Friday, March 29, 2024
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आडियंस को खुश रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी-रनबीर कपूर

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सुभाष शिरढोनकर

रॉक स्टार’ (2011) के रनबीर कपूर को बेस्ट एक्टर केटेगरी का पहला फिल्मफेयर अवार्ड मिला। उसके बाद से ही वे लगातार आगे बढ़ते रहे हैं। ‘संजू’ में संजय दत्त के किरदार को उन्होंने इतने जबर्दस्त तरीके से निभाया कि उसे देखकर खुद संजय दत्त भी स्तब्ध रह गए थे। ‘संजू’ के बाद रनबीर कपूर की अब तक कोई फिल्म नहीं आई है।

यशराज फिल्मस द्वारा निर्मित और करन मल्होत्रा निर्देशित ‘शमशेरा’ में उनका डबल रोल है। इसमें वाणी कपूर जहां रनबीर के अपोजिट लीड रोल में हैं, वहीं संजय दत्त भी महत्वपूर्ण किरदार में नजर आएंगे। रनबीर कपूर और आलिया लंबे समय से एक दूसरे को डेट कर रहे हैं।

दोनों पहली बार अयान मुखर्जी की ‘ब्रह्मास्त्र‘ में नजर आएंगे। 150 करोड़ के मेगा बजट में बन रही यह रनबीर के कैरियर की अब तक की सबसे महंगी फिल्म है।

इस फिल्म की रिलीज को लेकर हर कोई एक्साइटेड है। जिज्ञासा इस बात को लेकर है कि आलिया के साथ रनबीर कपूर की आनस्क्रीन कैमिस्ट्री को दर्शकों का किस तरह का रिस्पॉंन्स मिलता है।

रनबीर कपूर के लिए ‘ब्रह्मास्त्र’ इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसमें पहली बार वो एक्शन करते हुए नजर आएंगे। निर्देशक संदीप वांगा रेड्डी रनबीर कपूर को लेकर क्राइम ड्रामा ‘एनिमल’ बना रहे हैं।

इस फिल्म में रनबीर एक ऐसा किरदार निभा रहे हैं जो इसके पहले उन्होंने नहीं निभाया। इसमें उनके अपोजिट परिणीति चोपड़ा हैं।

खबर है कि आदित्य चोपड़ा, रनबीर कपूर और टाइगर श्रॉफ के साथ एक फिल्म शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं। प्रस्तुत हैं रनबीर कपूर के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:

‘ब्रह्मास्त्र’ काफी समय से रिलीज के इंतजार में है। आप इसे लेकर काफी उत्साहित हैं। आखिर इसमें क्या खास है?
-इसमें अच्छाई और बुराई के बीच एक रोमांचक जंग देखने को मिलेगी। इसमें हमारे देश की प्राचीन कथाओं को शामिल किया गया है।

इस फिल्म की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसका हर किरदार खुद को दुनिया का सबसे ताकतवर साबित करने की कोशिश करता है क्योंकि हर एक के पास कोई न कोई सुपर पॉवर है।

फिल्में स्वीकार या अस्वीकार करने का आपने कोई खास फार्मूला तय कर रखा है?
-नहीं, इसके लिए मेरा कोई फार्मूला नहीं है। बस आडियंस को खुश रखना मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

उसी को ध्यान में रखकर अपने काम को चुनता हूं। बस यही सोचता हूं कि अलग-अलग सोच के लोगों के साथ डिफरेंट चीजें कर सकूं।

आप लाइफ में ‘सक्सेस’ के साथ ही साथ ‘फेलियरअ को कितना जरूरी मानते हैं?

जब आप सफल होते हैं, उस वक्त लोग सिर्फ आपकी तारीफें कर रहे होते हैं लेकिन फेलियर्स आपको बहुत कुछ सिखा देते हैं। फेलियर एक कठिन प्रतिद्वंद्वी की तरह होता है। फेलियर आपको जोर से थप्पड़ मारती है और आपको अहसास भी नहीं होने देती।

मुझे अपने फेलियर से काफी अधिक सीखने को मिला है। आगे बढ़ने का हौसला भी मुझे इन्हीं फेलियर की वजह से मिला है। मेरी कोशिश बस यही है कि काम करने के अवसर मिलते रहें। फेलियर या सक्सेस का इतना महत्व नहीं है।

सिनेमा को आप किस तरह परिभाषित करना चाहेंगे?

मेरे पास सिनेमा की कोई निश्चित परिभाषा नहीं है। सिनेमा सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि इसमें कोई न कोई मैसेज भी होना चाहिए।

मेरे दादाजी हंसते-हंसते बड़ी बात कह जाते थे। यह फिल्म मेकर्स, लेखक और एक्टर्स की पर्सनल चॉइस पर निर्भर करता है कि वे किस तरह का सिनेमा बनाना चाहते हैं।

बीसीसीआई अध्यक्ष और पूर्व क्रि केट कप्तान सौरव गांगुली ने उन पर बनने जा रही बायोपिक के लिए, सहमति देते हुए कहा है कि यदि उनका किरदार आप निभाएं तो उन्हें ज्यादा खुशी होगी। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

उन पर बायोपिक बने या न बने, उसमें उनका किरदार मैं निभाऊं या न निभाऊं लेकिन मुझे लगता है कि सौरव सर ने मेरा नाम सजेस्ट कर मुझे सम्मानित किया है। ता रहूंगा।


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