Wednesday, January 15, 2025
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मुश्ताक अपहरण कांड में पूर्व पार्षद गिरफ्तार

  • एसटीएफ और बिजनौर पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, बुलंदशहर में छिपा था अपहरण का आरोपी
  • सुनील पाल के अपहरणकर्ता लवीपाल के साथ-साथ किया जा रहा था तलाश

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: सिने अभिनेता मुश्ताक के अपहरण कांड में शामिल पूर्व सभासद सार्थक चौधरी उर्फ रिक्की एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया है। एसटीएफ व बिजनौर पुलिस ने ज्वाइंट आॅपरेशन कर इस शातिर को गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि कॉमेडियन सुनील पाल के अपहरण कांड में शामिल लवी पाल समेत कई के मोबाइल की लोकेशन बुलंदशहर में मिल रही थी। सुनील पाल के अपहरण कांड के दौरान अभिनेता मुश्ताक के अपहरण का मामला सामने आने के बाद एसटीएफ को सक्रिय कर दिया गया था।

बताया जाता है कि इन दोनों अपहरण कांड को लेकर एसटीएफ को बडेÞ टास्क सौंपे गए हैं। उम्मीद की जा रही है कि एसटीएफ के बूते शीघ्र ही लवी पाल भी सलाखों के पीछे होगा। हालांकि लवी पाल का साथी अर्जुन पहले ही पुलिस के कब्जे में है। सूत्रों ने जानकारी दी कि एसटीएफ की एक टीम ने बुलंदशहर में ही डेरा डाला हुआ है। आज रात कुछ और गिरफ्तारियां संभव हैं। इस पर काम चल रहा है। एसटीएफ की सख्त घेराबंदी बतायी जा रही है।

सार्थक चौधरी उर्फ रिक्की वही व्यक्ति है, जिसने अपहरण कांड को अंजाम देने के बाद अभिनेता मुश्ताक से भारी भरकम फिरौती की रकम वसूल की थी। दरअसल, मुश्ताक अपहरण कांड की बिजनौर में एफआईआर के बाद एसटीएफ एक्टिव हो गयी थी। हालांकि सार्थक चौधरी की गिरफ्तारी से पहले इस मामले में करीब दो दर्जन गिरफ्तारियां हो चुकी थीं। पूछताछ के आधार पर जांच एजेन्सियां कड़ियां जोड़ती चली गयी और बड़ी सफलता सार्थक चौधरी की गिरफ्तारी के रूप में सामने आयी है। यहां यह भी याद रहे कि गिरफ्तार करने वाले टीम निकली थी

तो लवीपाल की तलाश में, लेकिन उससे पहले मुश्ताक का अपहरणकर्ता हत्थे चढ़ गया। शुक्रवार को एसटीएफ और स्वाट टीम ने सार्थक चौधरी को बुलंदशहर से पकड़ लिया है। आरोपी कई दिन से पुलिस को अलग-अलग जगह पर चकमा देकर घूम रहा था। बताया जाता है कि पुलिस को देखकर सार्थक चौधरी ने भागने का प्रयास भी किया था। फिलहाल उससे किसी अनजान जगह पर पूछताछ कर रही। माना जा रहा है कि सार्थक से लवीपाल के ठिकाने की जानकारी की जा रही है।

लवी पाल मास्टर माइंड

कॉमेडियन सुनील पाल अपहरण कांड में पुलिस के हत्थे चढ़े अर्जुन कर्णवाल ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि फर्जी इवेंट कंपनी चलाने वाला लवीपाल ही अपहरण कांड का मुख्य सूत्राधार है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि वह तो केवल सहयोगी भर था। जो कुछ लवीपाल कहता था वह करता था। इससे ज्यादा इस मामले में उसका कोई रोल नहीं है।

एक दिन पहले किया था इंकार

गुरुवार को सार्थक चौधरी ने मीडिया से बातचीत कर अपना पक्ष रखा था। उसने बताया कि मेरा अपहरण कांड से कोई लेना देना नहीं है। उधर, पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी दो दिन से अन्य लोगों के संपर्क में था। बिजनौर के एसपी सिटी संजीव वाजपेयी ने बताया कि जल्द ही बाकी फरार चल रहे सभी आरोपी पुलिस के कब्जे में होंगे।

मेरठ से खरीदी थी घड़ी

अभिनेता मुश्ताक का अपहरण करने वालों ने उनके मोबाइल से पेमेंट कर मेरठ से एक घड़ी खरीदी। खरीदारी और नकदी समेत करीब दो लाख रुपये मुश्ताक के मोबाइल से निकाले गए। इस घटना के बाद आरोपियों ने इसी अंदाज में हास्य कलाकार सुनील पाल का भी अपहरण किया।

