नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। जिन लोगों की कुंडली में राहु और केतु एक तरफ मौजूद हों और बाकी सभी ग्रह इनके बीच में हों तब कालसर्प योग बनता है। कालसर्प दोष का कुंडली में होना अत्यंत ही कष्टकारी योग होता है।
इस दोष के होने से जीवन में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और कई बने बनाए काम भी बिगड़ने लगते हैं। यदि आपके कुंडली में भी कालसर्प दोष है तो आप सोमवार के दिन शिव मंदिर में जाकर इन अचूक उपायों को कर मुक्ति पा सकते है।
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कालसर्प दोष को दूर करने के लिए रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जप करना चाहिए।
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महाशिवरात्रि, नाग पंचमी, ग्रहण आदि के दिन शिवालय में नाग नागिन का चांदी या तांबे का जोड़ा अर्पित करें।
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सांप को पकड़े हुए मोर या गरुड़ देवता का चित्र अपने पूजा घर में लगाकर प्रतिदिन दर्शन करें और नव नाग स्तोत्र – ”अनंत वासुकि शेष पद्मनाम च कंबल शंखपाल धार्तराष्ट्र कालिये तथा। एतानि नवनामानि नागानां च महात्माना सायंकाले पठेन्नित्यं प्रातः काले विशेषतः” का जप करें।
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कालसर्प दोष को दूर करने के लिए काले वस्त्र में एक मुट्ठी उड़द या मूंग डाल कर, राहु मंत्र का जप करें और किसी जरूरत मंद को उसे दान कर दें। यदि कोई जरूरतमंद न मिले तो उसे मूंग को बहते हुए जल में डाल दें।
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कुंडली में कालसर्प दोष को दूर करने के लिए शिवलिंग पर तांबे का एक बड़ा सर्प बनवाकर चढ़ाएं। साथ ही साथ सर्प-सर्पिणी का चांदी का जोड़ा बनवाएं। तांबे के सर्प को प्राण प्रतिष्ठित कर ब्रह्म मुहूर्त में शिवालय पर चढ़ा आएं और सर्प-सर्पिणी के चांदी के जोड़े को बहते पानी में छोड़ दें।
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