Monday, February 17, 2025
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हरिद्वार की टीम ने दिखाया दमखम

  • नॉर्थ जोन हॉकी सीबीएसई अंडर-19 में श्रीराम विद्या मंदिर हरिद्वार ने जीती ब्वायज और गर्ल्स की चैंपियनशिप
  • एशियाड गेम्स के पदकों ने बढ़ाया खिलाड़ियों का उत्साह: अशोक ध्यानचन्द

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: श्रीराम विद्या मंदिर हरिद्वार ने नॉर्थ जोन हॉकी सीबीएसई अंडर-19 ब्वायज और गर्ल्स दोनों वर्गों में चैंपियनशिप पर कब्जा कर लिया है। टीम ने यह उपलब्धि लगातार तीसरी बार हासिल की है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्रिकेट के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र और अर्जुन अवॉर्डी अशोक ध्यानचंद तथा सांसद राजेंद्र अग्रवाल जी रहे।

डीएवी सैंटनरी पब्लिक स्कूल, शास्त्री नगर मेरठ की ओर से सीबीएसई के तत्वाधान में नार्थ जोन हॉकी अंडर-19 ब्वायज एंड गर्ल्स चैंपियनशिप का तीन दिवसीय आयोजन कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में किया गया। पुरस्कार वितरण और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ के साथ इस आयोजन का समापन धूमधाम से किया गया। तीन दिन चली प्रतियोगिता में 22 स्कूलों से करीब 360 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया।

जिसके अंतर्गत अंडर-19 ब्वायज मुकाबलों में श्रीराम विद्या मंदिर स्कूल हरिद्वार प्रथम, जेकेजी गाजियाबाद द्वितीय, डीएवी सैंटेनरी पब्लिक स्कूल मेरठ तृतीय रहे। अंडर-19 गर्ल्स मुकाबलों में भी श्रीराम विद्या मंदिर स्कूल हरिद्वार ने प्रथम स्थान ग्रहण किया। श्री ठाकुरद्वारा बालिका विद्यालय गाजियाबाद को दूसरा और जेकेजी गाजियाबाद को तीसरा स्थान मिला। गर्ल्स वर्ग में श्री ठाकुरद्वारा बालिका विद्यालय गाजियाबाद की अंशिका चौधरी श्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में सम्मानित किया गया।

ब्वायज वर्ग में अधिकतम गोल के लिए श्रीराम विद्या मंदिर हरिद्वार के आयुष को तथा श्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में डीएवी के सुप्रांश को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि स्व. मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र और अर्जुन अवॉर्डी अशोक ध्यानचंद तथा सांसद राजेंद्र अग्रवाल शामिल हुए। विशिष्ट अतिथि के रूप में भारतीय हॉकी फेडरेशन के पूर्व कोषाध्यक्ष जेएन त्यागी, निर्मला सिंह (अध्यक्ष करण पब्लिक स्कूल), डॉ. अल्पना शर्मा (रीजनल आॅफिसर डीएवी स्कूल यूपी जोन, ए), सीबीएसई आॅब्जर्वर रीमा त्यागी मौजूद रहे।

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मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथियों को शॉल, स्मृति चिन्ह तथा पौध देकर उनका अभिवादन किया गया। कार्यक्रम के अंतर्गत डीएवी के विद्यार्थियों ने यू मेड मी बिलीवर्स गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्य अतिथि अर्जुन अवार्डी अशोक ध्यानचंद ने कहा कि खेल में जीतने के बाद गर्व की अनुभूति होती है। वहीं अपनी हार खिलाड़ी को शिक्षा देकर और अधिक निपुण होने और देश के लिए खेलने के लिए प्रेरित करती है।

उन्होंने कहा कि चीन में हुए एशियाड गेम्स में मिले पदकों ने खिलाड़ियों का उत्साह कई गुना बढ़ा दिया है। सरकार के स्तर से भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। वहीं सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने प्रतिभागियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना देते हुए कहा कि मेरठ स्टेडियम को यह गौरव हासिल है कि यहां मेजर ध्यानचंद और अशोक ध्यानचंद समेत विभिन्न प्रतिभाओं ने अपने प्रदर्शन को निखारा है।

उन्होंने कहा कि खेल में अनुशासन और खेल भावना का बड़ा महत्व है। जीवन में अनुशासन, सहयोग, मैत्री, सद्भावना, मानवीय मूल्य तथा सभ्य नागरिक बनने पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। समारोह के अंतर्गत जेएन त्यागी पूर्व कोषाध्यक्ष भारतीय हॉकी फेडरेशन को लाइफटाइम अचीवमेंट सम्मान दिया गया। विजेताओं को मेडल तथा ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया।

हॉकी के प्रति रुझान बढ़ा है: अशोक ध्यानचंद

हाकी के जादूगर कहे जाने वाले स्व. मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र अर्जुन अवार्ड से सम्मानित अशोक ध्यानचंद का कहना है पहले और आज के समय में सबसे बड़ा फर्क यही आया है कि अब हॉकी के प्रति खिलाड़ियों और अभिभावकों का रुझान बढ़ा है। प्रतिस्पर्धा में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या इसका उदाहरण है। कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में जनवाणी संवाददाता से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि पहले फुटबॉल वॉलीबॉल और कबड्डी जैसे खेल प्रचलन में थे।

इनके साथ-साथ आज हॉकी ने भी अपने लोकप्रियता में काफी इजाफा कर लिया है। जिस समय वे जर्मनी में ओलंपिक खेलने गए, तब प्रतिभागियों की संख्या करीब 5000 थी। जबकि इस समय इनकी संख्या में तीन गुना बढ़ोतरी हो चुकी है। आज भारत के अंदर भी काफी परिवर्तन आ चुका है। बच्चे और अभिभावक चाहते हैं कि हॉकी में अधिक से अधिक प्रतिभागी किया जा सके, और देश का नाम रोशन किया जा सके। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा परिवर्तन यही आया है कि आज खेल के क्षेत्र में सरकार सुविधा और सम्मान दोनों दे रही है।

खिलाड़ियों को उनके जीवन के लिए जरूरी चीजें मुहैया कराई जा रही हैं। पिछले वर्ल्ड कप में यह महसूस किया गया कि खिलाड़ियों में आत्मविश्वास की कमी है, लेकिन इस समय इसे दूर कर लिया गया है, यह एक शुभ संकेत है। आने वाले समय में ओलंपिक में प्रतिभा करते हुए भारत की टीम पहले की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करेगी यही उम्मीद है। उन्होंने कहा कि टीम को ओलंपिक खेलों के अनुरूप अपने आप को खड़ा करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

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