जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहरभर में तमाम इलाकों में सड़कों का हाल बेहाल है। कदम-कदम पर जानलेवा गड्ढे हैं। तेजगढ़ी से मेडिकल तक गड्ढों वाली सड़कों का हाल कुछ ऐसा है कि वाहनों के पहिए गड्ढे में पड़ने के साथ ही वाहन में बैठे लोग उछल जाते हैं। इन रास्तों पर चलने वाले दोपहिया वाहन सवार हादसों का शिकार हो रहे हैं। गड्डों से जाम लग रहा है और शहर की रफ्तार थम रही है। तेजगढ़ी चौराहे से एल ब्लाक तिराहे तक, बिजली बंबा बाईपास से हापुड़ अड्डा चौराहे तक, हापुड़ अड्डा-गोलाकुआं चौराहे से भूमिया पुल तक सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे दिखे।
शहर विकास की दौड़ में ऐसा भाग रहा है कि उसकी सड़कें गड्ढों के कारण कराहने लगी हैं। सड़कों का दर्द गहरे होते गड्ढों के साथ बढ़ता जा रहा है। शहर की मुख्य सड़कों की बात करें तो उनकी हालत बहुत खराब हो चुकी है। गढ़ रोड हो, हापुड़ रोड या फिर दिल्ली रोड, जिधर देखो गड्ढों की भरमार है। जिससे हादसों का बोझ बढ़ रहा है। गढ़ रोड की बात करें, तो यहां काली नदी से लेकर हापुड़ अड्डे तक इतने गहरे गड्ढे हैं, कि आप सही से चल भी नहीं सकते। शहर की टूटी सड़कें, उनमें गहरे गड्ढे लोगों की जान के दुश्मन बन गए हैं। सड़कों पर गहरे गड्ढों के चलते लोगों का चलना दूभर हो गया है। गढ़ रोड, दिल्ली रोड, शारदा रोड, बागपत रोड, शास्त्री नगर, भूमिया का पुल शहर में कोई ऐसा एरिया नहीं है, जहां सड़कों का हाल बदहाल ना हो। ज्यादातर इलाकों में सड़कों के हालात बद से बदतर हो गए हैं। यहां पूरी सड़क पर गड्ढे ही नजर आते हैं। लोगों की मानें तो प्रशासन की उदासीनता और अनदेखी के चलते लोग आए दिन गड्ढों के कारण हादसों का शिकार हो रहे हैं, लेकिन इन समस्याओं का समाधान कब होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। यही हालात शहर के बीच बहुत सारी सड़कों के हैं। गढ़ रोड पर गड्ढों की संख्या इतनी हो गई है कि गिनने में भी नहीं आते। यह पता नहीं चलता कि सड़क में गड्ढे हैं या फिर गड्ढों में सड़क है। गढ़ रोड पर चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, जिसके चलते दोनों ओर खुदा पड़ा है। जिसके कारण दिनभर धूल-मिट्टी उड़ती रहती है। पूरी रोड टूटी है। जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं, जिसमें आए दिन लोग गिरकर चोटिल होते रहते हैं। इन सड़कों की ओर संबंधित विभाग को ध्यान देना होगा। शहर में तेजगढ़ी से मेडिकल तक सड़क पर 50 से ज्यादा मौत के गहरे गड्ढे हो रहे है।
जिसमें कई यात्रियों की गड्ढों में गिरकर जान जा चुकी है। कई बार अधिकारियों के कहने के बाद भी मौत के गहरे गड्ढे भरे नहीं गए। वहीं, संबधित विभाग के अधिकारी किसी बड़ी घटना होने का इंतजार कर रहे हैं। बताया गया कि शहर की मुख्य सड़क के बीचोंबीच मौत के गहरे गड्ढे हो रहे हैं। हापुड़ अड्डे से गांधी आश्रम तक करीब 15 से ज्यादा सड़क के बीचों बीच गहरे गड्ढे हैं। इसके साथ तेजगढ़ी से लेकर मेडिकल तक गहरे गड्ढे हैं। सड़क के बीचोंबीच गहरे गड्ढे होने से दुर्घटना का खतरा बना रहता है। पिछले एक साल की बात की जाए तो इन गहरे गड्ढों के कारण 15 से ज्यादा लोग मौत का शिकार हो चुके हैं। 15 दिन पहले भी डीएम डॉ. वीके सिंह ने सड़क के बीचोंबीच हो रहे गहरे गड्ढों को भरने के लिए नगर निगम व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से कहा था, लेकिन सड़क पर गहरे गड्ढे भरे नहीं गए।