- जगह-जगह खुले हैं मौत के अवैध कट, नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने की मंूद रखी है आंखें
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: एनएच-58 पर 72 किलोमीटर के क्षेत्र में 60 से ज्यादा अवैध कट बने हुए हैं। मौत के कट से हाइवे पर लगातार हादसे बढ़ते जा रहे हैं। टोल कंपनी और नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया को यह कट दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिसके चलते हाईवे पर मृत्यु दर लगातार बढ़ रही है। सबसे ज्यादा खतरनाक खड़ौली के अवैध कट हैं। यहां बने होटल हादसों को दावत दे रहे हैं।
रुड़की रोड कहने को नेशनल हाइवे है, लेकिन इसकी हालत लगातार खराब होती जा रही है। जगह-जगह खुल रहे कट से हाइवे पर हादसों का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। इन अवैध कटों को बंद नहीं कराया गया है। जिस कारण से आए दिन हाइवे पर हादसों की घटना बढ़ रही है। 24 घंटे पहले ही दिल्ली-देहरादून हाइवे पर दो लोगों की मौत हो गई। उसके बाद भी टोल कंपनी और नेशनल हाइवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने कोई कदम नहीं उठाया है। अगर हाइवे पर मौत के अवैध कट बंद नहीं किए गए तो लगातार हादसे बढ़ते रहेंगे।
शाम को रहता है सबसे ज्यादा खतरा
हाइवे पर शाम के समय सबसे ज्यादा हादसो का डर रहता है। इस समय दो पहिया वाहन और साइकिल सवार हाइवे पर बने अवैध कटों से बीच में से ही अचानक आ जाते हैं। जिस कारण से हादसे होते हैं। परतापुर से लेकर दौराला तक सबसे ज्यादा अवैध कट बने हुए हैं। ऐसा ही हाल सकौती और दादरी तक का है।
आखिर क्यों बंद नहीं हो रहे कट?
दिल्ली-देहरादून हाइवे पर खुले हुए कट को आखिर कंपनी द्वारा क्यों बंद नहीं किया जा रहा है। जबकि स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने भी इस संबंध में कई बार विरोध भी किया है कि लगातार हादसे से बढ़ रहे हैं। इन कट को कंपनी द्वारा बंद किया जाए, लेकिन टोल कंपनी का ध्यान सुविधा देने पर नहीं बल्कि टोल वसूली पर है।