- मेट्रो की खुदाई के चलते कई स्थानों पर किया गया वन वे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली रोड व रुड़की रोड पर चल रही खुदाई की वजह से दोनों मार्ग पर बजाए दौड्ने के वाहन सिसक सिसक कर चल रहे हैं। दिन में कई बार तो इन रास्तों पर जाम सरीखे हालात बन जाते हैं। एक बार यदि जाम लग गया तो फिर पूरे दिन जाम की स्थिति रहती है। महानगर के मेट्रो प्रोजेक्ट वाले रूटों में शामिल दिल्ली रोड व रुड़की रोड पर इन दिनों काम बेहद तेजी से चल रहा है।
प्रोजेक्ट के चलते ही कैंट बोर्ड ने दिल्ली रोड व रुड़की रोड पर चल रहे टोल प्वाइंट भी कुछ दिन पहले बंद करा दिए। टोल प्वांइट के हटते ही मेट्रो प्रोजेक्ट की लाइन के लिए खुदाई शुरू करा दी गई हैं। इस मार्ग पर कई अन्य स्थानों पर भी मेट्रो की कार्यदायी संस्था ने काफी लंबे रास्ते को लोहे के भारी भरकम गेज लगाकर सीज कर दिया है। यही स्थिति दिल्ली रोड पर भी बनी हुई है।
दिल्ली रोड पर तो खुदाई के लिए कई-कई जगह गेज डालकर रास्ते बंद किए गए हैं। कुछ स्थान ऐसे हैं जहां केवल दो पहिया वाहन ही पास हो सकते हैं। जबकि कुछ जगह ट्रैफिक वन वे सरीखा कर दिया है। जहां वन वे भी नहीं है वहां भी पूरे दिन जाम सरीखे हालात रहते हैं।
पुलिस की ओर से यातायात को सुचारू रखने के लिए प्रयासों में कमी नहीं है, लेकिन पुलिस की तमाम कोशिशों में महानगर में तेजी से इधर-उधर दौड़ने वाले वाहनों की संख्या भारी पड़ रही है। इसके अलावा सबसे बड़ी मुसीबत रोडवेज बस स्टेंड पर आने वाली बसें बनी हुई हैं।
कई बार तो हालात इतने खराब होते हैं कि वन वे पर वाहन आमने सामने आ जाते हैं। उनके लिए साइड से निकला संभव नहीं होता। आमने-सामने आने वाले वाहनों के पीछे भी वाहनों की लंबी कतार लग जाती है। यूटर्न लेना भी ले पाते। ऐसे हालात में यातायात को नियंत्रित करने वाले पुलिस वालों के भी हाथ-पैर फूलने लगते हैं।
हालंकि इससे निपटने के लिए ट्रैफिक डाइवर्ट का विकल्प अपनाया जाता है, लेकिन कई इलाके ऐसे भी हैं। जहां ट्रैफिक डायवर्ट करने के बाद वहां जाम सरीखे हालात बन जाते हैं। बकौल पुलिस शुक्रवार से कई इलाकों में वन वे कर दिया जाएगा। उस स्थिति में तो ट्रैफिक की दशा बद से बदतर होनी तय मानी जा रही है।
दरअसल, खुदाई के चलते कोई ट्रैफिक प्लान नहीं बन पा रहा है। हालांकि पुलिस का मानना है कि दिल्ली रोड सरीखे इलाके में खुदाई के लिए वैकल्पिक रास्तों की व्यवस्था की जाएगी। तभी जाम के झाम से महानगर को छुटकारा दिलाना संभव है। दावे भले ही कुछ भी किए जाएं, लेकिन आने वाले दिनों में हालात बद से बदतर होने जा रहे हैं।