- एक तरह से किसान इस बार आर-पार के मूड में हैं
जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा: डाबका गांव के सामने हाईवे पर किसानों का मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) के खिलाफ धरना मंगलवार को भी जारी रहा। धरने पर मौजूद किसानों ने ऐलान किया है कि 30 अगस्त से किसान अनशन पर बैठेंगे तथा विरोध प्रदर्शन करेंगे। किसान अब पीछे नहीं हटेंगे। एक तरह से किसान इस बार आर-पार के मूड में हैं। किसानों का ये आंदोलन तूल पकड़ता जा रहा हैं। लोकसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले आरंभ हुआ ये धरना लंबा चलता है तो भाजपा के लिए नुकसान दायक साबित होगा।
क्योंकि इस धरने में किसानों की भीड़ भी जुट रही हैं। किसानों इस आंदोलन के लिए जनता का समर्थन भी जुटा रहे हैं। क्योंकि ग्रीन वर्ज की जमीन को किसानों ने मेडा अफसरों से अधिग्रहण करने की बात कही हैं। कहा है कि किसान अपनी जमीन खाली छोड़ सकते हैं, तो फिर मेडा ने अपनी योजना में जमीन खाली क्यों नहीं छोड़ी? भारतीय किसान यूनियन (टिकैत)भी इस आंदोलन में कूद गई हैं। भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने किसानों के इस आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया हैं।
भाकियू ने अभी तक इस आंदोलन से दूरी बना रखी थी, लेकिन मंगलवार को भाकियू के राष्ष्टÑीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने अपने प्रतिनिधि भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी को धरना स्थल पर समर्थन का ऐलान करने के लिए भेजा। उन्होंने कहा कि भाकियू टिकैत इस किसानों के आंदोलन के साथ हैं। किसानों की बात नहीं सुनी तो पशुओं को साथ लेकर मेडा के आॅफिस में प्रदर्शन कर दिया जाएगा। वहीं पर कढ़ाई चढ़ाकर लंबा आंदोलन चला दिया जाएगा।
प्राधिकरण अफसर जानते है पहले भी वहां पर आंदोलन भाकियू कर चुकी हैं। भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने मेडा अफसरों को चेताया कि किसानों का पक्ष सुने, अन्यथा किसान आंदोलन की लंबी अंगडाई भरना जानता हैं। धरने का नेतृत्व कर रहे दीपक पंवार व बलराम कर रहे हैं। दोनों ने संयुक्त बयान में कहा कि वह मेडा द्वारा जो उत्पीड़न किसानों का किया जा रहा है।
वह किसी भी कीमत का बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपनी जमीन बचाने के लिए हम जान पर भी खेल जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने किसानों व व्यापारियों का पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया। हमारा संगठन किसानों का व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। इस दौरान मेडा के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।