- अब विकास की तरफ बढ़े कदम, शहर में अनेक विकास परियोजनाएं निर्माणाधीन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सिटी ट्रांसपोर्ट कैसे सुधरे? क्या व्यवस्था होनी चाहिए? शहर स्मार्ट सिटी कैसे बने? पानी की बचत कैसे करें? शहर से डेरी शिफ्ट करें या फिर डेयरी संचालकों पर कठोर कार्रवाई जुर्माना बढ़ाकर करें? इन तमाम बिन्दुओं को लेकर कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने मंगलवार को मंडलायुक्त सभागार में आयोजित मीटिंग में लोगों के साथ चर्चा की।
आयुक्त ने कहा कि मेरठ एक ऐतिहासिक शहर है। क्रांतिधरा के नाम से पूरे विश्व में जाना जाता है। अनेक विशेषताओं के लिए मशहूर है, लेकिन ऐतिहासिक शहर होने के बावजूद मेरठ को वह मुकाम हासिल नहीं हुआ, जो होना चाहिए था।
वर्तमान में मेरठ शहर में अनेक विकास परियोजनाएं निर्माणाधीन है। विभिन्न नेशनल हाइवे, एक्सप्रेस-वे और भारत की प्रथम रैपिड रेल परियोजना मेरठ में निर्माणाधीन है। अब विकास की तरफ कदम बढ़े हैं।
इसके अलावा भी मेरठ शहर निश्चित रूप से अवस्थापना की दृष्टि से काफी विकसित होने जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी परियोजना के लिए भी मेरठ को चिन्हित किया गया है, लेकिन शहर के लोगों भी स्वयं को स्मार्ट बनाएं और अपने शहर के प्रति अपना योगदान दें। इसके लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
स्कूल एवं एनजीओ इसमें अहम् भूमिका अदा कर सकते हैं। उपयुक्त होगा कि स्कूली बच्चों के माध्यम से अभिभावकों को जागरूक किया जाए। इस दिशा में सक्रिय सहयोग एवं भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्कूल प्रबंधकों से अपेक्षा की गई कि बच्चे निश्चित ही आने वाले कल हमारे भविष्य को तय करते हैं, अत: उपयुक्त होगा कि जिस जिम्मेदारी को हम अपने नागरिकों के मध्य देखना चाहते हैं, वह उन बच्चों में अभी से विकसित की जाए। इस संबंध में स्कूल प्रबंधकों के साथ विचार-विमर्श किया गया।
स्वच्छता शहर का एक महत्वपूर्ण अंग है। घरों से निकलने वाले कूड़े को इधर-उधर न फैलाना, प्रारंभिक स्तर पर ही करना, शहर के सार्वजनिक स्थलों, सड़कों, पर्यटक स्थलों, धार्मिक स्थलों इत्यादि पर गंदगी फैलाने से रोकने के विषय में अधिक जागरूक किए जाने की आवश्यकता है।
शहर में संचालित पशु डेयरियों द्वारा नाले में गोबर बहाने की समस्या की रोकथाम के लिए कड़े जुर्माने के जरूरत है। शहर में यातायात की समस्या के लिए आईटीएमएस प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। साथ ही साथ आमजन के मध्य को लेकर बच्चों को जागरूक किया जाए।
विभिन्न कार्यक्रमों और के माध्यम से ओवरस्पीडिंग इत्यादि से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया जाए। इसी तरह से कुछ संस्थाओं द्वारा भी चौराहों को गोद लिया जा सकता है। स्कूलों द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर पौधरोपण, वाटरफॉल, सुंदर पेंटिंग, ब्रांडिंग आदि की जा सकती है।
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत मेरठ में आगे माह तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन प्रस्तावित है, जिसमें स्कूलों की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है। सभी से अपेक्षा की गई कि इसमें अपने सुझाव एवं प्रस्ताव उपलब्ध कराएं।
आयुक्त द्वारा यह कहा कि अधिकारीगण शहर के स्थाई निवासी नहीं होते और अक्सर स्थानांतरित होते रहते हैं, किंतु आप सभी शहर के स्थाई वासी हैं और प्रमुख अंग हैं। निश्चित रूप से आपमें शहर के प्रति अधिक अपनापन और अधिक प्रेम भावना विद्यमान है। अत: इस संबंध में आगे आकर अपनी भूमिका का निर्वहन करें एवं शहर में सुधार की दिशा में सक्रिय योगदान दें।