Friday, March 29, 2024
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आज से शुरू होगा खरमास 30 दिन नहीं होंगे मांगलिक कार्य

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  • मई तक नहीं मिलेंगे वैवाहिक मुहूर्त, बृहस्पति भी रहेंगे अस्त

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: हिंदू पंचांग के अनुसार साल में दो बार खरमास आता है। जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं, तब-तब खरमास लगता है। इस पूरे एक महीने में किसी भी प्रकार शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ संस्कार नहीं होते हैं। सनातन धर्म में खरमास को अशुभ माना जाता है।

पंचांग के अनुसार खरमास 15 मार्च यानि आज से शुरु होने जा रहे हैं। इस दिन सूर्य देव प्रात: 6 बजकर 33 मिनट पर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन को मीन संक्रांति भी कहा जाता है। वहीं 14 अप्रैल की दोपहर 2 बजकर 59 मिनट तक खरमास रहेगा।

15 मार्च से 3 मई तक नहीं होंगे विवाह

खरमास में 15 मार्च से 14 अप्रैल तक किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य नहीं होगा। वहीं एक अप्रैल को गुरु ग्रह अस्त होने जा रहे हैं। ज्योतिचार्य अमित गुप्ता के अनुसार गुरु ग्रह के अस्त होने पर विवाह नहीं होता है। गुरु तीन मई को सुबह 4 बजकर 56 मिनट पर उदित होंगे। ऐसे में 15 मार्च से 3 मई तक शादी की शहनाइयां नहीं बजेंगी।

खरमास में नहीं करना चाहिए ये कार्य

  • खरमास में विवाह, सगाई करना वर्जित हैं। मान्यता है कि अगर इस अशुभ अवधि में विवाह आदि कार्य किए जाते हैं तो व्यक्ति को दांपत्य जीवन सुखमय नहीं होता है।
  • मुंडन, जनेऊ संस्कार और कान छेदन भी खरमास में वर्जित है।
  • इस अवधि में नए घर में प्रवेश न करें कहते हैं इससे दोष लगता है और परिवार में अशांति रहती है।
  • खरमास में नए व्यापार की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से संघर्ष बढ़ जाता है और सफलता मिलने की संभवानाएं न के बराबर हो जाती है।
  • खरमास में अंडा, मांस, मदिरापान आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।

खरमास में क्या कार्य करना चाहिए

  • खरमास में सूर्य भगवान की पूजा अति उत्तम मानी गई है। भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए सूर्य चालीसा एवं आदित्य हृदय स्त्रोत का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए। इससे कुंडली में राजयोग बनता है और करियर में उन्नति मिलती है।
  • खरमास में लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।
  • सौभाग्य की प्राप्ति के लिए पूरे खरमास में रोज सुबह पीपल या बरगद के पेड़ को जल देना चाहिए। इससे जन्म कुंडली के सभी अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं।
  • खरमास में भगवान विष्णु एवं मां लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद लक्ष्मी-सूक्त एवं श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए।
  • खरमास के समय व्यक्ति को एकादशी व्रत जरूर रखना चाहिए। माना जाता है कि एकादशी का व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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