Tuesday, September 10, 2024
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जांच ने पकड़ी रफ्तार, पुलिस कर्मियों पर होगी एफआईआर?

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  • किठौर के राधना का स्कूटी में तमंचे से जुड़ा मामला
  • सस्पेंड पुलिस कर्मियों की चल रही विभागीय जांच

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: पौने दो माह पूर्व राधना में हुए स्कूटी में तमंचा प्रकरण में आरोपी पुलिस कर्मियों की विभागीय जांच ने रफ्तार पकड़ ली है। जांच कर रहे एसपी क्राइम ने आरोपी पुलिस कर्मियों और पीड़ित के अलावा घटना के वक्त मौके पर मौजूद रहे उसके दादा व चाचा समेत पांच ग्रामीणों के बयान दर्ज किए हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले में आरोपी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर होना तय माना जा रहा है।

गत 27 सितंबर की रात को किठौर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल चौबे सिंह, सिपाही ओमवीर, चालक अनिल ने राधना निवासी प्लंबर फिरोज पुत्र खालिद के घर दबिश देकर उसकी मां से घेर में खड़ी फिरोज की स्कूटी को संदिग्ध बताते हुए जबरन चाबी ली थी। तत्पश्चात पुलिस कर्मी मौके पर ही स्कूटी के पायदान से तमंचा बरामदगी का दावा करते हुए स्कूटी को थाने ले गए थे।

परिजनों ने पुलिस कर्मियों पर दबिश के दौरान फिरोज की टांग में गोली मार उसे जेल भेजने की धमकी के आरोप भी लगाए थे। रात करीब 8:40 बजे की ये हुई ये पुलिस कार्रवाई फिरोज के घर के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। दबिश के तुरंत बाद फिरोज ने बिचौलिए के जरिये रात में ही रिश्वत देकर सुबह थाने से स्कूटी मंगवा ली थी।

ऐसे हुई कार्रवाई

स्कूटी छुड़ाने के तुरंत बाद पीड़िता एसएसपी से मिला और दबिश को गए पुलिस कर्मियों पर स्कूटी में तमंचा रखने का आरोप लगाते हुए पूरी घटना बताई। उसने निजि सीसीटीवी कैमरे में पूरा वाकया कैद होने का दावा भी किया। जिस पर एसएसपी ने एसपी देहात कमलेश बहादुर को जांच सौंप दी।

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29 सितंबर की रात को एसएसपी रोहित सिंह साजवाण ने लापरवाही, अनुशासनहीनता और तमंचा बरामदगी के बावजूद कार्रवाई न करने का आरोपों के तहत तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। साथ पुलिस कर्मियों द्वारा स्कूटी में तमंचा रखने से जुड़ी अखबारों की खबरों को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया। तमंचा स्कूटी में मिलने की बात कही।

विभागीय जांच ने पकड़ी रफ्तार

एसएसपी ने इसकी विभागीय जांच एसपी क्राइम अनित कुमार को सौंप रखी है। इस क्रम में एसपी क्राइम ने करीब 15 दिनों में आरोपी पुलिस कर्मियों के अलावा पीड़ित फिरोज, दबिश के दौरान मौके पर मौजूद पीड़ित के चाचा जावेद, दादा मेहंदी हसन और ग्रामीणों शुऐब, आसिफ, इरशाद उर्फ बबली आदि के बयान दर्ज कर चुके हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो इस घटना में संलिप्त पुलिस कर्मियों पर मुकदमा होना तय है। खास बात ये है कि घटना में शामिल सिपाही ओमवीर पहले भी रिश्वत के मामले में जेल जा चुका है।

बाज नहीं आ रहे पुलिसकर्मी

एकसाथ तीन पुलिस कर्मियों के सस्पेंशन की बड़ी कार्रवाई से भी किठौर थाने के सिपाही सबक लेने को तैयार नहीं हैं। पुख्ता सूत्रों का कहना है कि आज भी इस थाने में तीन-चार सिपाही सिविल में रहकर पुलिसिया रौब के साथ जमकर अवैध वसूली कर रहे हैं।

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