नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। कुछ माह पहले महाराष्ट्र में राजनीति के छत्रप कहे जाने वाले शरद पवार ने अपना इस्तीफा देकर वापस ले लिया था। तब तक किसी को उम्मीद नहीं थी कि एनसीपी यानि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव होंगे लेकिन पार्टी के मुखिया शरद पवार ने अचानक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया की घोषणा कर सबको हैरान कर दिया।
पवार के इसी फैसले ने पार्टी को तोड़ने की नींव रख दी। क्योंकि, शरद पवार की विरासत संभालने की उम्मीद लगाए बैठे भतीजे अजित पवार की आशाओं पर एकदम से तुषारापात हो चुका था।
हालांकि शरद पवार को जरा भी संदेह नहीं था कि भतीजा अजित की पार्टी में इतनी गहरी पैठ भी है। उसके बाद अचानक जो हुआ उससे बड़े बड़े राजनीतिक पंडितों की जमीन खिसक गई। शरद पवार तो टूटे ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हाथ से खिसक गई।
आइए जानते हैं आज बुधवार को दोनों पक्षों ने अपनी अपनी ताकत दिखाई और देखते हैं कि कौन कितना भारी पड़ा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों गुटों ने आज शक्ति प्रदर्शन किया। 2019 में एनसीपी के 53 विधायक चुने गए थे। आज इन 53 में से 35 विधायक अजित पवार की बैठक में शामिल हुए। आठ में से पांच एमएलसी भी इस बैठक में पहुंचे। अजित पवार गुट ने 42 से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया है। वहीं, दूसरी ओर शरद पवार ने भी वाई बी चह्वाण सेंटर में बैंठक की। बताया जाता है कि शरद पवार की इस बैठक में करीब 14 विधायक और दो एमएलसी पहुंचे।
अजित पवार ने कहा कि नौकरीपेशा लोग 58 साल में रिटायर हो जाते हैं। आईपीएस-आईएएस 60 साल में रिटायर होते हैं। नेता 75 की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। आडवाणी-मुरली मनोहर जोशी भी रिटायर हुए थे। आपकी उम्र ज्यादा हो गई है। आप रिटायर होंगे या नहीं? आप कभी रुकेंगे या नहीं?
साहेब बोले कि सुप्रिया को अध्यक्ष बनाओ। हम तैयार हो गए। फिर उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया। आपको जब इस्तीफा वापस ही लेना था तो दिया ही क्यों? मैं झूठ नहीं बोलता। झूठ बोला तो पवार की औलाद नहीं कहलाऊंगा। मुझे लगता है कि हमारे वरिष्ठों को आराम करना चाहिए। जिद नहीं करनी चाहिए।
पहले शरद पवार और अजित पवार की अलग-अलग बैठकों के बारे में जान लीजिए
सुबह 11 बजे अजित पवार ने विधायकों की बैठक बुलाई थी। अजित गुट का दावा है कि उनके पास 42 से भी ज्यादा विधायकों का समर्थन है। इसके अलावा एमएलसी, सांसद और पार्टी के अन्य नेता और कार्यकर्ता भी उनके साथ हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 53 में से 35 विधायक अजित पवार की बैठक में शामिल हुए। पांच एमएलसी भी इस दौरान अजित के साथ खड़े दिखाई दिए।
अजित ने इसके बाद अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। बोले, ‘एनसीपी के सभी विधायक हमारे साथ हैं। आज कुछ विधायक मेरी बैठक में नहीं पहुंच पाए। कुछ को हमने वाई बी चह्वाण सेंटर में शरद पवार की बैठक में भेज दिया है, लेकिन सारे विधायक हमारे संपर्क में हैं।’
