- किठौर में एक महीने में तीन बच्चों ने छोड़ा घर, पुलिस ने सकुशल किए बरामद
जनवाणी संवाददाता |
किठौर: कभी बच्चे मनोरंजन के लिए दादी-नानी से परियों की कहानियां सुना करते थे। वे कहानियां शिक्षा, संस्कार और प्रेरणा से परिपूर्ण होती थीं, लेकिन हाईटेक युग में सब बदल गया। एंड्रायड मोबाइल मनोरंजन का साधन बने तो भौतिकवाद और निजता लोगों के जेहन में घर कर गई। बच्चे भी इससे अछूते न रहे मोबाइल और पैसे की लालसा ने उन्हें भी बेलगाम कर दिया।
हाईटेक युग में नैतिक मूल्यों के पतन के साथ मनोरंजन के मायने बदल गए हैं। कहानी किस्सों के बजाए एंड्रायड मोबाइल की विभिन्न साइट्स, यूट्यूब, गेम्स, मनोरंजन के साधन बन चले हैं, लेकिन इसमें चौतरफा भौतिकवाद हावी है। एंड्रायड मोबाइल की अधिकतर साइट्स पर मनोरंजक विधाओं में धन व संसाधन संपन्नता को प्रमुखता से दिखाते हुए इसे प्राथमिकता दी जा रही है।
जबकि संस्कार और नैतिकता गौण हो रही है। ऐसे में एंड्रायड मोबाइल्स की जद में आ रहे बच्चों पर मोबाइल, पैसा व अन्य हाईटेक संसाधन प्राप्ति का भूत सवार होना लाजिम है और इसके लिए अंजाम से बेपरवाह बच्चे बेलगाम होते जा रहे हैं। किठौर की बात करें तो पिछले एक महीने में तीन बच्चे घर से निकले गनीमत रही कि सकुशल बरामद हो गए।
घर क्यों छोड़ रहे मासूम?
बचपन में बच्चों के घर से निकलने को लेकर लाला लाजपत राय मेडिकल कालेज के मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डा. तरुणपाल का कहना है कि बच्चों में इच्छाओं का बढ़ना, एंड्रायड मोबाइल का दुरुपयोग, परिवार में उपेक्षा, अपेक्षित सुविधाएं न मिलना बच्चे को घर से विमुख कर देता है।
इसके अलावा बच्चे में तर्कशीलता, पूर्ण मानसिक विकास, पौष्टिक खानपान का अभाव भी ऐसी विकृति उत्पन्न करता है। कई बार बच्चा गलत संगति, मारपीट के भय या अपनी इच्छापूर्ति के लिए परिजनों को ब्लैकमेल करने के लिए भी ऐसे कदम उठा लेता है। उनका कहना है कि परिजनों को बच्चों का पूरा ख्याल रखना चाहिए।
- केस-1
शाहजहांपुर निवासी अमन (12) पुत्र शहजाद गत एक अगस्त की शाम करीब 7:30 बजे घर से अचानक लापता हो गया। काफी तलाश के बाद सुराग न मिलने पर परिजनों ने गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने तलाश शुरू की। दो अगस्त की दोपहर पता चला कि अमन सरधना में मौसी के यहां सरधना पहुंच गया है।
पुलिस ने उसे सरधना से सकुशल लाकर पूछताछ की तो पता चला कि काफी दिन से मौसी के घर जाने का मन कर रहा था, लेकिन परिजन भेज नही रहे थे। कई दिनों से उसे मोबाइल तक देखने को नही दिया जा रहा था। जिससे क्षुब्ध अमन चुपचाप घर से निकलकर मौसी के यहां पहुंच गया।
- केस-2
23 अगस्त को शाहजमाल निवासी आटो चालक नफीस के बेटे अयान (11) और कामरान (10) सुबह फज्र की नमाज पढ़ने निकले, लेकिन घर वापस नही पहुंचे। दो मासूम सगे भाइयों के अचानक गायब होने से परिवार में हड़कंप मच गया। काफी तलाश के बाद सुराग न मिलने पर नफीस ने रिपोर्ट दर्ज कराई। करीब 26 घंटे बाद 24 अगस्त को दोनों भाई हापुड़ तिराहे के पास पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिए।
दोनों भाइयों ने पूछताछ में बताया कि श्यामपुर रोड निवासी कबाड़ी इसरार ने उन्हें पैसों का लालच देकर रिक्शा सौंप कबाड़ा बीनने के लिए भेज दिया था। कबाड़ बीनते हुए उन्हें पड़ोस के गांव नानपुर में रात हो गई। परिजनों की मारपीट के भय से दोनों भाई रात में नानपुर के सरकारी स्कूल में सो गए। सुबह होने पर घर लौट रहे थे तो पुलिस ने रोक लिया। जिसके बाद उन्हें परिजनों के सुपुर्द किया गया।