Friday, April 19, 2024
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भाजपा सरकार में किसान सर्वाधिक उपेक्षित तथा अपमानित: अखिलेश यादव

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जनवाणी ब्यूरो |

लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता विरोधी दल अखिलेश यादव ने कहा है कि किसान को अन्नदाता कहा जाता है लेकिन भाजपा सरकार में किसान सर्वाधिक उपेक्षित तथा अपमानित हो रहा है। किसान को उसकी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। सरकार की तरफ से कहा गया कि किसान की आय दोगुनी की जाएगी लेकिन किसान की आय दोगुनी करने की दिशा में कोई भी प्रयास नहीं हुआ। बिजली की दरों में वृद्धि का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया है।

किसानों को समय से खाद, पानी, बीज, कीटनाशक की सुविधा नहीं मिल रही है। भाजपा सरकार ने किसान की खाद के दाम तो बढ़ा दिए हैं पर खाद की बोरी का वजन 5 किलो कम कर दिया है। निजी और सरकारी ट्यूबवेलों से सिंचाई करने में भी किसान को तमाम दिक्कते उठानी पड़ती है।

रायबरेली में सरकारी क्रय केन्द्रों पर 3000 किसानों का 25 करोड़ रूपया से अधिक का बकाया है। यह हालात तब है जब 72 घंटे में ही किसानों को धान खरीद का भुगतान करने का नियम है। होली नज़दीक है, किसानों को होली की खरीद के लिए पैसे चाहिए। सिंचाई और कृषियंत्रों की खरीद के लिए पैसा चाहिए।

भाजपा सरकार की लापरवाही का नतीजा है कि अन्ना पशु किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं। किसान रात-रात भर खेतों में जाग कर रखवाली करने को मजबूर है। जिन किसानों की फसल बुरी तरह बर्बाद हुई है, भाजपा सरकार ने उन्हें पर्याप्त मुआवजा देने का भी काम नहीं किया है। किसान अपनी हालत पर रोए नहीं तो क्या करे?

वास्तव में भाजपा सरकार ने खेती और किसानों को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। भाजपा सरकार में आलू किसान बर्बाद हो गया है। किसान का आलू नहीं खरीदा गया है। गन्ना किसानों का 6हजार करोड़ रूपए अभी भी बकाया है। गन्ना, गेहूं, धान किसान सभी परेशान और दुःखी है।

भाजपा सरकार केवल बड़े- बड़े विज्ञापनों के जरिए ही किसानों को खुशहाल बता रही है जबकि भाजपा सरकार की नीतियों से किसान नहीं, पूंजीघराने ही लाभान्वित हो रहे हैं। भाजपा सरकार पूंजीपतियों के हित में ही समस्त सरकारी नीतियां कार्यान्वित कर रही हैं। भाजपा सरकार की नीतियों से जब सभी दुःखी और परेशान हैं तो लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा सरकार का सत्ता से बाहर जाना तय है।

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