Thursday, April 25, 2024
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नर्स के पति की मौत पर स्वास्थ्यकर्मियों ने इमरजेंसी सेवा की ठप, हंगामा

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  • कई घंटे तक स्वास्थ्य सेवा ठप होने के कारण मरीजों में मचा हाहाकार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेडिकल कॉलेज में स्टाफ नर्स के पति की इलाज के अभाव में मौत होने पर स्वास्थ्यकर्मियों ने इमरजेंसी की सेवाएं ठप कर दी। इसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने हंगामा करते हुए कर्मचारियों व उनके परिजनों के लिए अलग से बैड की सुविधाएं मुहैया कराने की मांग उठाई।

स्वास्थ्यकर्मियों के आक्रोश की जानकारी मिलते ही कॉलेज के प्राचार्य ज्ञानेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे और स्वास्थयकर्मियों को समझाकर मामला शांत कराया। इसके बाद उन्होंने इमरजेंसी का निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं में सुधार लाने के निर्देश दिए। हालांकि इस बीच इमरजेंसी ठप होने के कारण मरीजों में हाहाकार मच गया। वहीं प्राचार्य के समझाने के बाद सभी स्वास्थ्यकर्मी अपने काम पर लौट गए।

गौरतलब है कि दो दिन पहले मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नर्स अमृता पीटर के पति अमित की इलाज के अभाव में मौत हो गई थी। स्टाफ नर्स का आरोप था कि उसके पति को समय से वेंटिलेटर नहीं मिला। जिसके चलते इमरजेंसी में उसकी मौत हो गई। घटना से गुस्साए इमरजेंसी के कर्मचारियों ने बुधवार की सुबह कामकाज ठप कर दिया और इमरजेंसी से बाहर आकर हंगामा करने लगे।

हंगामे के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों की मांग थी कि उनके व परिजनों के लिए कॉलेज में अलग से बेड की सुविधा उपलब्ध कराई जाएं। मामले की जानकारी होते ही प्राचार्य ज्ञानेंद्र कुमार इमरजेंसी में पहुंचे और स्वास्थ्यकर्मियों को समझाते हुए मामला शांत कराया। इसके बाद इमरजेंसी का निरीक्षण करते हुए खाली पड़ी जगहों पर नए बेड लगवाए। इसके बाद सभी कर्मचारियों को आगे किसी भी तरह की परेशानी न होने का आश्वासन दिया।

प्राचार्य ज्ञानेंद्र कुमार के आश्वासन के बाद सभी स्वास्थ्यकर्मी अपने काम पर वापस लौट गए। हालांकि इस बीच मरीजों में हाहाकार की स्थिति बनी रही। वहीं मरीजों के तीमारदारों ने भी प्राचार्य से इमरजेंसी में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की।

हिमालय हॉस्पिटल में 24 घंटे में कोरोना से चार मौत

सरधना क्षेत्र में कोरोना लोगों की जान ले रहा है। हिमालय हॉस्पिटल में 24 घंटे में कोरोना से चार लोगों की मौत होने का मामला सामने आया है। प्रशासन द्वारा सरधना में हिमालय हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाया हुआ है। जिसमें आसपास क्षेत्र के कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है। मगर कोरोना लोगों पर मौत बनकर बरस रहा है। हिमालय हॉस्पिटल में 24 घंटों में कोरोना के चार मरीजों ने दम तोड़ दिया है।

जिनमें एक महिला रनखंडी गांव निवासी, एक महिला दौराला, एक महिलासरधना निवासी तथा एक नवादा गांव निवासी अधेड़ शामिल है। अस्पताल संचालक डा. ओमकार पुंडीर ने बताया कि पिछले 24 घंटों में यहां चार कोरोना मरीजों की मौत हुई है।

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मेडिकल कर्मचारियों ने डा. राठी के खिलाफ मोर्चा खोला

राजकीय मेडिकल कॉलेज कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कपिल राणा व राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला अध्यक्ष विपिन त्यागी के नेतृत्व मे कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र कुमार से मिला। प्राचार्य को बताया कि मेरठ मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. सुधीर राठी द्वारा किये जा रहे पक्षपात के कारण चिकित्सालय मे कार्यरत कर्मचारी अत्यधिक त्रस्त है।

डा. सुधीर राठी करोना वॉरियर्स एवं उनके रिश्तेदारों के साथ मे अमानवीय व्यवहार करते हैं, यदि कोई चिकित्सक अथवा उनके रिश्तेदार कोरोना से संक्रमित होकर भर्ती होता है तो उसको सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है। जबकी कर्मचारी व उनके रिश्तेदारों को रेमडेसिविर इंजेक्शन तक को मना कर दिया जाता है। वेंटिलेटर तक उपलब्ध नहीं कराये जाते हैं।

