- पुलिस प्रशासन के छूट रहे पसीने, किसान नेताओ के घर पर पहरा
- धरने को उठाने के लिए पुलिस प्रशासन चल रहा दांवपेंच
- किसान नेताओं को घर पर किया जा रहा नजरबंद
मुख्य संवाददाता |
बागपत: बड़ौत में दिल्ली सहारनपुर नेशनल हाईवे पर धरना दे रहे किसानों व खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों को मनाने में पुलिस प्रशासन के पसीने छूट गए है। रातभर मानमनोवल्ल का सिलसिला जारी रहा और किसान नेताओ के घर पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों का जमावड़ा भी लगा रहा। हिसावदा गांव में भारतीय किसान संगठन के नेता को घर पर नजरबंद कर दिया गया। इसके अलावा जनपद में किसान आंदोलन को लेकर उठी चिंगारी पर पल पल की नजर रखे हुए है।
दिल्ली के चारों तरफ किसानों ने डेरा जमा रखा है। इसके अलावा बड़ौत से भी खाप पंचायतों ने हुंकार भर दी है। खाप पंचायतों ने दिल्ली सहारनपुर नेशनल हाईवे पर बड़ौत में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। जिसे आज तीसरा दिन है। धरने को उठाने के लिए पुलिस प्रशासन भी पहले से ही प्रयास में लगा हुआ है।
धरने से पहले दिन भी खाप प्रतिनिधियों को मनाने का प्रयास किया था, लेकिन वह नहीं माने थे और किसानों के साथ धरना शुरू कर दिया था। धरना शुरू होते ही पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने कई बार वार्ता की, लेकिन नतीजा नहीं निकला। देखा जाए तो किसानों को मनाने के लिए अधिकारियों को भी अलग अलग जिम्मेदारी दी गयी है। दूसरे जनपदों के अधिकारियों को भी बुलाया गया है। इसके अलावा राजनीतिक दलों के नेताओ को फोन कर व घर पर जाकर धरने में नहीं पहुंचने के लिए कहा जा रहा है।
बताया जाता है कि मुकदमो की धमकी तक दी जा रही है। भारतीय किसान संगठन नेता एवं हिसावदा निवासी अन्नू मलिक को सुबह उनके आवास पर सिंघावली अहीर थाना पुलिस ने डेरा डाल दिया था। अन्नू ने दिल्ली सहारनपुर हाईवे को जाम करने का ऐलान किया था। जिसके बाद पुलिस ने सुबह घर पहुंचकर नजरबंद कर दिया। पुलिस ने उन्हें घर से निकलने नहीं दिया।
अन्नू ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को आवाज उठाने का हक है, लेकिन पुलिस प्रशासन सरकार के इशारे पर आवाज दबा रहा है। उधर, काठा गांव में हाईवे जाम करने से भी पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। जिसके बाद अधिकारियों ने किसानों के बीच पहुंचकर किसानों को समझाया। इसके अलावा डीएम, एसपी भी लगातार खाप प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे है। शासन भी बागपत के आंदोलन पर पल पल नजर रखे हुए है।