सुनील पाल अपहरण मामले में दिल्ली पुलिस की एंट्री की आहट

मेरठ: कॉमेडियन सुनील पाल अपहरण कांड में दिल्ली पुलिस की एंट्री की आहट सुनाई देने लगी है। पुलिस के कुछ बड़े अफसरों का मानना है कि सुनील पाल अपहरण कांड को भले ही मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के किसी ढाबे पर अंजाम दिया गया हो, लेकिन इसकी शुरुआत तो दिल्ली से ही हो गयी थी। यह केस तो कायदे में मुंबई से दिल्ली ट्रांसफर किया जाना चाहिए था। इस केस में मेरठ व बिजनौर पुलिस की अब तक जो पड़ताल हुई है, उसके बाद यह कहा जा रहा है कि अपहरण कांड का घटनाक्रम दो दिसंबर को सुनील पाल के एयरपोर्ट से बाहर आते ही शुरू हो गया था।

राहुल के नाम से इवेंट कंपनी चलाने वाले लवीपाल व अर्जुन के गुर्गे एयरपोर्ट से ही सुनील पाल के पीछे लग गए थे। दिल्ली से हरिद्वार के सफर के बीच किसी भी जगह सुनील पाल का कथित किडनैप किया जाना था, इसके लिए गुर्गों को मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस वे का बाइपास मुफीद लगा, जिसके चलते यहां पर गाड़ी चेंज की गई और दूसरी गाड़ी में कॉमेडियन को बैठा लिया गया। इस थ्योरी के सामने आने के बाद ही पुलिस के कुछ बड़े अफसर मान रहे कि की जो जीरो एफआईआर मुंबई के सांताक्रूज थाने में दर्ज की गयी है,

वो बजाए मेरठ ट्रांसफर होने के दिल्ली ट्रांसफर की जानी चाहिए थी। दिल्ली पुलिस ही इसकी जांच करती और मेरठ व बिजनौर पुलिस का काम केवल सहयोगी भर का होना था। माना जा रहा है कि इसके बाद ही हाइलेवल पर कुछ गुफ्तगू के बाद दिल्ली पुलिस की एंट्री की आहट सुनाई देगी। मेरठ पुलिस के कुछ अफसरों का कहना कि दिल्ली पुलिस की एंट्री होती है तो फिर इसमें किसी को क्या आपत्ति हो सकती है। घटनाक्रम की शुरूआत तो वहीं से हुई है।

किसी भी पल खुलासा

सुनील पाल अपहरण कांड का पुलिस कभी भी खुलासा कर सकती है। दरअसल, इस मामले जरूरत से ज्यादा ही इंतजार हो गया है। पुलिस अब ज्यादा दिन तक इसको नहीं जिंदा रख सकती। बताया जाता है कि मेरठ व बिजनौर पुलिस ने अब तक जितना काम इस केस में कर लिया है, उसी के आधार पर खुलासा किया जा सकता है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि जिसमें से तीन बदमाश अर्जुन, आजिम और सैफू पुलिस के कब्जे में हैं जिनसे उनके बाकि साथियों के ठिकानों के बारे में पूछताछ की जा रही है।

20 नवंबर को मुश्ताक और दो दिसंबर को सुनील पाल का अपहरण कांड को अंजाम दिया गया था। महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से सुनील पाल की मुलाकात के बाद इस मामले में जल्दी खुलासे के नाम पर लीपापोती से भी इंकार नहीं किया जा सकता। संभव है कि किसी साफ्ट टारगेट को तलाश कर सुनील पाल व अपहरणकर्ताओं की आॅडियो फॉरेंसिक जांच को भेजने की जानकारी देते हुए खुलासा कर दिया जाए।

अखिलेश के ट्वीट के बाद अभिनेताओं ने काटी कन्नी

सपा सुप्रीमो व सूबे के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के सुनील पाल अपहरण कांड पर आए ट्वीट के बाद बॉलीवुड के भगवा खेमे में शुमार अभिनेताओं ने इस केस से अब कन्नी काट ली है। ऐसे तमाम अभिनेता है जो बड़े घटनाक्रमों को लेकर अक्सर प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए जाने जाते हैं। शुक्रवार को ऐसे कुछ अभिनेताओं की प्रतिक्रिया इस मामले में आनी थी लेकिन सूत्रों ने जानकारी दी है कि भगवा खेमे में शुमार इन तमाम अभिनेताओं ने प्रतिक्रिया से कन्नी काट ली है।

बातचीत के आॅडियो को लेकर पशोपेश

सुनील पाल अपहरण कांड में भले ही अब दिल्ली पुलिस की एंट्री की बात कही जाने लगी हो, लेकिन मेरठ व बिजनौर पुलिस इसमें काफी काम कर चुकी है, इसके बाद भी वारदात के खुलासे के पीछे हिचक की वजह सुनील पाल व कथित अपहरणकर्ताओं के बीच का आॅडियो जो सोशल मीडिया पर वायरल है, वो बना हुआ है। सुनील पाल की पत्नी एडवोकेट सरिता पाल इस वीडियो को एडिटेड करार दे चुकी हैं। हालांकि केस से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि सुनील पाल से बातचीत को आॅडियो को एडिटेड कहने भर से अनदेखा नहीं किया जा सकता।

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