जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उत्तर प्रदेश शासन ने अभी तक जिला पंचायत की तिथि को लेकर घोषणा नहीं की है, लेकिन बुधवार रात 12 बजे से जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ-साथ सभी सदस्यों का कार्यकाल संपन्न हो गया। जिसके पश्चात शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में डीएम को जिला पंचायत में प्रशासक के तौर पर तैनात कर दिया है।
इस प्रकार जब तक चुनाव नहीं होंगे और कोई नया अध्यक्ष बतौर जिला पंचायत कार्यालय में कमान नहीं संभालेगा। तब तक जिला पंचायत कार्यालय की पूरी जिम्मेदारी डीएम पर रहेगी। इतना ही नहीं अब तक हुए विकास कार्यों में जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षर किए जाते थे, लेकिन अब यह पूरी प्रक्रिया डीएम द्वारा ही की जाएगी।
दरअसल, कोविड-19 उत्पन्न हुई परिस्थितियों के कारण नवंबर में होने वाले जिला पंचायत चुनाव की तिथि अभी तक घोषित नहीं की गई है। क्योंकि जिस प्रकार कोविड-19 का संक्रमण देश में फैल रहा था। उस समय प्रदेश में जिला पंचायत चुनाव करा पाना संभव नहीं था। केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार का फोकस था कि ग्रामीण क्षेत्रों तक यह वायरस न पहुंचे।
अगर यह वायरस ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच जाता तो स्थिति को काबू करने में काफी दिक्कत होती। इसी वजह से उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत चुनाव को कराने का फैसला नहीं लिया गया। ऐसे में जिस प्रकार बुधवार को जिला पंचायत सदस्य एवं अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है। उसे अटकलें लगाई जा रही है कि जल्द ही शासन की तरफ से फरवरी-मार्च के मध्य जिला पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के परिवेश में सदस्य विकास के कार्य करा सके।
बिना भेदभाव के पक्ष-विपक्ष में कराए कार्य: कुलविंदर
कोविड-19 से उत्पन्न हुई परिस्थितियों के बीच भी जिला पंचायत से संबंधित क्षेत्रों के विकास कार्य करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री राहत कोष के साथ-साथ मुख्यमंत्री राहत कोष में भी अपने द्वारा एवं कर्मचारियों ने भी राहत राशि जमा की।
ये बात बुधवार को जिला पंचायत सभागार में कार्यकाल पूरा होने पर जिला पंचायत अध्यक्ष कुलविंदर सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि तीन साल पांच माह के कार्यकाल में बिना भेदभाव के पक्ष-विपक्ष न देखकर सबको एक समान परिवार की तरह व्यवहार करते हुए सभी वार्डों में विकास कार्य कराए।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के वार्ड में भी कराए विकास कार्य
कुलविंदर सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान अपने कार्यकाल में बतौर अध्यक्ष सिर्फ 10 लाख का कार्य ही करा कर पाई थी। परंतु उनके वार्ड में भी दो करोड़ से अधिक के विकास कार्य कराए। कुलविंदर सिंह ने कहा कि जब सीमा प्रधान अध्यक्ष थी, तब उन्होंने उनके वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं कराए थे, लेकिन उन्हें इस बात का अफसोस इसलिए भी नहीं है। क्योंकि वह अपने ही वार्ड में कार्य नहीं करा पाई तो वह उनके वार्ड में कैसे कराती।
ग़्रामीण क्षेत्रों में मिनी स्टेडियम का भी रखा प्रस्ताव
जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि खेलो इंडिया के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर मिनी स्टेडियम बनाए जाएं। इसके लिए उन्होंने खुद भारत सरकार की खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत लगभग 12 करोड़ की लागत से पांचली खुर्द में मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया जो प्रगति पर है, जो भी निर्माण कार्य कराया, उस गांव के शहीदों के नाम पर या फिर महापुरुषों के नाम पर कराए गए।
उन्होंने अपने कार्यालय में भी उन्होंने सभी महापुरुषों और शहीदों की प्रतिमा लगाई हैं। पटेल मंडप को हाईटेक बनाने एवं नौचंदी में पक्का निर्माण तथा मुख्यमंत्री से नौचंदी मेले को राजकीय घोषित करने की मांग की थी, जोकि उन्हें खुशी है कि मुख्यमंत्री द्वारा नौचंदी मेला घोषित घोषित किया हैं।