Saturday, April 20, 2024
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हाई अलर्ट पर दिल्ली पुलिस, संवेदनशील इलाकों में बढ़ाई गई सतर्कता

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: पीएफआई पर पांच साल के प्रतिबंध के बाद दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजधानी के विभिन्न हिस्सों में पुलिस ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इलाके के उपायुक्त खुद मौका-मुआयना कर हालात पर नजर रखे हुए हैं। पूर्वी दिल्ली समेत सघन आबादी वाले इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

हालांकि केंद्र सरकार के इस कदम का अधिकांश राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है लेकिन फिर सियासी स्तर पर विरोध के स्वर भी उठे हैं। केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने के फैसले का कांग्रेस समेत कई दलों ने स्वागत किया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से सांप्रदायिकता के खिलाफ रही है। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सरकार के फैसले की सराहना की।

धार्मिक उन्माद की कोई जगह नहीं : कांग्रेस

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस पार्टी हमेशा से सभी प्रकार की सांप्रदायिकता की खिलाफ रही है, हम बहुसंख्यकवाद या अल्पसंख्यकवाद के आधार पर धार्मिक उन्माद में फर्क नहीं करते। पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना सही कदम है क्योंकि देश में धार्मिक उन्माद फैलाने वालों की कोई जगह नहीं है। रमेश ने कहा, कांग्रेस पार्टी उस विचारधारा और संस्था के खिलाफ हैं, जो हमारे समाज का धार्मिक ध्रुवीकरण करे।

देश के लिए खतरनाक लोग स्वीकार्य नहीं : योगी आदित्यनाथ

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पीएफआई और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। यह नया भारत है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।

मुस्लिम संगठनों ने कहा, देश अगर सुरक्षित है तो हम सुरक्षित

केंद्र सरकार ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इसको लेकर देश के कुछ मुस्लिम संगठनों और उनके नेताओं ने बैन को सही बताते हुए इसका समर्थन किया है।

पीएफआई और इसके सहयोगी संगठनों व संबद्ध संस्थाओं पर लगे प्रतिबंध पर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। उनका यह मानना है कि कानून का अनुपालन और आतंकवाद की रोकथाम के लिए अगर यह कार्रवाई की गई है तो इस पर सभी को धीरज से काम लेना चाहिए। सरकार और जांच एजेंसियों के इस कदम का स्वागत करना चाहिए, क्योंकि देश अगर सुरक्षित है तो हम
सुरक्षित हैं।

वहीं, अजमेर सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज एवं वंशानुगत सज्जादानशीन दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खां ने एक बयान जारी कर कहा कि पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर लगे प्रतिबंध का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से पीएफआई की देश विरोधी गतिविधियों की लगातार खबरें आ रही हैं और आज जो इस पर प्रतिबंध लगा है वह देश हित में है।

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