Wednesday, December 6, 2023
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बिजली कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

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जनवाणी ब्यूरो |

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। सरकार के लाख प्रयास के बावजूद भी विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने साफ कर दिया है वो किसी भी सूरत में हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। इस तना ही नहीं कर्मचारियों के शोषण पर हड़ताल अनिश्चितकालीन में तब्दील हो जाएगी और जेल भरो आंदोलन शुरू होगा।

इससे पहले ऊर्जा मंत्री डॉ. एके शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि बिजली आपूर्ति सामान्य है। 1332 संविदा कर्मियों को पिछले 24 घंटों में बर्खास्त किया गया है। बात नहीं मानने वालों को भी बर्खास्त किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो हजारों की सेवा समाप्त करेंगे। वहीं, देर शाम लेसा के दो अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया। उन पर कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाने का आरोप लगा था। इस वजह से ये कार्रवाई की गई।

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आपात बैठक बुलाई। इसमें ऊर्जा मंत्री, बिजली विभाग के अफसर और पुलिस अधिकारियों शामिल हुए। इसके बाद ऊर्जा मंत्री डॉ. एके शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा बिजली आपूर्ति सामान्य है। हाईकोर्ट ने नोटिस दिया कि ये जनता को परेशान करने वाली हड़ताल है। अगेंस्ट नेशनल इंटरेस्ट है। अवमानना का नोटिस भेजा गया है। हमारी प्रबंधन की तरफ से सभी सदस्यों को हाई कोर्ट के ऑर्डर की प्रति भेजी गई है। आवश्यक सेवा को बाधित करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि 22 कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्हें जेल भेजा जाएगा।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हड़ताल को खत्म करने के लिए कहा गया। घाटे के बावजूद बोनस देना संभव नहीं है। ऐसी मांग करना सही नहीं है। कानून को हाथ में लेने वालों पर कार्रवाई होगी। बिजली के मुद्दे पर जनता ने सहयोग किया है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सोशल मीडिया पर हड़ताल की अपील की जा रही है। ऐसे संदेश प्रचारित किए जा रहे हैं। ये राष्ट्रीय संपत्ति है। किसी की निजी संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपी 28 हज़ार मेगावाट का उत्पादन हो रहा है। मौसम के चलते मांग आधी है।

तमाम बिजली संगठन हड़ताल से अलग हैं। इससे बिजली आपूर्ति व्यवस्थित है। जिन संगठन के कर्मचारी बाधा पैदा कर रहे हैं, उन्हें नौकरी से हटाया जा रहा है। चाहे कोई जन्म स्थान में हो, जंगल में हो, नदी में हो, आकाश में हो या पाताल में। हम खोज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हाईकोर्ट ने गंभीरता से हड़ताल पर रोक लगाने की बात कही है। लेकिन अभी भी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के लोग मान नहीं रहे हैं। दुर्भाग्य का विषय है। उच्च न्यायालय ने अवमानना का नोटिस दे दिया है।

1332 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त

सरकार ने हड़ताल से निपटने के लिए आउटसोर्सिंग और संविदा पर प्रदेशभर में तैनात करीब 1332 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी। फिर भी कर्मचारी हड़ताल पर अड़े हैं। गुरुवार रात 10 बजे से शुरू हुई 72 घंटे की हड़ताल के शुरुआती 40 घंटे में प्रदेशभर में करीब 30 लाख से ज्यादा कस्टमर बिजली कटौती से परेशान रहे हैं। सरकार से लेकर प्रशासन सप्लाई ठीक रखने के लिए जोर लगाए है, लेकिन कर्मचारियों के बिना यह मुश्किल हो रहा है।

उधर, लगातार कटौती से लोगों का सब्र का बांध टूट रहा है। बिजली सप्लाई बाधित होने से औद्योगिक शहरों कानपुर, गोरखपुर जैसे शहरों में फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं। लखनऊ के भी बड़े इलाके में भी बिजली संकट है। लोग बिजली सब-स्टेशन पहुंचकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। कुशीनगर, बलिया, देवरिया, गोरखपुर और प्रतापगढ़ में 242 संविदा कर्मचारियों को बाहर कर दिया है।

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