दूसरी ओर, अजित के चाचा और एनसीपी के संस्थापक अध्यक्ष शरद पवार ने भी एक बजे बैठक बुलाई। इसमें करीब 14 विधायक पहुंचे। दो एमएलसी भी पहुंचे। चार सांसद इस बैठक में शामिल हुए।
दल-बदल कानून
दल-बदल कानून से बचने के लिए अजित को NCP के 53 में से 36 विधायकों को साथ लाना होगा। आज की बैठक में अजित के साथ 35 विधायक पहुंचे। अजित का दावा है कि उनके समर्थक कुछ विधायक अस्पताल में हैं तो कुछ बाहर हैं। लेकिन सभी ने उन्हें समर्थन दिया है। अगर दावे के अनुरूप अजित के पास 36 से ज्यादा विधायकों का समर्थन होता है तो सभी दल-बदल कानून से बच जाएंगे। 36 से कम रहे तो निलंबन तय है।
दल-बदल कानून की दो शर्तें हैं। जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में NCP के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए।
दल-बदल कानून की दो शर्तें हैं। जिस दल को नेता छोड़ रहा है, उसका दूसरे दल में विलय हो जाए। दो तिहाई विधायक सहमत हों। दोनों स्थितियां अजित के पक्ष में हैं। अजित पवार का दावा है कि उन्हें राज्य विधानसभा में NCP के कुल 53 विधायकों में से 40 से अधिक का समर्थन प्राप्त है। दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों से बचने के लिए अजित के पास 36 से अधिक विधायक होने चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर का भी बयान आया है। उन्होंने कहा, ‘अभी किसी भी पक्ष ने दावा नहीं किया है कि पार्टी का विभाजन हुआ है। उम्मीद है कि आगामी मानसून सत्र में इस बारे में स्थिति साफ हो जाएगी कि विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक कौन होगा।’
अजित गुट ने 29 विधायकों का नाम दिया
यूं तो अजित पवार गुट में 35 विधायकों के पहुंचने की खबर है। हालांकि, अभी 29 विधायकों का नाम जारी किया गया। इसके अलावा चार एमएलसी के नाम भी जारी किए गए।
शरद पवार गुट के सात विधायकों के नाम सामने आए
अब बात शरद गुट की करते हैं। यहां 14 विधायकों के पहुंचने की खबर है। हालांकि, अभी सिर्फ सात विधायकों के नाम सामने आए हैं। इनमें जयंत पाटिल, किरण लहामाटे, अशोक पवार, रोहित पवार, देवेंद्र भुयार, राजेंद्र शिंगणे और अनिल देशमुख हैं।
अजित ने शरद के लिए कहा- आपकी उम्र ज्यादा हो गई, आशीर्वाद दीजिए
बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी के MET सेंटर में हुई बैठक में अजित पवार ने कहा- आपकी (शरद पवार की) उम्र ज्यादा हो गई है। राज्य सरकार के कर्मचारी 58 साल में, केंद्र के 60 साल में, भाजपा में 75 साल में रिटायर्ड हो जाते हैं, लेकिन आप 84 साल के हैं। अब आप आशीर्वाद दीजिए।
आपने पहले इस्तीफा दिया, फिर कमेटी बनाई और सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। जब इस्तीफा वापस लेना ही था तो दिया ही क्यों था। मैं भी राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं। राज्य की भलाई करने के लिए राज्य प्रमुख का पद होना जरूरी है। तभी मैं महाराष्ट्र की भलाई कर पाउंगा।
2004 के विधानसभा चुनाव में NCP के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता।
2024 के चुनाव में भी मोदी जी ही आएंगे। मुझे ऐसा लगता है। काम करने के लिए पद होना चाहिए। 2004 में NCP का आंकड़ा 71 था। मैं उसे इसके आगे ले जाउंगा। हमें भी सभा लेनी होगी अगर मैं चुप बैठा तो लोग सोचेंगे इसमें कुछ खोट है। मुझमें खोट नहीं है।
