
अब कोर्ट ने रोक हटाई तो यात्रा की राह में मौसम की चुनौतियां भी खड़ी है। चारधाम यात्रा के लिए लगभग डेढ़ माह ही समय बचा है। भारी बारिश से चारधाम यात्रा के सड़क मार्गों की हालत खराब है। कई संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बरकरार है।
25 जून को मंत्रिमंडल में सरकार ने यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया
जून माह में केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट खुल गए थे। कोविड महामारी के कारण यात्रा का संचालन न होने से किसी भी यात्रियों को चारधाम में दर्शन के लिए जाने की अनुमति नहीं थी।
25 जून को मंत्रिमंडल में सरकार ने यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया था। जिसमें पहले चरण में चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी जिले के स्थानीय लोगों को दर्शन करने की अनुमति दी गई।
जबकि दूसरे चरण में 11 जुलाई से प्रदेश से बाहर के यात्रियों को चारधाम यात्रा आने की अनुमति देने का निर्णय लिया था। हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण के खतरे और चारधामों में व्यवस्थाएं न होने पर यात्रा पर रोक लगाई थी।
हाईकोर्ट में मजबूत ढंग से पैरवी की होती तो चारधाम यात्रा के द्वार पहले ही खुल गए होते। हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में एसएलपी दायर कर दी।
दबाव बढ़ने पर सरकार ने दोबारा हाईकोर्ट पहुंची। लेकिन सुप्रीमकोर्ट में मामला विचाराधीन होने से कोर्ट से सुनवाई से इनकार दिया।
जिससे सरकार ने बैकफुट पर आकर सुप्रीमकोर्ट से एसएलपी वापस ली और फिर हाईकोर्ट से यात्रा पर रोक हटाने का आग्रह किया।
चारधाम यात्रा के लिए अब डेढ़ माह का समय बचा है। नवंबर माह तक चारधामों के कपाट छह माह के लिए बंद हो जाएंगे। मौसम की चुनौतियों के बीच यात्रा को रफ्तार मिलने की संभावना कम है।
बारिश से सड़कों की हालत खराब है। संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।