नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। हिंदू केलेंडर के अनुसार पौष माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन गणेश भगवान की विधि विधान से पूजा की जाती है। साथ ही रात के समय चंद्र देव की पूजा की जाती है और उन्हें जल अर्पित किया जाता है। माना जाता है कि, चतुर्थी तिथि पर व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं।
वहीं, गणेश पुराण में बताया गया है कि अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने पर सौभाग्य और संतान प्राप्ति की कामना पूरी होती है। तो चलिए ऐसे में जानते हैं अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2023 की तिथि, मुहूर्त और पूजा का महत्व…
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2023 तिथि
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरूआत 30 दिसंबर 2023 को सुबह 09 बजकर 43 मिनट से होगी। इस तिथि का समापन अगले दिन 31 दिसंबर 2023 को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। ऐसे में पौष माह की अखुरथ संकष्टी चतुर्थी व्रत 30 दिसंबर 2023 रखा जाएगा।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2023 शुभ मुहूर्त
पूजा मुहूर्त- सुबह 08 बजकर 03 मिनट से सुबह 09 बजकर 30 मिनट तक
शाम का मुहूर्त- शाम 06 बजकर 14 मिनट से रात 07 बजकर 46 मिनट तक
चंद्रोदय समय- रात 09 बजकर 10 मिनट पर
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2023 पूजन विधि
- अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन जल्दी सुबह उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। अगर संभव हो तो इस दिन हरा कपड़ा पहनें।
- स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेते हुए गणपति की पूजा-आराधना आरंभ करें।
- पूजा करने से पहले भगवान गणेश की मूर्ति को साफ करके उनके माथे पर तिल करें।
- फिर इसके बाद पूजा की सामग्री के साथ विधिवत पूजा करें।
- ध्यान रखें पूजा सामग्री में दूर्वा घास और लड्डू का भोग अवश्य लगाएं।
- शाम के समय चंद्रमा के निकलने पर उन्हें अर्घ्य देते हुए गणेश वंदना और पाठ कर मन से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करें।
अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 2023 महत्व
भगवान गणेश को शास्त्रों में विघ्नहर्ता कहा जाता है। इनकी पूजा उपासना करने से मनुष्य के जीवन से कष्ट और बाधाएं दूर हो जाती हैं। संकष्टी चतुर्थी के दिन जो सच्चे मन से गौरी पुत्र भगवान गणेश का ध्यान करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं और जीवन में हमेशा सुख-समृद्धि का वास होता है।