कैंट विधायक, एडीएम सिटी और भाजपाई कर रहे थे विरोध
सीईओ ने दिया मंत्रालय के पत्र और स्टाफ के वेतन का हवाला
उपाध्यक्ष की गैर मौजूदगी पर उठ रहे सवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैंट बोर्ड की स्पेशल बैठक में टोल ठेके के एक्सटेंशन का विरोध करते तमाम सदस्य यहां तक कि कैंट विधायक तक समर्थन में उतर आए। तमाम लोग कैंट प्रशासन के सुर में सुर मिलाते नजर आए। लंबी बहस के बाद आखिरकार 61 दिन के एक्सटेंशन पर सहमति बन गयी। इसके बाद राहत की उम्मीद कर रही पब्लिक को अभी और 61 दिन इंतजार करना होगा।
शुरूआत विरोध के साथ
सोमवार की सुबह निर्धारित समय से कुछ देरी से शुरू हुई कैंट बोर्ड की स्पेशल बैठक की शुरूआत टोल ठेके के विरोध से हुई। विरोध का मोर्चा भाजपाई खेमे में संभाला। बैठक में मौजूद कैंट विधायक ही भाजपा खेमे की ओर से मोर्चा संभाले हुए थे। उन्होंने पहले ही कह दिया था कि भाजपा के तमाम विधायक संगठन के साथ हैं। इसलिए जो वह कह रहे हैं। वहीं, मत तमाम भाजपाई सदस्यों का भी है।
नाम लिए बगैर उपाध्यक्ष पर निशाना
बोर्ड बैठक में नाम लिए बगैर एक फौजी अफसर सदस्य ने उपाध्यक्ष पर निशाना साधा। उनका कहना था कि एक व्यक्ति की नासमझी की वजह से सेना के कमांडर व कैंट बोर्ड के सीईओ सरीखे अफसर को कोर्ट में पेश होकर खेद व्यक्त करना दुर्भाग्यपूर्ण है। ये सब गलत निर्णय के कारण हुआ। इसलिए जो भी निर्णय लें सोच समझ कर लें।
एडीएम सिटी ने दिखाया आईना
बैठक में प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर उपस्थित एडीएम सिटी अजय तिवारी ने कैंट प्रशासन को आईना दिखाने का काम किया। उन्होंने कहा कि अब तक हाईकोर्ट के नाम पर कैंट प्रशासन बचाव करता आया है, लेकिन कुछ टोल प्वाइंटों पर जिस तरह से स्टाफ काम कर रहा है। उसको लेकर कभी भी कोई बड़ा वाक्या हो सकता है। उस स्थिति में बवाल को फेस करने का काम अकेले वह खुद और एरिया का कोतवाल करता है। इसलिए जो भी निर्णय लिया जाए कानून व्यवस्था की स्थिति को देखकर लिया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने वसूली प्वाइंट पर सड़क के चौड़ीकरण को लेकर भी आईना दिखाया।
सीईओ ने संभाला मोर्चा
बोर्ड बैठक में भाजपा का विरोध, एडीएम सिटी के तर्क के बीच मोर्चा संभालने का काम सीईओ कैंट नवेन्द्र नाथ ने किया। उन्होंने इसको लेकर मंत्रालय के पत्र का हवाला दिया। साथ ही तकनीकि आधार बताए। उन्होंने बताया कि ठेके के 365 दिन पूरा कराना शर्त में शामिल है। इसके अलावा आगरा समेत देश की कई छावनियों ने टोल के ठेके एक्सटेंड किए हैं। इसके अलावा एनएचएआई के पत्र में 77 दिन तक रोड बंद रखने की बात कही गयी है। इसी ग्राउंड पर ठेके को एक्सटेंड किया गया है।
विकास जाओ भूल, पहले करो वेतन की बात
टोल ठेके को एक्सटेंशन दिए जाने के सवाल पर गरमा गरम बहस के दौरान अध्यक्ष ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह से जब कैंट विकास को लेकर विधायक ने सवाल किया तो उन्होंने जवाब दिया कि विकास के लिए बजट की जरूरत होती है, लेकिन यहां कैंट बोर्ड के रेवेन्यू की हालत किसी से छिपी नहीं है। फिलहाल हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोर्ड के पास स्टाफ की सेलरी तक बांटने के लिए फंड नहीं हैं। सर्विस चार्ज के तौर पर जो रकम मिलती थी वह भी अब मिलनी बंद हो गयी है।
विरोध करते-करते समर्थन
बैठक में अध्यक्ष व सीईओ के तर्क के सामने विरोध करते करते तमाम लोग समर्थन करने लगे। सभी ने एक राय होकर 61 दिन के लिए ठेका बढ़ा दिए जाने की बात कही। बोर्ड बैठक में सबसे चौंकाने वाली बात तो यह रही कि विरोध के नाम पर अकेले विधायक मोर्चा संभाले रहे या फिर सदस्य अनिल जैन। हालांकि कुछ दो महिला सदस्यों ने सीईओ की ओर से पैरवी करते हुए कहा कि बोर्ड के स्टाफ के वेतन की व्यवस्था भी जरूरी है।
ये रहे मौजूद
बोर्ड बैठक में अध्यक्ष ब्रिगेडियर अर्जुन सिंह राठौर, सीईओ नवेन्द्र नाथ, सदस्य रिन्नी जैन, बुशरा कमाल, बीना वाधवा, नीरज राठौर, अनिल जैन, मंजू गोयल, धर्मेंद्र सोनकर, इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से एडीएम सिटी अजय तिवारी व एडम कमांडर सोनवलकर तथा दूसरे सैन्य अफसर मौजूद रहे।
उपाध्यक्ष गैर मौजूद
स्पेशल बोर्ड बैठक में उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी नहीं पहुंचे थे। टोल जैसे मुद्दे पर उपाध्यक्ष की गैर मौजूदगी पर सभी हैरानी जता रहे थे। करीबियों में शामिल सदस्यों ने इसको लेकर गंभीर सवाल भी उठाए।
ये बोले कैंट विधायक
कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि मंत्रालय के पत्र व कुछ अन्य तकनीकि कारणों की वजह से ठेके को एक्सटेंड किया है। जो नया ठेका छोड़ा जाना है उससे इसका कोई संबंद्ध नहीं है। सीईओ ने सही निर्णय लिया है।
ये कहना है सीईओ का
सीईओ नवेन्द्र नाथ ने कहा कि जो मंत्रालय की गाइड लाइन व निर्णय है उसकी अनुरूप पूरे बोर्ड की सहमति के बाद 61 दिन का एक्सटेंशन दिया गया है। ठेके से जुडे अन्य मुद्दों पर बोर्ड की अगली बैठक में चर्चा की जाएगी।
ये कहना है एडीएम सिटी का
एडीएम सिटी अजय तिवारी ने कहा कि उन्होंने बोर्ड बैठक में कानून व्यवस्था को लेकर पक्ष रखा है। कैंट प्रशासन से टोल प्वाइंटों पर सड़कें चौड़ी करने तथा अन्य जो अनिवार्य व्यवस्थाएं होनी चाहिए, उसका आग्रह किया गया है।