नमस्कार दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। आज शनिवार को शनि प्रदोष व्रत है हिंदूधर्म के अनुसार अगर प्रदोष व्रत शनिवार को त्रयोदशी तिथि में पड़ता है तो इस दिन पूरे मन से भगवान भोलनाथ की पूजा अराधना करनी चाहिए। यदि जो भी भक्त शनि प्रदोष का व्रत करता है उसपर भोलेनाथ की कृपा होती है। साथ ही शनिदोष से भी मुक्ति मिल जाती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, 27 नक्षत्रों में 8वां नक्षत्र पुष्य है। इस नक्षत्र के स्वामी शनि हैं जबकि चंद्रमा के चारों चरण पुष्य नक्षत्र में होते हैं। इस नक्षत्र को बहुत ही शुभ और लाभ दिलाने वाला कहा गया है। ऐसे में इस शनि प्रदोष व्रत को रखना बहुत ही लाभकारी होगा।
लंबे समय से बीमार हैं?
लंबे समय से बीमार हैं? अगर हां तो इस व्रत के बाद दवाई लें और भोलेशंकर से अराधना करें कि आपको आरोग्य प्रदान करें। ज्योतिषशास्त्र में बताया गया है कि शनि प्रदोष व्रत में दवाई और चिकित्सा का आरंभ करवाना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
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जाने लाभ पाने के उपाय
यदि आपको सोना, चांदी, लोहा, भूमी आदि खरीदना है। तो इस काम के लिए शनि प्रदोष के साथ आज बनने वाले शनि पुष्य योग का आपको लाभ उठाना चाहिए। इससे आपको इन खरीदारियों से सुख और आनंद प्राप्त होगा।
सूर्यास्त के समय भगवान शिव के..
शनि प्रदोष के अवसर पर सूर्यास्त के समय भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का यथासंभव जप करें। इस योग में शिव साधना से शनि सहित दूसरे पाप ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव भी दूर होते हैं।
काले तिल पंसद है शनिदेव को
जैसे की आपने मंदिरों में भी देखा होगा की। शनिदेव महाराज पर काले तिल चढ़ाए जाते है, दरअसल इसका संबंध शनिदेव से माना जाता है। शनि प्रदोष के अवसर पर शनि पुष्य योग में ढाई किलो अथवा 2.50 ग्राम तिल का दान करें। यह आपके लिए काफी लाभकारी होगा।