- काम रुका, जिले के आठ हजार विद्युतकर्मी मांगों को लेकर गए हड़ताल पर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ऊर्जा निगम के आठ हजार विद्युतकर्मी 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल पर चले गए है। कर्मियों का कहना है वह पिछले कई दिनों से विभाग के अधिकारियों को अपनी मांगे पूरी नहीं होने पर कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दे रहे थे। लेकिन विभाग के अधिकारियों ने उनकी किसी मांग पर ध्यान नहीं दिया, इसी वजह से गुरूवार रात 10 बजे से जिले के आठ हजार विद्युतकर्मी 72 घंटे की हड़ताल पर चले गए है।
ऊर्जा निगम कार्यालय गुरूवार को भी विद्युतकर्मियों का अखाड़ा बना रहा। दो दिनों से चल रहा कार्यबहिष्कार गुरूवार को भी जारी रहा। इस दौरान निगम के सभी कार्यालयों में अधिकारी व कर्मचारियों की कुर्सियां खाली नजर आई। जबकि दूसरी ओर सभी कर्मचारी विभाग के परिसर में धरने पर बैठे रहे और निगम के आलाधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। सुबह दस बजे से कार्यबहिष्कार शुरू हुआ जो शाम पांच बजे तक जारी रहा। इस दौरान विभाग के किसी भी कार्यालय में कोई काम नहीं हुआ।
जिले के 152 बिजलीघर होंगे प्रभावित
जिले में कुल 152 बिजलीघर है जिनमें करीब आठ हजार विद्युतकर्मियों की तैनाती है। गुरूवार से सभी बिजलीघरों का स्टाफ 72 घंटे की हड़ताल पर चला गया है। ऐसे में इन बिजली घरों पर काम कौन करेगा, लाइनों में आने वाले फाल्ट कैसे ठीक होगे यह सवाल उठ रहा है।
हड़ताल पर जानें वालों में परमानेंट स्टाफ के साथ 70 प्रतिशत संविदाकर्मी भी हड़ताल में शामिल है। जबकि महज 30 प्रतिशत संविदाकर्मी काम कर रहें है। ऐसे में विभाग के लिए विद्युतकर्मियों की हड़ताल मुसीबत साबित हो सकती है।
एमडी ऊर्जा का दावा उपभोक्ताओं को मिलेगी निर्बाध बिजली
विद्युतकर्मियों की 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल के बाद ऊर्जा निगम ने भी हालातों से निपटने का दावा किया है। एमडी ऊर्जा चेत्रा कुमारी वी ने बताया विद्युतकर्मियों की हड़ताल का असर विद्युत आपूर्ती पर नहीं पड़ने दिया जाएगा। विभाग ने हालातों से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है। बिजली घरों की सुरक्षा को लेकर सभी जगह सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। कहीं पर भी हंगामा होने की स्थिति से निपटने के लिए विद्युत विभाग पूरी तरह तैयार है।
कैंट में बिजली आपूर्ति बाधित
कैंट क्षेत्र के बीसी लाइन में बिजली की आपूर्ति गुरुवार की शाम से ही गायब रही। एक फेस में आपूर्ति दी जा रही थी, लेकिन बार-बार शिकायत करने के बाद ही बिजली की आपूर्ति देर रात तक चालू नहीं की जा सकी। हालांकि ऊर्जा निगम की एमडी वी चेत्रा का ये दावा कि किसी तरह की आपूर्ति बाधित नहीं रहने दी जाएगी, लेकिन बीसी लाइन इलाके में पूरी रात बिजली आपूर्ति बाधित रहने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ऐसा तब है जब ऊर्जा निगम के एक्एसईएन व जेई को इसकी सूचना दे दी गई थी, मगर फिर भी आपूर्ति को चालू नहीं किया जा सका। यही नहीं, ऊर्जा निगम के तमाम अधिकारियों ने देर शाम को फोन स्वीच आॅफ कर लिये। आखिर लोग शिकायत करें तो कहां पर? हड़ताल का असर शहर में दिखने लगा हैं। हड़ताल के चलते शहर की आपूर्ति गड़बड़ा गई हैं। ऊर्जा निगम के अधिकारियों के दावे के विपरीत हड़ताल से बिजली आपूर्ति बाधित हो रही हैं,
जिसके चलते जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। एमडी पावर के ये दावे झूठे साबित हुए, जिसमें कहा गया कि बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होने दी जाएगी। शहर के कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहने से लोग परेशान रहे। कर्मचारी तो हड़ताल पर हैं, लेकिन अधिकारी भी स्वीच आॅफ कर हड़ताल ही रहे। अधिकारियों ने एक तरह से अघोषित तरीके से हड़ताल का समर्थन किया।