- शहर को मिली कानपुर की पुरानी सिटी बसें, एनसीआर में होने के बावजूद की उपेक्षा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर एनसीआर का हिस्सा है। वायु प्रदूषण के मामले में शहर का 10वां स्थान है। वायु प्रदूषण रोकने के लिए सीएनजी वाली बसें व नई बसें संचालित की जानी चाहिए, लेकिन यहां तो एक दम उलटा है। यूपी सरकार ने कानपुर में दौड़ रही 80 पुरानी बसों को मेरठ भेजा जाएगा, जिसमें से 29 बसें आ चुकी है।
ये सभी बसें पुरानी है, जिनका क्रांतिधरा पर दौड़ाने का कोई औचित्य नहीं बनता, लेकिन फिर भी सरकारी फरमान है, जिसके चलते पुरानी बसों में ही यहां की जनता को सफर करना होगा। हालांकि कानपुर को नई बसों का तोहफा सरकार दे रही हैं, लेकिन शहर की जनता के हिस्से में पुरानी बसें ही आई हैं।
हालांकि कानपुर एनसीआर का हिस्सा नहीं हैं। एक बारगी कानपुर में पुरानी बसे चल सकती हैं, लेकिन शहर में नहीं। फिर भी शहर में पुरानी बसें दी जा रही है, जबकि कानपुर को नई। सरकार के इस निर्णय पर जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुए हैं।
सरकार में बैठे लोगों से जनप्रतिनिधि भी क्रांतिधरा की कोई लड़ाई नहीं लड़ रहा है, जबकि अन्य शहरों को नई बसों की सौगात निगम दे रहा है। लॉकडाउन के समय ही शहर में सिटी बसों का संचालन बंद था। दरअसल, शहर में दौड़ रही सिटी ट्रांसपोर्ट की सिटी बसों की अवधि पूरी हो चुकी थी।
ऐसे में एनजीटी के आदेशों के कारण एनसीआर क्षेत्र में इन बसों की संचालन पर रोक लगाई गई है, लेकिन इन बसों के बदले भी मेरठ को नई सिटी बसें नहीं, बल्कि पुरानी सिटी बसें ही सौंपी जा रही हैं। कानपुर की कुल 80 सिटी बसें शहर को दी जा रही है। एनसीआर क्षेत्र में होने के बावजूद शहर की यह उपेक्षा निगम द्वारा की गई है।
शहर में पुरानी 118 सिटी बसें अवधि पूरी होने के कारण अब एनसीआर क्षेत्र में संचलित नहीं की जा सकती हैं। जिस वजह से इन सिटी बसों को नीलाम कर दूसरे क्षेत्रों में संचालित किया जाएगा। ऐसे में मेरठ को नई सिटी बसें मिलनी चाहिए थीं, लेकिन एनसीआर का हिस्सा होने के बावजूद भी शहर को कानुपर में संचालित हो चुकी पुरानी मिनी सिटी बसें ही थमाई जा रही हैं।
80 में 29 बसें हो चुकी हैं शिफ्ट
मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट के एमडी विजय कुमार के अनुसार कानपुर से कुल 80 मिनी सिटी बसें मेरठ शिफ्ट की जानी है। जिसकी प्रक्रिया शासन स्तर पर की जा रही है। अभी तक शहर को कुल 29 मिनी सिटी बसें दी जा चुकी हैं। जल्द ही शेष बसें भी दी जाएंगी।
वहीं, पुरानी सिटी बसों के संचालन होने से राजस्व पर भी आने वाले समय में प्रभाव पड़ सकता है। दरअसल, कानुपर से मेरठ शिफ्ट की जाने वाली यह बसें पुरानी है। ऐसे में संभवत: इन नई बसों के मुकाबले इन बसों की क्षमता कम ही होगी। ऐसे में आगामी समय में इन बसों में भी खामिया नजर आ सकती हैं। जिस कारण इनकी स्थिति भी पुरानी बसों की भांति हो सकती है।
मई में मिल सकती है नई इलेक्ट्रिक सिटी बसें
मेरठ सिटी ट्रांसपोर्ट को नई इलेक्ट्रिक सिटी बसें भी दी जानी है। जिनकी प्रक्रिया शासन स्तर से की जा रही है। मई के महीने में शहर को 50 इलेक्ट्रिक सिटी बसें मिलने की संभावना जताई जा रही हैं। बसों के मिलते ही इनका संचालन भी शुरु कर दिया जाएगा। ऐसे में सिटी ट्रांसपोर्ट को यह मजबूती प्रदान करेगा।