- खादरवासियों में खौफ अधिकारी ले रहे पल-पल की खबर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ/हस्तिनापुर: रविवार को उत्तराखंड के चमोली के रैनी गांव में ग्लेशियर फटने से आये सैलाब की रफ्तार बेशक धीमी हो गई हो, लेकिन गंगा किनारे बसे ग्रामीणों को अब भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश भर में गंगा किनारे बसे गांवों में लगातार अलर्ट किया जा रहा है तो विभागीय अधिकारी भी गंगा किनारे डेरा जमाये हुए हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले के रैनी गांव के समीप रविवार को ग्लेशियर फटने से भारी तबाही हुई।
नदी में आया सैलाब इतना था कि नदी पर बनाया जा रहा ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट मिनटों में धराशायी हो गया। प्रदेश सरकार ने गंगा में सैलाब के आने की आशंका के मद्देनजर गंगा किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया था और गंगा नदी के किनारे ग्रामीणों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए थे।
वहीं, गंगा में खेती करने वाले किसानों को गंगा से बाहर भी सुरक्षित स्थान पर निकाल कर पहुंचाया गया था। डीएम के. बालाजी ने कई विभागों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ खादर क्षेत्र के फतेहपुर प्रेम स्थित गंगा के तट पर परियोजना का निरीक्षण करने के बाद स्थिति का जायजा लिया और कहा कि प्रशासन की ओर से सुरक्षा के मद्देनजर हर तैयारी पूर्ण की जा रही है।
इसी मामले में सोमवार को एसडीएम मवाना कमलेश गोयल, तहसीलदार अजय कुमार उपाध्याय ने शेरपुर नई बस्ती के समीप टूटे तटबंध को दुरुस्त करने के कार्य का निरीक्षण किया और हर संभव मदद कराने का ग्रामीणों को आश्वासन दिया। रविवार को यह तटबंध पूरी तरह टूटा हुआ था कि अचानक बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने अलर्ट रहते हुए टूटे दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद टूटे तटबंध को दुरुस्त करने का कार्य क्षेत्रीय किसान और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किए जाने लगा जो रविवार पूरी रात चलता रहा और यह कार्य सोमवार दोपहर को पूर्ण कर लिया गया।
अधिकारियों ने टूटे तटबंध का किया जायजा
एसडीएम कमलेश गोयल, तहसीलदार अजय कुमार उपाध्याय ने शेरपुर नई बस्ती के समीप टूटे तटबंध पर चल रहे कार्य का जायजा लिया और ग्रामीणों की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि टूटे तटबंध को दुरुस्त करने का कार्य लगभग 80 फीसदी पूरा हो चुका है। बाकी का अधूरा कार्य शाम तक पूर्ण हो जाएगा। टूटे तटबंध को दुरुस्त होने से खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसी आशंका नहीं बनेगी और इससे क्षेत्र के लोग भी सुरक्षित हो जाएंगे।
खरखाली गंगा घाट पर अधिकारियों की पैनी नजर
चमोली में अलकंदा ग्लेशियर टूटने से ग्राम खादर क्षेत्र में रह रहे लोगों में दूसरे दिन भी अफरा-तफरी मची रही। संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए अलर्ट घोषित कर दिया गया है। अलर्ट होने पर विकास खंड अधिकारी बीडीओ, एडीओ पंचायत पुलिस पैनी नजर बनाए हुए है तथा लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहे हैं। दो दिन पूर्व चमोली अलकंदा ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने से गंगा में जल स्तर बढ़ने के प्रकोप को देखते हुए बीडीओ शैंलेद्र सिंह एडीओ पंचायत बाबूराम नागर ने खादर क्षेत्र के गांव शिवनगर, कालीनगर, मिर्जापुर, खरखाली व गंगा किनारे प्लेज की खेती करने वाले लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील कर रहे हैं। गंगा घाट के समीप गांव व डेरों में रह रहे लोग भयभीत नजर आ रहे हैं।
खंड विकास अधिकारी पल-पल की खबर प्रशासन को दे रहे हैं। उधर, खादर क्षेत्र में बाढ़ के प्रकोप के मद्देनजर बीडीओ शैंलेद्र सिंह, एडीओ पंचायत बाबूराम नागर, ग्राम विकास अधिकारी सुनील कुमार, रितिक, जिला पंचायत सदस्य मुन्ना गिरी, ग्राम अगवानपुर ग्राम प्रधान संजय जाटव, प्रधान वीरपाल सिंह भी गंगा पर पहुंचे और लोगों को आश्वासन दिया।
किसान चिंतित
किसानों का कहना है कि हजारों बीघा में हमने फसल बो रखी है। कही बाढ़ के प्रकोप में हमारी फसल तबाह न हो जाए बाढ़ से किसानों में हड़कंप मचा हुआ है।
गंगा में पानी का स्तर कम
चमोली में ग्लेशियर टूटने से तबाही मच गई तथा शासन ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की। दूसरे दिन में भी गंगा में पानी सामान्य स्तर पर है। अधिकारियों का अनुमान है पानी बढ़ सकता है। इसलिए लोगों को जरूरत के सामान के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की अपील कर रहे हैं।
ग्लेशियर फटने के बाद गंगनहर का पानी किया बंद
उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद आई प्रलय के चलते प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट हो गया है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अधिकारी पूरी तरह तैयार हैं। बाढ़ की आशंका को देखते हुए गंगनहर में पानी का स्तर भी कम कर दिया गया है। सोमवार को गंगनहर पूरी तरह उतरी हुई नजर आई। उत्तराखंड के चमौली में ग्लेशियर फटने के कारण पहाड़ों पर लोगों को भारी तबाही का सामना करना पड़ रहा है।
पानी से आई प्रलय ने कई जीवन के चराग बुझा दिए हैं। इस हादसे का असर यूपी तक भी नजर आ रहा है। जिसको देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है। जहां खादर क्षेत्र से आबादी को हटा दिया गया है। वहीं, गंगनहर में पानी भी बंद कर दिया गया है। ताकि एक दम पानी का स्तर बढ़ने से बाढ़ से बचा जा सके। सोमवार को गंगनहर सूची नजर आई। गंगनहर में पानी का स्तर बहुत कम देखने को मिला।