जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली है। प्रदेश सरकार की संस्तुति पर राज्यपाल ने मंगलवार को वीआरएस की मंजूरी दी।
इसके लिए उन्हें वीआरएस के लिए तीन महीने पूर्व आवेदन देने के नियम से भी छूट दी गई है। माना जा रहा है कि पांडेय विधानसभा चुनाव से सियासी पारी की शुरुआत कर सकते हैं। इसके साथ ही नागरिक सुरक्षा और अग्निशमन सेवा के डीजी संजीव कुमार सिंघल को डीजीपी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
Sanjiv Kumar Singhal (in file pic), DG Civil Defence and Fire Services given the additional charge of DGP Bihar till further orders. https://t.co/c8LJbZ0gDt pic.twitter.com/20NZBy3HvZ
— ANI (@ANI) September 22, 2020
1987 बैच के आईपीएस अफसर पांडेय जनवरी 2019 में डीजीपी बने थे। बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल 28 फरवरी, 2021 तक था। आईपीएस अधिकारी के तौर पर पांडेय ने करीब 33 साल की सेवा पूरी की है।
लंबे समय से उनके वीआरएस की अटकलें चल रही थीं। सूत्रों के मुताबिक वीआरएस का आवेदन मंगलवार को ही केंद्र सरकार को भेजा गया और तत्काल मंजूर हो गया। दिन पहले ही उन्होंने गृह जिले बक्सर का दौरा किया था।
यह पहली बार नहीं जब सियासी पारी के लिए पांडेय ने आईपीएस की नौकरी छोड़ी है। इससे पूर्व 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हाेंने इस्तीफा दिया था।
तब वह भाजपा के टिकट पर बक्सर सीट से लड़ना चाहते थे। हालांकि टिकट न मिलने पर उन्होंने इस्तीफा वापस लेने की अर्जी दी जिसे तत्कालीन नीतीश कुमार सरकार ने मंजूर कर लिया। नौ महीने बाद वह फिर सेवा में बहाल हुए।
उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन दिया था जिसको तुरंत ही स्वीकृति मिल गई। बताया जा रहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए ये कदम उठाया है।
अब वह जल्द ही विधिवत रूप से राजनीतिक पारी शुरू करने की घोषणा कर सकते हैं। माना जा रहा है कि वह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
बताया जा रहा है कि बिहार सरकार ने गुप्तेश्वर पांडेय का वीआरएस का आवेदन केंद्र को मंगलवार की शाम को ही भेजा था। उनके इस्तीफे और वीआरएस की खबर पिछले कई दिनों से चर्चा में थी।
हाल ही में उन्होंने अपने गृह जिले बक्सर का दौरा किया था। यहां उन्होंने जिला जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष से भी मुलाकात की थी। हालांकि तब उन्होंने चुनाव लड़ने की खबरों से साफ इनकार कर दिया था।
इसके बाद पटना लौटकर उन्होंने जदयू के कुछ और नेताओं से भी मुलाकात की थी। बता दें कि गुप्तेश्वर पांडेय के एनडीए के नेताओं से अच्छे संबंध रहे हैं।
2009 लोकसभा चुनाव से पूर्व भी उन्होंने वीआरएस लिया था, लेकिन टिकट न मिलने पर वे नीतीश कुमार की कृपा से सेवा में वापस आने में कामयाब हुए थे।