Sunday, May 19, 2024
- Advertisement -
HomeNational Newsन्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिशों पर जताई चिंता, देशभर 21 जजों...

न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिशों पर जताई चिंता, देशभर 21 जजों ने चीफ जस्टिस आफ इंडिया को लिखा पत्र

- Advertisement -
  • कानूनी प्रणाली की पवित्रता और स्वायत्तता सुरक्षित रखने की अपील
  • न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप
  • न्यायिक प्रणाली पर जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालयों के 21 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। पत्र में न्यायपालिका को कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता जताई गई है। चिट्ठी लिखने वालों में हाईकोर्ट के 17 पूर्व जज और सुप्रीम कोर्ट के चार पूर्व न्यायाधीश शामिल हैं। इसमें कुछ गुटों की ओर से सोचे-समझे दबाव, गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने के बढ़ते प्रयासों का जिक्र किया गया है।

पत्र में कहा गया कि ऐसा करने वाले संकीर्ण राजनीतिक हितों और व्यक्तिगत लाभ के लिए न्यायपालिका को कमजोर और न्यायिक प्रणाली पर जनता के विश्वास को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने उन घटनाओं के बारे में नहीं बताया, जिसके कारण उन्होंने सीजेआई को पत्र लिखा है। हालांकि, यह पत्र ऐसे वक्त लिखा गया है, जब भ्रष्टाचार के मामले में विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच जुबानी जंग जारी है।

06 5 07 3 08 4

सेवानिवृत्त न्यायमूर्तियों दीपक वर्मा, कृष्ण मुरारी, दिनेश माहेश्वरी और एमआर शाह समेत पूर्व जजों ने आलोचकों पर अदालतों और न्यायाधीशों की ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है। उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के स्पष्ट प्रयासों के साथ गलत तरीके अपनाने का भी आरोप लगाया है।

उन्होंने ‘न्यायपालिका को अनावश्यक दबाव से बचाने की आवश्यकता’ शीर्षक वाले इस पत्र में लिखा, ‘इस तरह की कार्रवाइयां न केवल हमारी न्यायपालिका की पवित्रता का अपमान करती हैं, बल्कि न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों के लिए सीधी चुनौती भी पेश करती हैं, जिन्हें कानून के संरक्षक के रूप में न्यायाधीशों ने बनाए रखने की शपथ ली है।’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के नेतृत्व वाली न्यायपालिका से ऐसे दबावों के खिलाफ मजबूत होने और यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि कानूनी प्रणाली की पवित्रता और स्वायत्तता सुरक्षित रहे।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments