Tuesday, February 11, 2025
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अच्छे आहार, आचरण आयुर्वेद से संभव: सुनील

  • पौधे उगाने की तकनीक भी जानी, शोभित विवि में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का समापन
  • समापन अवसर पर रुद्राक्ष के विज्ञान को समझ किया ज्ञान का संचार

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: शोभित विवि में चल रही दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय कांफ्रेंस का शनिवार को समापन हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि पेट्रोलियम और ऊर्जा शिक्षा विश्वविद्यालय देहरादून के कुलाधिपति प्रोफेसर सुनील राय ने कहा कि हम अच्छे आहार और अच्छे आचरण से स्वस्थता ला सकते हैं और यह केवल आयुर्वेद के उपयोग से ही संभव हो सकता है।

शोभित विवि के कुलपति डा. जयानंद ने कहा कि रुद्राक्ष पर शोध की यह 15 साल की यात्रा है। यह कांफ्रेंस विश्व में पहली बार रुद्राक्ष के वैज्ञानिक तथ्यों पर आयोजित की गई। शोभित विवि गंगोह के कुलपति डा. रंजीत ने रुद्राक्ष के वैज्ञानिक तथ्यों पर चर्चा की।

अमेरिका, तुर्की, स्वीडन, साउथ अफ्रीका के प्रोफेसर ने किये शोध पत्र प्रस्तुत

तुर्की के डा. फुलडेन ने ग्रीन सिंथेसिस आॅफ प्लांट मेडिएटेड नैनोपार्टिकल पर अपना शोध प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि ग्रीन सिंथेसिस में उपयुक्त ग्रीन स्त्रोत वृक्ष जंतु या सूक्ष्म जीव में से कुछ भी हो सकता है। अमेरिका की डा. माला बेन्दु ने मोरिंगा द बेस्ट सुपरफूड पर अपने शोध पर आधारित रोचक तथ्य प्रस्तुत किये। स्वीडन के डा. अंशुमन मिश्रा ने रुद्राक्ष फिनॉमिक्स, स्थायी जीवन शैली के लिए व्यवस्थित अभ्यास पर जानकारी साझा की।

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अफ्रीका के डा. पेनी गोविंदर ने अपना शोध प्रस्तुत किया। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी फरीदकोट के डा. प्रवीण बंसल, डाबर रिसर्च फाउंडेशन के कामराज मनी, आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर गौरव माणिक, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के डा. ललित मोहन अग्रवाल, सरदार वल्लभ भाई पटेल एग्रीकल्चर विवि की डा. रेखा दीक्षित, नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलॉजी के डा. नितिन एवं डा. ओपी वर्मा ने रुद्राक्ष पर अपने विचार प्रस्तुत किये।

सेंटर फॉर रिसर्च आॅन रुद्राक्ष की डा. मनीष रस्तोगी ने दो दिवसीय आयोजित कांफ्रेंस की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रथम दिन 75 एवं दूसरे दिन आठ सेशन में आॅनलाइन एवं आॅफलाइन मोड में लगभग 120 शोध पत्र प्रस्तुत किये गए।

पहली बार आयोजित कांफ्रेंस में रिकॉर्ड तोड़ शोध पत्र

शायद यह अपने तरीके का एक विश्व रिकॉर्ड ही होगा कि रुद्राक्ष आध्यात्मिक विषय पर वैज्ञानिक शोध पत्र इतनी भारी मात्रा में आये। मंच संचालन डा. नेहा वशिष्ठ ने किया। जबकि धन्यवाद डा. शिवा शर्मा ने दिया।

एसडीएम मवाना ने जाने रुद्राक्ष के रहस्य

एसडीएम मवाना अखिलेश यादव ने रुद्राक्ष मेले में रुद्राक्ष के रहस्यों को जाना। साथ ही बायोटेक्नोलॉजी एवं रुद्राक्ष की लैबों को भी देखा। बायोमेडिकल की अनुपमा ने औरा स्कैनर से एसडीएम के समक्ष वैज्ञानिक प्रस्तुतीकरण दिया। विवि के कुलपति ने एसडीएम को रुद्राक्ष का पौधा भेंटकर सम्मानित किया।

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