हम इतने दिन साहब की छाया में थे, लेकिन हम सबका अपना भी एक मत है। हमें शिवाजी के सपने को साकार करना है। साहब (शरद पवार) 1962 में राजनीति में आए, 38 की उम्र में उन्होंने कई काम किए।
अगर इतिहास देखो तो लोकशाही में ऐसा कई बार हुआ। हमने हर बार साहब का साथ दिया। दोस्तों सभी का समय होता है। नेता ने जब-जब जैसा बोला हमने किया। आज जो कुछ भी हूं, साहब की वजह से ही हूं।
शरद पवार गुट की मीटिंग में सुप्रिया सुले बोलीं- ये लड़ाई सत्ता की नहीं है। ये भाजपा के खिलाफ लड़ाई है। NCP को नेचुरली करप्ट पार्टी कहा था और कहा था ना खाउंगा न खाना दूंगा, लेकिन अब जरूरत पड़ी तो उसी का समर्थन ले लिया भाजपा ने।
ये मैं नहीं कह रही हूं लोग कहते हैं कि अमिताभ बच्चन की उम्र क्या है – 82। वारेट बफेट की उम्र क्या है। तो उम्र सिर्फ एक नंबर है। मेरे पिताजी पर ऊंगली न उठाएं। मैं दिखाउंगी कैसे तुमने खाया। मैं आज के बाद तुम्हें महाराष्ट्र में खाने नहीं दूंगी। भाजपा ने पिछले 9 साल में दिया क्या है। गैस सिलिंडर एक हजार रुपए का कर दिया। NCP का एक ही सिक्का है शरद पवार।
पहले बात अजित गुट की, 40 विधाकों के समर्थन का दावा अजित गुट की बैठक में छगन भुजबल ने कहा- हमारे पास 40 विधायक हैं। कई विधायक ट्रैफिक में फंसे हैं। कुछ विदेश में हैं, लेकिन उनके एफिडेविट हमारे पास हैं। लोग कह रहे हैं कि दल बदल कानून लागू होगा। कार्रवाई होगी, सब कुछ विचार करने के बाद ही ये फैसला लिया गया है। पार्टी ऑफिस में कार्यकर्ताओं से एफिडेविट भराया गया।
अजित गुट ने 29 विधायकों के नाम भी दिए: अजित पवार, छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, नरहरि झिरवाल, दिलीप मोहिते, अनिल पाटिल, माणिकराव कोकाटे, दिलीप वाल्से पाटिल, अदिति तटकरे, राजेश पाटिल, धनंजय मुंडे, धर्मराव अत्राम, अन्ना बंसोड़, नीलेश लंके, इंद्रनील नाइक, सुनील शेलके, दत्तात्रय भरणे, संजय बंसोड़, संग्राम जगताप, दिलीप होना, सुनील टिंगरे, सुनील शेलके, बालासाहेब अजाबे, दीपक चव्हाण, यशवंत माने, नितिन पवार, शेखर निकम, संजय शिंदे, राजू कोरमारे।
विधान परिषद सदस्य: अमोल मिटकरी, रामराजे निंबालकर, अनिकेत तटकरे, विक्रम काले।
अब बात शरद गुट की, सिर्फ 7 विधायक पहुंचे
इनकी बैठक नरीमन पॉइंट स्थित यशवंतराव चव्हाण सेंटर में हुई। यहां भी कार्यकर्ताओं की भीड़ देखी गई। ऐसा कहा जा रहा है कि शरद के समर्थन में 7 विधायक पहुंचे हैं। इनके नाम- जयंत पाटिल, किरण लहामाटे, अशोक पवार, रोहित पवार, देवेंद्र भुयार, राजेंद्र शिंगणे और अनिल देशमुख हैं। सांसद सुप्रिया सुले सुबह 11 बजे पार्टी दफ्तर पहुंच गई थीं।
उधर, महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर ने कहा, ‘अभी किसी भी पक्ष ने दावा नहीं किया है कि पार्टी का विभाजन हुआ है। अजित पवार और शरद पवार गुटों के बीच अभी लंबी लड़ाई चलेगी। संभावना है कि आगामी मानसून सत्र में इस बारे में यह स्थिति साफ हो सकेगी कि विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक कौन होगा।’
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