- कृषि भूमि खरीद कर हो रही प्लाटो की बिक्री
- भोली-भाली जनता को आसान किस्तों में बेच रहे प्लांट
- जनता को किस्तों का ऑफर दे बना रहे बेवकूफ
जनवाणी संवाददाता |
मोरना: जानसठ तहसील में प्रॉपर्टी डीलर अवैध कॉलोनी काटते हुए नहीं डर रहे हैं। भोली-भाली जनता को प्लांट बेचकर खूब धन कमाने में लगे हुए हैं। प्रशासनिक अधिकारी भी इस और आंखें मूंदे बैठे हैं। जिला पंचायत से बिना नक्शा पास के ही अवैध कलानियों का निर्माण किया जा रहा है। जिले में अवैध कॉलोनीयों पर लगातार कार्रवाई भी हो रही है। लेकिन उसके बावजूद भी प्रॉपर्टी डीलर भोली भाली जनता को फंसा कर अपना कार्य कर रहे हैं। आखिरकार इन अवैध कॉलोनीयों पर कब योगी जी का बुलडोजर कार्यवाही के लिए पहुंचेगा।
जनपद मुजफ्फरनगर की तहसील जानसठ में प्रॉपर्टी डीलर मनको की अनदेखी कर खूब कालोनियां काट रहे हैं। प्रॉपर्टी डीलर बिना नक्शा बनवाए ही अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। तहसील जानसठ के करीब दो दर्जन से अधिक कस्बे व ग्राम पंचायत जिसने कस्बा जानसठ, कस्बा मीरापुर, कस्बा भोकरहेड़ी , पंचायत जटवाड़ा, ककरौली, बेहडा सादात, जौली, मोरना आदि स्थान पर अवैध रूप से प्लाटिंग का कार्य बेधड़क होकर प्रॉपर्टी डीलर कर रहे हैं।
जिला प्रशासन की ओर से सख्त आदेश जारी किया हुआ है, कि कहीं पर भी अवैध कालोनी विकसित नहीं होने दी जाएगी। इसके बाद भी डीलर प्रशासन के कुछ अधिकारियों या कर्मचारी से साथ गांठ कर अवैध कालोनियों का निर्माण कर रहे हैं। कुछ प्रॉपर्टी डीलर मनको की अनदेखी कर खूब कॉलोनी काट रहे हैं ।
कहीं नक्शा तक नहीं बनवाया जा रहा है। वहीं अन्य जरूरत भी पूरी की जा रही है। प्रॉपर्टी डीलर भोले-भाले लोगों को ऑफर देते हैं कि तुम कुछ पैसा पहले जमा कर दो उसके बाद 1 वर्ष से 2 वर्ष का समय दिया जाता है। यही वजह है कि भोली-भाली जनता इन प्रॉपर्टी डीलर के झांसे में आकर अवैध प्लॉट खरीद रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर अभी तक जानसठ तहसील में किसी भी प्रॉपर्टी डीलर पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जानसठ क्षेत्र में काफी स्थानों पर अवैध प्लाटिंग का कार्य किया जा रहा है। प्रशासन को इस और ध्यान कर इन अवैध प्लाटिंग करने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
सस्ते दामों में खरीद कमाते है मोटी रकम
जनपद मुजफ्फरनगर में सस्ते दामों में प्रॉपर्टी डीलर कृषि भूमि को खरीदते हैं ।तथा उस पर फर्जी तरीके से नक्शा बनवाकर सस्ती जमीनों को5 हजार गज के हिसाब से शुरू कर 20 से 40 हजार रूपए गज के हिसाब से जमीन बेचते हैं। यह प्रॉपर्टी डीलर प्लांट बेचते समय कॉलोनी में पानी के लिए सिविर डलवाने, बिजली की लाइन देने, सड़क, पानी आदि कि व्यव्स्था कराने का दावा करते हैं।
जब कालोनियां बनकर तैयार हो जाती हैं। तो यह प्रॉपर्टी डीलर वहां से अपनी सारी जमीन बेच कर भोली भाली जनता के हाथ नहीं आते हैं। तथा उन लोगों को सड़क पानी व अन्य व्यवस्थाओं से वंचित रह जाते हैं। तथा अधिकारियों के चक्कर काट कर थक जाते हैं। लेकिन उन कॉलोनीयों पर प्रशासन द्वारा कोई कार्य नहीं कराया जाता है। जबकि बाद में इन्हीं वादों पर इन कलानियों पर कोई काम नहीं होता है।