जिसके कारण कर्मचारियों व उनके परिवार वालों की मौतें हो रही है। ऐसी ही घटना स्टाफ नर्स अमृता के पति के साथ घटी। जिनको वेंटिलेटर तक उपलब्ध नहीं कराया गया। जिसके कारण उनकी मौत हो गयी। ऐसी अनेक घटनाएं है। आशा त्यागी सिस्टर की मौत भी घोर लापरवाही से कोविड आईसीयू के बाथरूम में गिरने से हो चुकी है। संगठन मांग करता है कि डा. सुधीर राठी को तुरंत कोविड वार्ड से हटाया जाये और इन मौतों की जांच करायी जाये। अन्यथा संगठन प्रदेश स्तर पर आंदोलन चलाने को बाध्य होगा मिलने वालों में राजीव शर्मा, जेपी यादव, शरली भंडारी, रामनिवास, तरुण, कालू सिंह आदि मौजूद थे।

कोविड अस्पतालों में नहीं बेड, वेटिंग में चल रहे मरीज

कोविड अस्पतालों की हालत इस कदर खराब है कि यहां लोगों को बेड ही नहीं मिल रहे हैं। अस्पताल संचालक भी कर्मचारी न होने का रोना रो रहे हैं। वह तो बेड कम करने की बात तक प्रशासन से कर चुके हैं। शहर के न्यूटिमा अस्पताल की ही बात करें तो यहां मरीजों की संख्या इस कदर बढ़ रही है कि यहां 15 मरीज भर्ती होने के लिये कतार में हैं। जबकि अस्पताल में कोई बेड खाली नहीं है।

अब मरीज भी इस इंतजार में हैं कि कब उन्हें बेड मिलेगा और कब इलाज शुरू होगा। यहां प्रशासन की ओर से 32 कोविड सेंटर बनाये गये हैं। इन कोविड सेंटरों में अलग-अलग बेड की व्यवस्था की गई है। इतनी संख्या में अस्पताल होने के बावजूद लोगों को इलाज नहीं मिल रहा है। लोग भर्ती होने के लिये इंतजार कर रहे हैं। उनका नंबर वेटिंग में चल रहा है। शहर के कई बड़े अस्पतालों की हालत खराब है।

यहां तक कि सत्ताधारी विधायक और सांसद भी अपने मरीजों को भर्ती नहीं करवा पा रहे हैं। इस संबंध में किठौर विधायक ने यहां तक कहा कि अस्पताल संचालक उनका फोन तक उठाना पसंद नहीं कर रहे हैं। ऐसे में आम आदमी को कैसे इलाज मिलेगा। शहर के न्यूटिमा अस्पताल की बात करें तो यहां 80 कोरोना मरीजों की रखने की अनुमति है।

यहां एक भी बेड खाली नहीं है ऊपर से स्टाफ की कमी चल रही है जिस कारण अस्पताल संचालक परेशान है। 15 से अधिक मरीज भर्ती होने के लिये वेटिंग में चल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक अस्पताल संचालक ने यहां 60 बेड की अनुमति के लिये प्रशासन को पत्र लिखा है। अगर यही हाल रहे तो लोगों को इलाज कैसे मिलेगा।

न्यूटिमा में आॅक्सीजन न मिलने से तीन की मौत, हंगामा

न्यूटिमा अस्पताल में आॅक्सीजन की कमी से मरने वालों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। तीन दिन पहले आॅक्सीजन खत्म होने से जहां पांच लोगों की मौत हो गई थी, वहीं बुधवार को समय पर आॅक्सीजन नहीं मिलने से तीन लोगों की मौत हो गई। तीन लोगों की मौत होने पर मृतकों के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। मौके पर पहुंची मेडिकल पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझाकर मामला शांत कराया।

गौरतलब है कि कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव सिंघावली की रहने वाली एक महिला के फेफड़ों में इंफेक्शन था। जिसके चलते उन्हें पांच दिन पहले न्यूटिमा में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप था कि न्यूटिमा में भर्ती कराने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने उनसे आॅक्सीजन सिलेंडर मंगवाया। लेकिन जब उन्हें वेंटीलेटर की जरुरत पड़ी तो अस्पताल प्रबंधन ने उनसे वेंटिलेटर भी लाने के लिए कहा।

जिसे वह उपलब्ध नहीं करा सकें। आरोप था कि अस्पताल प्रबंधन ने अपनी ओर से उनके मरीज को कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई, जिस कारण सुविधाओं के अभाव में बुधवार को महिला की मौत हो गई। वहीं बुधवार को ही न्यूटिमा में भर्ती दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की भी समय पर आॅक्सीजन न मिलने के कारण मौत हो गई। जिसके बाद मृतकों के परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमा होकर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। मामले को बढ़ता देख अस्पताल का स्टाफ में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सूचना मिलने पर मेडिकल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा कर रहे लोगों को समझाकर शांत किया। इसके बाद परिजन अपने शवों को ले गए।

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