Tuesday, September 17, 2024
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आसमान से बरसी आग, जनजीवन हुआ बेहाल

  • गर्मी का गुरूर बढ़ा, बिजली कटौती से और ज्यादा मुश्किलें

वरिष्ठ संवाददाता |

सहारनपुर: गर्मी ने लोगों को इस कदर परेशान कर दिया है कि दिन में घर से निकलना तक मुश्किल हो जा रहा है। कुछ दिन पूर्व हुई बारिश के बाद से अब गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है। इंसान ही नहीं, पशु-पक्षी और वन्य जीव भी हलकान हो उठे हैं। मानसून आने में अभी कुछ दिन शेष हैं लेकिन सूर्यदेव की तल्खी अब सहन नहीं हो रही। ऊपर से बिजली कटौती ने नाक में दम कर दिया है। अधिकतम तापमान बढ़कर जहां 39 डिग्री पर पहुंच गया है, तो वहीं न्यूनतम तापमान 28 डिग्री तक आ गया है।

बुधवार की सुबह से निकली धूप में तल्ख महसूस होने लगी थी। सुबह आठ बजने के बाद से ही सूर्य की किरण तीखी लगने लगी थी। जैसे-जैसे दिन चढ़ रहा था, वैसे-वैसे आसमान से अंगारे बरसते जा रहे थे। दोपहर तक तो भीषण गर्मी के बीच गर्म हवा ने इस कदर कहर बरपाना शुरू कर दिया कि लोग घरों में कैद होने को विवश हो गये। तेज धूप से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

तपिश इतनी बढ़ गयी है कि देर शाम तक इसका असर बना रहा। घर से निकलने से पहले लोगों को तेज धूप से बचाव के लिए इंतजाम कर के निकल रहे हैं। लेकिन सारे इंतजाम इस भीषण गर्मी के बीच बेकार साबित हो रहे हैं। मौसम के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में अगर बारिश नहीं होती है, तो गर्मी का कहर बर्दाश्त से बाहर हो जायेगा। पारा चढ़ता जायेगा, क्योंकि अभी ही इस गर्मी ने लोगों का घर से बाहर निकलना तक मुश्किल कर दिया है।

अगर इसी तरह कहर बरपता रहा तो जीना दुश्वार हो जायेगा। दिन प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी से खेती-किसानी भी प्रभावित हो सकती है। कृषिविदों का मानें तो 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान होने पर गर्मी में बोई गई सब्जियों के उत्पादन पर असर पड़ने लगेगा। बढ़ते तापमान के चलते सब्जी की फसल में फूल कम लगेंगे, यदि फूल आ भी जायें, तो वह झड़ भी सकते हैं।

वहीं मक्का की फसल में दाने ठीक से नहीं बैठ पायेंगे। ऐसे में किसानों को सब्जी और जायद की फसलों की सिंचाई पर ज्यादा आवश्यकता होगी। इसके लिए खेतों में नमी बेहद जरूरी है। अभी कुछ दिन पूर्व हुई बारिश से काफी राहत मिली थी, खेतों में पानी लग जाने पर कई किसानों ने अपनी धान की नर्सरी तक तैयार कर दी थी, जो धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं, लेकिन इधर सूर्य के बढ़ रहे ताप से धान की नर्सरी के सूखने का खतरा बढ़ गया है, तो वहीं सब्जी की खेती को नुकसान भी पहुंच सकता है।

बढ़ते तापमान को देखते हुए किसानों को फिर से सब्जी की खेती प्रभावित होने की चिंता सताने लगी है। सबसे बड़ी मुश्किल है बिजली कटौती की।दिन मेंं कई-कई बार कट लग रहे हैं। लोग हलकान हैं। कम वोल्टेज रहने से विद्युत चालित उपकरण भी फुंकने लगे हैं।

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