- निगम मुख्यालय के ठीक सामने मुख्य सड़क व नाले पर अतिक्रमण बेशुमार, जाम की समस्या गंभीर
- निगम के अधिकारियों की मिलीभगत अतिक्रमण को लेकर सामने आई तो कभी नहीं हट सकेगा अतिक्रमण
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: क्रांतिधरा की मुख्य सड़क एवं नालों से अतिक्रमण हटवाने को लेकर निगम के अधिकारी दोहरे मापदंड अपना रहे हैं। निगम में इस दोहरे मापदंड को अपनाने की बात आए दिन सामने आ रही है। उधर अतिक्रमण हटवाने वाली टीम में शामिल कर्मचारी एवं अधिकारी दोहरे मापदंड पर गोलमोल जवाब देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। जिसमें निगम के इस दोहरे मापदंड के कारण निगम मुख्यालय के ठीक सामने से लेकर घंटाघर एवं जिला अस्पताल तक हर रोज घंटों तक मार्ग पर भयंकर जाम की स्थिति बनी रहती है। यह हालात तब हैं, जब इस जाम की जद में आकर खुद निगम के अधिकारियों को घंटों तक अपने गणतव्य तक जाने के लिए इंतजार करना पड़ता है। वहीं लोगों का कहना है कि निगम का यही दोहरा मापदंड रहा तो निगम में ट्रिपल इंजन सकार में तब यह अतिक्रमण नहीं हट सका तो आखिर फिर कभी नहीं हट सकेगा।
नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा जहां एक तरफ दोहरे मापदंड से अतिक्रमण हटवाया जाता है। वहीं दूसरी तरफ निगम मुख्यालय के ठीक सामने सड़क एवं नालों पर अतिक्रमण बेशुमार हो चुका है। जिसमें निगम मुख्याल से लेकर घंटाघर व जिला अस्पताल की मुख्य सड़क से होते हुए यदि बेगमपुल की तरफ को जाना हो तो आपको घंटों तक जाम में फंसे रहना होगा। इतना ही नहीं कई बार तो नगरायुक्त, महापौर एवं डीएम समेत तमाम आलाधिकारी भी इस जाम में फंसकर घंटों तक परेशान हो चुके हैं। अधिकारियों के साथ जो उनकी सुरक्षा में पुलिस कर्मी लगे होते हैं। वह कड़ी मशक्कत के बाद सड़क से वाहनों को हटवाकर अधिकारियों को वाहनों को जाम से निकलवाते हैं, लेकिन निगम मुख्यालय के ठीक सामने सड़कों व नालों के दोनों तरफ बेशुमार अतिक्रमण है,
उस पर निगम के अधिकारी अपनी आंखों पर काली पट्टी बांधे हुए हैं। शायद उन्हें अपने सामने का यह बेशुमार अतिक्रमण शायद दिखाई ही नहीं देता। चर्चा है कि आखिर यह अतिक्रमण अपने मुख्यालय के सामने का दिखाई क्यों देगा, जब अतिक्रमण करने वालों से निगम के अधिकारियों की मजबूत सेटिंग है। शहर में ट्रिपल इंजन सरकार बनने के बाद लोगों को इस तरह की जगहों से अतिक्रमण हटवाने की आस जगी थी, जोकि वह आस अभी तक पूरी नहीं हो सकी। लोगों का कहना है कि यदि ट्रिपल इंजन सरकार में इस तरह का अतिक्रमण नहीं हटा तो आखिर कब ओर किसकी सरकार में हटेगा। जिसमें निगम मुख्यालय के ठीक सामने थाना देहलीगेट है, ऐसा भी नहीं है कि निगम के अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के लिए पर्याप्त फोर्स उपलब्ध न हो,
कम से कम थाने के आसपास कुछ दूरी तक तो निगम के अधिकारी सड़क के दोनों तरफ से अतिक्रमण हटवा सकते हैं, लेकिन वह आखिर क्यों नहीं हटवा पा रहे हैं। यदि अतिक्रमण किसी अभियान के दौरान हटवाया भी गया था तो फिर मुख्यालय व थाने के आसपास किसकी शह पर यह अतिक्र्रमण फिर से कैसे हो गया। तमाम सवालों के बीच निगम अधिकारी एवं अतिक्रमणकारियों के बीच मजबूत सेटिंग का खेल सामने आ रहा है। तभी तो जाम में फंसने के बाद परेशानी उठाने के बाद भी नगरायुक्त से लेकर तमाम अधिकारी अतिक्रमणकारियों पर मेहरबान दिखाई दे रहे हैं।