जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: न्यायालय जिला उपभोक्ता फोरम मेरठ के सदस्य पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि वाहन लोन स्वीकार करने तथा तान्या ऑटोमोबाइल्स द्वारा कार नहीं देने पर शिकायतकर्ता सुनीता दुबलिश पत्नी सुनील कुमार निवासी सिविल लाइन मेरठ की सेवा में कमी की थी। इस पर तान्या ऑटोमोबाइल्स पर अंकन 1 लाख 10 हजार रुपए ब्याज सहित देने के आदेश पारित किए हैं।
परिवादी ने दिनांक 17 अप्रैल 2013 को वाद दायर कराया कि उसने तान्या ऑटोमोबाइल्स के यहां 2011 में अंकन 5,000/- रुपये जमा करके कार बुक कराई थी। तथा उसे कार को क्रय करने हेतु दिनांक 14 जुलाई 2011 को भारतीय स्टेट बैंक मेरठ कैंट से लोन के लिए आवेदन किया था। बैंक द्वारा अंकन 2 लाख 70 हजार रुपये का लोन देते हुए अंकन 5972 रुपए प्रतिमाह कि किस्त निर्धारित की थी।
इसके बाद बैंक द्वारा 2 लाख 70 हजार रुपए का ड्राफ्ट बिना परिवादी को बताएं तान्या ऑटोमोबाइल्स के यहां जमा कर दिया। तान्या ऑटोमोबाइल द्वारा पैसा लेने के बाद शिकायतकर्ता परिवादी को कोई कार नहीं दी गई। इसके बाद शिकायतकर्ता ने तमाम नोटिस बैंक और कार डीलर को दिए परंतु शिकायतकर्ता की कोई सुनवाई कहीं नहीं हुई।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने न्यायालय में अपना वाद योजित किया। जिसके आधार पर न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए तन्या ऑटोमोबाइल को 1 लाख 10 हजार रुपए ब्याज सहित शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं ।