- अंधविश्वासों पर टिका तंत्र-मंत्र का मकड़जाल
- पिछड़ी मुस्लिम बस्तियों में पैर पसारता धंधा, पुलिस बनी अनजान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिले में तंत्र-मंत्र का मकड़जाल लगातार बुनता ही जा रहा है और उसमें फंसकर लोग ढोंगी बाबाओं के शिकार हो रहे हैं। यह धंधा पिछड़ी मुस्लिम बस्तियों में ज्यादा फल फूल रहा है। इसके अलावा तावीज गंडों के सहारे भी कई लोग अपनी परेशानियों की नैया पार लगवाने के लिए कई मुल्ला मौलवियों के चक्कर काट रहे हैं।
दरअसल, पूरी तरह से अंधविश्वासों पर टिका यह धंधा अशिक्षित वर्ग में ज्यादा पनप रहा है। मेरठ शहर व देहात के कई इलाके तंत्र विद्याओं की जकड़ में हैं। कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां कई परिवारों ने इन ढोंगी बाबाओं का अपना आका बना लिया है। मेरठ के तारापुरी, रशीद नगर, श्याम नगर, भुमिया पुल, ईदगाह क्षेत्र, लक्खीपुरा, जाकिर कॉलोनी और मजीद नगर सहित देहात के मवाना, फलावदा व सरधना में ताबीज गन्डों से लेकर तंत्र मंत्र विद्या लगातार हावी हो रही है।
आरोप है कि इन विद्याओं के करने वाले कई लोगों को पुलिस का संरक्षण तक प्राप्त है। सुनहरे भविष्य के सपने दिखाकर लोगों को लूटने वाले यह ढोंगी बाबा अजब गजब किस्से और कहानियों के बल पर पीड़ितों के घरों के अंदर तक दाखिल होने का माद्दा रखते हैं। इसके साथ ही मनमाने पैसे उतारने हो अथवा भेंट में महंगी वस्तु लेनी हो, पीढ़ित मजबूर होकर इनकी हर डिमांड पूरी करने को तैयार रहते हैं।
इंतेहा तो यहां तक है कि कई मदरसे तक तावीज गंडों के काम में आगे हैं। आकर्षक विजिटिंग कार्ड से लेकर पम्फलेट तक पर अपने पक्ष में लम्बी चौड़ी इबारतें लिखवाकर खुद अपना गुणगान करने वाले यह ढोंगी तांत्रिक लोगों के बीच अपनी ऐसी घुसपैठ बना लेते हैं कि कई बड़ा अशिक्षित तबका (वर्ग) इनकी ओर खिंचा चला आता है।
सऊदी अरब में पूरी तरह प्रतिबंधित है यह अमल
अंधविश्वासों पर टिका यह धंधा भले ही भारत विशेषकर उत्तर प्रदेश में फल फूल रहा है लेकिन कई बड़े उलेमा इस काम को शरीयत के पूरी तरह खिलाफ मानते हैं। इन उलेमाओं के अनुसार शरीयत (इस्लामी कानून) में तावीज गंडों की कोई हैसियत ही नहीं है। वो कहते हैं कि सऊदी अरब जैसे मुल्क में यह अमल पूरी तरह से प्रतिबंधित है। उलेमाओं के अनुसार यदि इस्लाम में इसकी इजाजत होती तो सऊदी अरब व अन्य खाड़ी देशों में यह धंधा परवान चढ़ता।