जनवाणी ब्यूरो |
देहरादून: मौसम विभाग के अलर्ट के बीच रविवार काे राजधानी देहरादून सहित राज्य के अधिकतर इलाकों में रविवार को मौसम खराब बना हुआ है। वहीं मौसम विभाग द्वारा 17 अक्तूबर रविवार से दो-तीन दिन तक चारधाम सहित अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
दूसरी ओर खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यात्रा अस्थाई रूप से रोक दी है। हरिद्वार में हरकी पैड़ी रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर पुलिस द्वारा लगातार यात्रियों से स्नान कर वापस जाने की अपील की जा रही है। उत्तरकाशी और टिहरी जिले में जिला प्रशासन की ओर से 18 अक्टूबर के लिए सभी स्कूल-कॉलेज में एक दिन का अवकाश घोषित किया गया है।
मौसम विभाग द्वारा 17 अक्तूबर रविवार से दो-तीन दिन तक उत्तराखंड के चारधाम सहित अधिकांश पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस प्रशासन और सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और आपदा प्रबंधन विभाग ने इस चेतावनी को दृष्टिगत रखते हुए सभी स्थानीय निवासियों और यात्रियों से सतर्कता बरतने, नदी नालों से दूरी बनाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। उत्तराखंड की यात्रा पर आ रहे यात्रियों और यात्रा कर रहे यात्रियों से भी अनुरोध किया है कि वह मौसम की चेतावनी को देखते हुए अपनी यात्रा की योजना बनाएं और इस अवधि में यात्रा करने से बचें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में हो रही भारी बारिश को देखते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु से फोन पर प्रदेश की स्थिति की जानकारी ली है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य संबंधित कार्मिकों को संवेदनशील स्थानों पर हाई अलर्ट रखा जाए।
कहीं भी कोई घटना होती है तो रिस्पोंस टाईम कम से कम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जरूरत होने पर प्रभावितों को तत्काल राहत मिले। चार धाम यात्रा मार्ग पर भी विशेष ध्यान रखा जाए। कहा कि चारधाम यात्रियों और पर्यटकों से भी सावधानी बरतने की अपील की जाए।
चारधाम यात्रा मार्ग फिलहाल सुचारू है। वहीं रविवार को मौसम खराब होने की वजह से केदारनाथ यात्रा में जाने वाले यात्रियों को प्रशासन व पुलिस द्वारा सोनप्रयाग में रोका गया है। खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा अस्थाई रूप से रोक दी है।
वहीं केदारनाथ धाम से यात्रियों को लौटाया जा रहा है। इसका कारण यह है कि वहां क्षमता से अधिक यात्री मौजूद हैं। इसी को देखते हुए यात्रियों को लौटाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि श्रद्धालु दर्शन के बाद वापस न लौटकर वहीं रुक रहे हैं, जिस कारण धाम पर दबाव बढ़ रहा है।
उत्तरकाशी जिले में बारिश के मद्देनजर प्रशासन ने गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा पर भी रोक लगा दी है। रविवार को 850 यात्रियोें ने मां यमुना के दर्शन किए हैं। भटवाड़ी एसडीएम चतर सिंह चौहान और बड़कोट एसडीएम शालिनी नेगी ने बताया कि शासन के निर्देश पर यात्रा पर रोक लगाई गई है।
तीर्थयात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर बने रहने को कहा गया है। साथ ही धामों से भी तीर्थयात्रियों को वापस लौटने के लिए कहा गया है। चेक पोस्ट पर भी आने-जाने वालों पर निगरानी रखी जा रही है। एसडीएम बड़कोट शालिनी ने बताया कि दोपहर तक यमुनोत्री से 300 यात्री वापस लौटे हैं।
दून में तड़के से रुक-रुक कर झमाझम बारिश जारी है। वहीं मसूरी में भी हल्की बारिश होने से ठंड बढ़ गई है। रविवार को मसूरी-देहरादून मार्ग पर गलोगी के पास मलबा आ गया था। लोनिवि ने जेसीबी मशीन से मलबा हटाया और यातायात सुचारू किया।
यमुनोत्रीधाम सहित आस-पास के क्षेत्र में तेज बारिश होने के साथ ही धाम से लगी ऊंची चोटियों पर बर्फबारी भी हुई है। नई टिहरी में भी मौसम का मिजाज बदल गया है। नई टिहरी और आसपास के क्षेत्रों में सुबह से बारिश हो रही है।
नैनीताल जिले के भवाली में भी बारिश हो रही है। श्रीनगर, देवप्रयाग और कीर्तिनगर सहित अन्य क्षेत्रों में हल्की बूंदा-बांदी हुई। ऋषिकेश में झमाझम बारिश हुई। रुड़की में सुबह आठ बजे से बारिश होती रही।
मौसम केंद्र के अनुसार 17 अक्तूबर को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, ऊधमसिंह नगर में अधिकांश क्षेत्रों में बारिश होने का अनुमान है। 18 और 19 को भी ज्यादातर जगह बारिश होने के आसार हैं।
18 अक्तूबर को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, देहरादून, टिहरी व पौड़ी के कई और हरिद्वार व ऊधमसिंह नगर के कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान 80 किमी प्रति घंटे की तेज रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। कई जगह ओले गिरने के आसार हैं।
पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फ भी गिर सकती है। मौसम विभाग ने इस दौरान भूस्खलन, जलभराव होने, गाड़-गदेरों में उफान आने और ओलावृष्टि से फसलों, खुले में पार्क वाहनों और जानवरों को नुकसान होने की भी चेतावनी दी है। इससे चारधाम समेत पहाड़ी क्षेत्रों में चल रही यात्राओं पर भी असर पड़ सकता है।
डोईवाला में धान की खेतों में कटी फसल को बारिश से नुकसान हुआ है। शनिवार देर रात और रविवार सुबह तड़के हुई बारिश से खेतों में कटी धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। किसान उमेद बोहरा ने बताया कि दूधली, शिमलास ज्वालापुर, नागल बुलंदा वाला के अलावा कई क्षेत्रों में धान की फसल की कटाई हो रही है।
बारिश होने से कटी फसल को नुकसान होना तय है। किसानों ने कहा कि विभाग की और से भी बारिश का अनुमान एक दिन पहले ही बताया गया। इस बारिश से धान काला पड़ने और सूखने की स्थिति में चावल का दाना टूटने की संभावना रहती है। किसानों ने कहा कि यदि बारिश जारी रही तो नुकसान होना तय है।