- कपसाड़ गैंगरेप प्रकरण में गैंगरेप और हत्यारोपी को भागने की कोशिश में पुलिस ने मारी गोली
- गंभीर घटना की जानकारी न एसएसपी और न ही एसपी देहात को दी
- गैंगरेप को छुपाकर सिर्फ छेड़खानी की बात की जाती रही
- कांस्टेबल की पिस्टल छीन भाग रहा था मुख्य आरोपी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ/सरधना: सरधना के कपसाड़ में हाईस्कूल की छात्रा के साथ गैंगरेप और जबरन जहर दे कर मारने के मामले में गंभीर लापरवाही बरतने के कारण एसएसपी ने देर रात सरधना इंस्पेक्टर बिजेश कुमार सिंह और सलावा चौकी प्रभारी के के. मौर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जांच बैठा दी है।
कपसाड़ में हाईस्कूल की छात्रा के साथ जिस तरह की दरिंदगी की गई और जहर खाने से उसकी मौत भी हो गई। इतनी गंभीर घटना को इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज ने न केवल छुपाये रखा बल्कि एसएसपी समेत वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी देना भी जरूरी नहीं समझा।
जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कमेंट किया तो हरकत में प्रशासन आ गया। जिस तरह से सरधना पुलिस ने इस मामले को हलके में लिया। उससे साफ जाहिर था कि पुलिस इस गैंगरेप को हलके में लेकर चल रही है। शनिवार की देर रात एसएसपी अजय साहनी ने इंस्पेक्टर बिजेश कुमार सिंह और सलावा चौकी प्रभारी के के. मौर्य को सस्पेंड कर जांच बैठा दी है।
उधर, क्षेत्र के कपसाड़ गांव में हुए गैंगरेप व हत्या के मुख्य आरोपी ने शनिवार को पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश की। न्यायालय में पेशी पर ले जाने के दौरान आरोपी ने एक कांस्टेबल का सरकारी पिस्टल छीन लिया। इसके बाद जंगल की ओर भाग खड़ा हुआ। इतना ही नहीं आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग भी की।
पुलिस की जवाबी फायरिंग में आरोपी गोली लगने से घायल हो गया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं फरार बाकी दो आरोपियों की तलाश में भी पुलिस लगातार दबिश दे रही है। कपसाड़ गांव में किशोरी के साथ गैंगरेप व हत्या के मुख्य आरोपी लखन उर्फ अभय पुत्र संजय तथा विकास पुत्र बलवंत को पुलिस ने एक दिन पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस के अनुसार शनिवार को इंस्पेक्टर बिजेश कुमार सिंह मय फोर्स के दोनों को सरकारी गाड़ी से मेरठ न्यायालय में पेश करने ले जा रहे थे। निर्माणाधीन सरधना-नानू मार्ग पर वह जैसे ही बाहूबली फैक्ट्री के निकट पहुुंचे तो सड़क में गड्ढे होने के कारण गाड़ी की गति धीमी हो गई।
इसका फायदा उठाकर मौका लगते ही लखन ने कांस्टेबल सितम सिंह की सरकारी पिस्टल छीन ली। इसके बाद गाड़ी से कूदकर जंगल की ओर भागने लगा। जिससे पुलिस में हड़कंप मच गया। थाना पुलिस और सर्विलांस टीम को सूचना देकर तत्काल बुलाया गया। पुलिस ने आरोपी की घेराबंदी शुरू कर दी।
खुद को घिरता देख आरोपी ने पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। पुलिस की गोली आरोपी लखन के पैर में लगने से वह घायल होकर गिर गया। पुलिस ने उसे दबोच कर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया।
इसे पुलिस की लापरवाही या सक्रियता कुछ भी समझा जा सकता है। यदि आरोपी पिस्टल छीनकर भागने में कामयाब रहता तो पुलिस का जवाब देना मुश्किल हो जाता। वहीं, इस संबंध में सीओ सरधना आरपी शाही का कहना है कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों न्यायालय पेश करने ले जाया जा रहा था।
रास्ते में मुख्य आरोपी लखन ने कांस्टेबल की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की थी। हालांकि मुठभेड़ के बाद उसे पकड़ लिया गया। बाकी आरोपियों की तलाश में दबिश दी जार ही है। जल्द उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कांस्टेबल से पिस्टल छीनना गंभीर बात
पुलिस के मुताबिक जब वह दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश करने ले जा रहे थे। उसी बीच रास्ते में लखन ने कांस्टेबल सितम सिंह की पिस्टल छीनी। यदि आरोपी पिस्टल छीनकर पुलिसकर्मियों को सीधी गाली मार देता या फिर भागने में कामयाब रहता तो क्या होता। ऐसे में पुलिस अभिरक्षा में लापरवाही पर सवाल उठना लाजमी है।